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एक मर्दखोर रानी जिसने जिस्म को बनाया हथियार, इशारे पर नाचते रहे कई सम्राट

क्लियोपेट्रा एक ऐसी महिला जो जितनी सेक्सी थी, उससे कहीं अधिक शातिर, क्रूर और धोखेबाज भी थी। क्लियोपेट्रा इतनी अधिक महत्वाकांक्षी थी, कि उसने उन्हें पूरा करने के लिए अपने हसीन जिस्म का उतना प्रयोग किया जितना वो कर सकती थी।

Rishi
Published on: 7 May 2019 5:45 PM IST
एक मर्दखोर रानी जिसने जिस्म को बनाया हथियार, इशारे पर नाचते रहे कई सम्राट
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नई दिल्ली : क्लियोपेट्रा एक ऐसी महिला जो जितनी सेक्सी थी, उससे कहीं अधिक शातिर, क्रूर और धोखेबाज भी थी। क्लियोपेट्रा इतनी अधिक महत्वाकांक्षी थी, कि उसने उन्हें पूरा करने के लिए अपने हसीन जिस्म का उतना प्रयोग किया जितना वो कर सकती थी। ये उसके जिस्म की ही ताकत थी कि उस दौरान के तीन सबसे बड़े सम्राट जूलियस सीजर, मार्क एंथोनी और ऑक्टेवियन उसके इशारे पर नाचते रहे।

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उसकी मौत को लेकर इतिहासकार एकमत नहीं है। कुछ का कहना है कि उसने जहरीले सर्प से खुद को कटवाकर आत्महत्या कर ली। जबकि कुछ का कहना है कि उसने कम उम्र में ही नशे की लत पाल ली थी, जो उसके लिए जानलेवा साबित हुई।

जूलियस सीजर ने मिस्र की रानी बनने में क्लियोपेट्रा मदद भी की थी। काफी समय तक सीजर के साथ रही उन्हें एक बेटा भी हुआ। लेकिन रोम की जनता और राजशाही ने इनके रिश्ते को कभी भी मान्यता नहीं दी। कहा जाता है कि क्लियोपेट्रा भारत के गरम मसाले, मलमल और मोती की दीवानी थी। सिकंदरिया बंदरगाह आए जहाजों में भरे सारे सामान वो खरीद लिया करती थी।

कहते हैं कि क्लियोपेट्रो को अपने हसीन जिस्म का हथियार की तरह प्रयोग करना बखूबी आता था। और उसने इसका जादू सैकड़ों पुरुषों पर चलाया और उन्हें सीढियाँ बना आगे बढती गयी।

51 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक क्लियोपेट्रा ने मिस्र पर शासन किया। वो अंतिम फराओ भी थी। इसके बाद फराओ वंश समाप्त हो गया। 17 वर्ष की उम्र में ही पिता का साया उसके सिर से उठ गया। मरने से पहले पिता ने अपनी वसीयत में लिखा, कि क्लियोपेट्रा और उनका छोटा बेटा तोलेमी दियोनिसस राज्य पर शासन करेगा। तत्कालीन मिस्री परंपरा के मुताबिक उसे अपने ही भाई से शादी करनी थी, लेकिन इस बीच कुछ ऐसा हुआ कि उसे सीरिया भागना पड़ा।

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इस दौरान उसकी मुलाकात जूलियस सीजर से हुई, कुछ समय में ही उसने सीजर को अपना दीवाना बना लिया। इसके लिए उसने अपने जिस्म को हथियार बनाया, सीजर ने उसके कहने पर मिस्र पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में तोलेमी मारा गया और क्लियोपेट्रा के हाथ में मिस्र का ताज आ गया।

कहा जाता है कि इसके बाद उसने अपने दूसरे छोटे भाई के साथ मिलकर मज़बूरी में कुछ दिन राज किया, लेकिन इसके बाद उसने अपने भाई को जहर दे उसकी हत्या कर दी। बहन अरसीनोई को भी मौत के घाट उतार दिया।

कुछ समय बाद सीजर और उसके एक बेटा हुआ लेकिन रोम की जनता और राज परिवार उसे सिर्फ एक रखैल ही मानता था। इसके बाद सीजर उससे दूर रहने लगा तो क्लियोपेट्रा ने उसके जनरल मार्क एंथोनी को अपना शिकार बना लिया। कहते हैं कि एंथोनी से 3 बच्चे हुए। बाद में दोनों ने शादी कर ली और मिस्र पर राज करने लगे।

44 ईसा पूर्व में जब सीजर की हत्या हुई, तो उसके उत्तराधिकारी गाएस ऑक्टेवियन सीजर का एंथोनी और क्लियोपेट्रा ने विरोध किया और रोम पर हमला कर दिया, लेकिन ऑक्टेवियन की सेना के आगे इनकी एक न चली।

इसके बाद क्लियोपेट्रा सिकंदरिया भाग गयी। एंथोनी भी कुछ समय के बाद वापस आ गया। लेकिन अब तक बहुत कुछ बदल चुका था, ऑक्टेवियन के कहने पर क्लियोपेट्रा ने साजिश रची और धोखे से उसे भी मार दिया। जबकि वो बेचारा मरते दम तक यही सोचता रहा कि क्लियोपेट्रा आत्महत्या कर चुकी है।

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इसके बाद क्लियोपेट्रा ने ऑक्टेवियन पर अपने जिस्म का जादू चलाने का प्रयास किया, लेकिन वो जानता था कि ये उसे फंसा उसके राज्य पर कब्ज़ा कर लेगी। ऑक्टेवियन ने उसकी जहरीले सांप से कटवा उसकी हत्या कर दी। अपनी मौत के समय वो सिर्फ 39 साल की थी। क्लियोपेट्रा की मौत के बाद मिस्र रोम का हिस्सा बन गया।

कुछ इतिहासकार मानते हैं कि ऑक्टेवियन के डर से उसने और एंथोनी ने आत्महत्या कर ली थी। वहीँ कुछ का मत है कि क्लियोपेट्रा की मौत मादक पदार्थों के सेवन से हुई थी। क्लियोपेट्रा की मौत अगस्त 30 ईसा पूर्व में हुई थी।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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