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ना हों परेशां माता-पिता क्योंकि बच्चे की सेहत पर नजर रखेगा RBSK का नया एप्प

एक-एक बच्चे की सेहत पर नजर रखेगा आरबीएसके का नया एप्प पूरे यूपी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का नया एप्प लागू किया जा चुका है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले से कुछ जनपदों में लागू था जिसकी सफलता के बाद पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया। नयी खूबियों के साथ लांच नया एप्प मोबाइल मेडिकल टीम के लिए भी काफी सहूलियत भरा।

SK Gautam
Published on: 7 May 2019 12:42 PM GMT
ना हों परेशां माता-पिता क्योंकि बच्चे की सेहत पर नजर रखेगा RBSK का नया एप्प
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मऊ: सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले बच्चों की सेहत के लिए एक अच्छी खबर है। अब इन बच्चों की सेहत का ख्याल रखने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का नया एप्प लागू किया गया है। यह एप्प एक-एक बच्चे की सेहत की मानीटरिंग में काम आएगा। मऊ में इस एप्प को लेकर 70 से ज्यादा आरबीएसके के चिकित्सक व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

हांलाकि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अन्य कुछ जनपदों में पहले से ही आरबीएसके एप्प के माध्यम से काम हो रहा था लेकिन अब उस पुराने एप्प को बंद कर नया एप्प लागू किया गया है जो कई खूबियों के साथ फील्ड में जाने वाली मोबाइल मेडिकल टीम के लिए भी काफी सहूलियत भरा है।

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एक-एक बच्चे की सेहत पर नजर रखेगा आरबीएसके का नया एप्प पूरे यूपी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का नया एप्प लागू किया जा चुका है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले से कुछ जनपदों में लागू था जिसकी सफलता के बाद पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया। नयी खूबियों के साथ लांच नया एप्प मोबाइल मेडिकल टीम के लिए भी काफी सहूलियत भरा।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी आरबीएसके डॉ एम लाल ने बताया कि मऊ जिले में नये एप्प को लागू कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य आरबीएसके योजना में परर्फामेंस सुधारना है। इस एप्प में मोबाइल टीम अपने द्वारा चिह्नित उन बाल मरीजों का लगातार फालोअप कर सकेंगी जिनकों उन्होंने फील्ड से इलाज के लिए रेफर किया था। कोई भी बच्चा इलाज से वंचित नहीं रह पाएगा।

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उन्होंने बताया कि इस एप्प के कारण न केवल आरबीएसके टीम को माइक्रोप्लान का शत प्रतिशत पालन करना होगा, बल्कि शिक्षा विभाग और जिला कार्यक्रम विभाग को दो दिन पहले टीम पहुंचने की सूचना मिल जाएगी जिससे वे लोग भी शत प्रतिशत बच्चों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में सक्षम होंगे।

आरबीएसके की डीईआईसी मैनेजर अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि नये एप्प में RBSK के अन्तर्गत 38 प्रकार के रोगों का डिटेल है। जिले के 9 ब्लाकों में प्रति ब्लाक कार्यरत दो मोबाइल टीम जब स्कूलों एवम आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के सेहत की जांच करेगी तो बच्चों में कौन सी गंभीर बीमारी है, इसका विवरण एप्प में दर्ज हो जाएगा। जिन बच्चों को रेफर किया गया, उनमें से कितने अस्पताल नहीं पहुंचे यह भी देखा जा सकेगा। इससे फायदा यह होगा कि कोई भी बच्चा छूटने नहीं पाएगा और सभी का फालोअप होगा। एप्प में वे सभी सुधार किए गए हैं जिनसे आरबीएसके के लोग अच्छी परर्फामेंस दे सकें।

आरबीएसके के नये एप्प की खासियत

मोबाइल में नेटवर्क न रहने पर भी आरबीएसके के डाक्टर और पैरामेडिकल अपनी उपस्थिती व आंकड़े आफलाइन दर्ज कर सकेंगे। जैसे ही टीम नेटवर्क एरिया में आएगी, सभी आंकड़ें प्रेषित हो जाएंगे।

डीएम, सीएमओ, नोडल अधिकारी, बीएसए, डीपीओ, सीएचसी अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी, एबीएसए, सीडीपीओ डीईआईसी मैनेजर और स्टेट के लोग भी कभी भी एप्प से बच्चों के इलाज के लिए गई टीम का डिटेल जान सकेंगे।

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आरबीएसके टीम को फीड किए गए डेटा के प्रिव्यू व पोस्ट व्यू की सुविधा मिलेगी। फाइनल अपडेशन से पहले अगर कोई गलती हो गई है तो उसे सुधारा भी जा सकेगा।

एप्प में यह भी आप्शन दिया गया है कि अगर मोबाइल टीम की गाड़ी किसी कारणवश नहीं पहुंच पाती है तो नो आप्शन पर क्लिक करेंगे ताकि वैकल्पिक इंतजाम हो सके।

डा. सतीशचन्द्र सिंह मुख्य चिकित्साधिकारी मऊ ने बताया कि ये एक बेहतरीन एप्प है आरबीएसके के लिए लागू किए गए एस नये एप्प का प्रशिक्षण मऊ जनपद में दिया जा चुका है। यह एप्प फंक्शनल हो रहा है। प्रारंभ में कुछ तकनीकी दिक्कतें आई, उन्हें ठीक भी किया जा रहा है। यह एप्प अति शीघ्र पूरे जिले में पूर्ण रूप से लागू हो जाएगा। हमे पूरी उम्मीद है कि बच्चों की सेहत के लिए यह एप्प बेहतरीन एप्प साबित होगा।

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