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सराहनीय: गरीब बच्चों का गूगल बने गुरु जी, गांव-गांव चला रहे 'स्ट्रीट क्लास'

भौतिकी प्रवक्ता रामेन्द्र सिंह कुशवाहा ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को आनलाइन पढ़ाई करने के तरीके सहित विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी देने के लिए एक अनूठा कार्यक्रम शुरू किया है जिसका नाम दिया है "स्ट्रीट क्लास"।

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Published on: 21 Sept 2020 10:08 PM IST
सराहनीय: गरीब बच्चों का गूगल बने गुरु जी, गांव-गांव चला रहे स्ट्रीट क्लास
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सराहनीय: गरीब बच्चों गूगल बने गुरु जी, गांव-गांव चला रहे 'स्ट्रीट क्लास'

औरैया: सहार कस्बा स्थित स्वामी विवेकानन्द इण्टर कॉलेज सहार के भौतिकी प्रवक्ता रामेन्द्र सिंह कुशवाहा ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को आनलाइन पढ़ाई करने के तरीके सहित विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी देने के लिए एक अनूठा कार्यक्रम शुरू किया है जिसका नाम दिया है "स्ट्रीट क्लास"।

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महामारी से बचाव हेतु जरूरी जानकारी

गांव नवादा धांदू में आयोजित अपने "स्ट्रीट क्लास" कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने उपस्थित लोगों को मास्क बांटे, हाथों को सेनेटाइज कराया और सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व व महामारी से बचाव हेतु जरूरी जानकारी दी। तत्पश्चात विज्ञान के प्रयोगों पर आधारित एक घण्टे का "साइंस शो" किया। जिसमेंं उन्होंने स्ट्रा में पानी का चढ़ना, जादुई बोतल का कारनामा, एक के बजाय दो डिब्बों को उठाने में हल्का लगना, ऊर्ध्वाधर घूमती बाल्टी से पानी का न गिरना, गुब्बारे का फूलना आदि सहित बल, दाब, घर्षण, परावर्तन से जुड़े प्रयोग करके दिखाए।

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उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग उ०प्र० द्वारा संचालित "वर्चुअल स्कूल" एवं उसकी समय सारणी की जानकारी दी। इसी के साथ उन्होंने नवोदय, इंस्पायर अवार्ड, विद्यार्थी विज्ञान मंथन, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा, राष्ट्रीय आय एवं छात्रवृत्ति योजना जैसी अन्य लाभकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बच्चों को जागरूक किया।

रामेन्द्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि जब हमने बच्चों से टेलीविजन पर प्रसारित "वर्चुअल स्कूल" कार्यक्रम को देखने की जानकारी प्राप्त की तो अधिकांश बच्चों ने अनभिज्ञता जाहिर की। इस पर उनके मन में आया कि क्यों ना गांव जाकर बच्चों को न केवल पढ़ाई की जानकारी दी जाए बल्कि अन्य शैक्षिक व लाभकारी योजनाओं से भी परिचित कराया जाए इस पर उन्होंने विज्ञान प्रयोगों पर आधारित एक घंटे के "स्ट्रीट क्लास" कार्यक्रम की शुरुआत की। अब तक वे क्षेत्र के गांव भूलाहार, बंसई और पुर्वा खुते में जा चुके हैं।

रिपोर्ट: प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया

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