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डिफेंस एक्सपो: हैं तैयार हम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: अब भारत वह देश नहीं रहा जो कभी रूस और अमेरिका का मुंह देखा करता था। रक्षा क्षेत्र में भारत अब अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस को टक्कर दे रहा है। लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का आयोजन इसकी सबसे बड़ी मिसाल है। एशिया का सबसे बड़ा हथियारों का मेला डिफेंस एक्सपो यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे और इसका मकसद रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ाना है।
कहा जा रहा है कि इस आयोजन के बाद उत्तर प्रदेश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का महत्वपूर्ण स्थल बन जाएगा। इसके व्यापक स्वरूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे पहले वर्ष 2018 में चेन्नई में एक्सपो का आयोजन 80 एकड़ क्षेत्र में हुआ था जबकि इस बार लखनऊ में यह आयेाजन 200 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में आयोजित होगा। इसका एक भाग यहां गोमती रिवरफ्रंट पर भी आयोजित किया जाएगा।
हर दो साल में होता है आयोजन
डिफेंस एक्सपो का आयोजन डिपार्टमेंट आफ डिफेंस प्रोडक्शन की तरफ से हर दो साल में किया जाता है। पहले यह आयोजन दिल्ली में होता था, लेकिन 2016 में इसके स्थान में परिवर्तन किया गया और फिर गोवा में आयोजन किया गया। उस समय देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर थे। तब भारत समेत 47 देशों ने इसमें भाग लिया था।
1053 कंपनियों ने इसमें अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया था। इसके बाद 2018 में इसका फिर हुआ और चेन्नई में रक्षा उत्पादों का जोरदार प्रदर्शन किया गया। तब रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण थी और उनकी देखरेख में 154 कंपनियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया था।
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सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो
डिफेंस एक्सपो 2020 अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक महत्वपूर्ण आयोजन है। इसमें भाग लेने वाले रक्षा उपकरणों और तकनीकों के प्रदर्शकों (एग्जिबिटर्स) की संख्या और आयोजन स्थल के हिसाब से यह क्षेत्रफल वाला सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो होगा। यह एक्सपो उत्तर प्रदेश में विकसित किए जा रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर को गति देगा। मेक इन इंडिया पर आधारित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर की स्थापना से भारत रक्षा उपकरणों का आयातक नहीं बल्कि निर्यातक बनकर उभरेगा।
नामी कंपनियां लेंगी हिस्सा
डिफेंस एक्सपो केंद्र सरकार के सहयोग से 5 से 9 फरवरी तक लखनऊ में आयोजित होगा। इसमें देश-दुनिया की नामी कंपनियां, सरकारी प्रतिनिधि और निवेशक शामिल होंगे। एक्सपो में अमेरिका, इजराइल, इंग्लैड, स्वीडन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली सहित तमाम देशों के डेलीगेट शामिल होंगे। इन देशों की कंपनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी। इसके साथ ही गोमती किनारे रिवर फ्रंट पर लाइव शो होगा, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना व वायुसेना के जांबाज अपने हुनर का प्रदर्शन अत्याधुनिक एयरक्राफ्टों व हथियारों के साथ करेंगे।
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इस रक्षा प्रदर्शनी के माध्यम से इस बात का पता चल सकेगा कि देश में ही बने रक्षा उपकरण मेक इन इंडिया के सपने को साकार कर रहे हैं। इसमें पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर के रक्षा क्षेत्रों के निवेशकों के साथ एमएसएमई इकाइयां भी शामिल होंगी। रक्षा क्षेत्र के मामले में वैसे भी यूपी की पोजीशन अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर हैं। हिन्दुस्तान एयरोनेटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की चार प्रमुख इकाइयां लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज तथा कोरवा (अमेठी) में है। इसके अलावा नौ आर्डिनेंस फैक्ट्रियां हैं जो कानपुर, कोरवा, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर में हैं।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
एक्सपो में यूपी, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु व महाराष्ट्र का विशेष फोकस होगा। यहां आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सिक्योरिटी, सॉफ्टवेयर निर्यात, सुरक्षित संवाद व नवीनतम औद्योगिक उपायों पर चर्चा होगी।
एक्सपो के लिए अब तक 22118 स्क्वायर मीटर भूखंड आरक्षित कराया जा चुका है। प्रदर्शनी के लिए अब तक 302 एजेंसियों ने पंजीकरण करा लिया है जिनमें 43 विदेशी कंपनियां हैं। इसके पहले चेन्नई में 2018 में हुए पिछले डिफेंस एक्सपो में 702 प्रदर्शकों ने पंजीकरण कराया था, जबकि इस बार यह संख्या 925 हो चुकी है। चेन्नई का एक्सपो 80 एकड़ क्षेत्रफल पर आयोजित हुआ था। वहीं लखनऊ में होने जा रहा डिफेंस एक्सपो 200 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में आयोजित होगा। इसके अलावा डिफेंस एक्सपो का दूसरा भाग गोमती रिवरफ्रंट पर भी आयोजित होगा।
डिफेंस कॉरीडोर का काम हुआ तेज
खास बात यह है कि दो रक्षा गलियारों में एक यूपी में विकसित किया जा रहा है। इस कॉरिडोर के लिए अलीगढ़ नोड्स पर आवश्यक भूमि का अधिग्रहण या खरीद की कार्रवाई हो गई है।
झांसी व चित्रकूट में यह काम तेजी से चल रहा है जबकि कानपुर व जालौन में भी काम ने गति पकड़ी है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के तहत छह नोड विकसित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी देश की सबसे आकर्षक नीति है जो डिफेंस कॉरीडोर को रफ्तार देने में सहायक होगी।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम
डिफेंस एक्सपो के लिए सिक्योरिटी के विशेष इंतजाम किए गए हैं। डिफेंस एक्सपो के लिए पुलिस से लेकर सेना और खुफिया एजेंसियों की विशेष भूमिका रहेगी। खुफिया एजेंसियों को तो अलर्ट भी कर दिया गया है। एक्सपो में देश-विदेश से हजार से अधिक एग्जीबिटर शामिल होंगे। इसमें भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शकों और निवेशकों ने सहमति दे दी है। कई निवेशकों ने निवेश के लिए सहमति पत्र (एमओयू) हस्ताक्षर करने की भी सहमति दे दी है। डिफेंस एक्सपो के दौरान 65 सहमति पत्र हस्ताक्षरित होने की उम्मीद है।
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निवेश आकर्षित करने का बड़ा मौका
डिफेंस एक्सपो की थीम ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस’ होगी। इसके लिए सात फोकस एरिया चिन्हित किये गए हैं जिन्हें इंद्रधनुष नाम दिया गया है। एक्सपो में भाग लेने वाले 925 प्रदर्शकों में से 775 भारतीय और 150 विदेशी होंगे। भारतीय प्रदर्शकों में से 243 एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े हैं जिन्हें 50 फीसदी रिबेट पर जमीन आवंटित की गई है। एक्सपो-2020 को राज्य सरकार निवेश आकर्षित करने तथा इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित करने के रूप में ले रही है। लखनऊ में आयोजन का निर्णय होते ही राज्य सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। आयोजकों को उपलब्ध कराई जाने वाली धनराशि का हिस्सा भी रिलीज कर दिया गया है।
सात देशों के सर्वाधिक निवेशक
इस आयोजन में सर्वाधिक प्रदर्शक और निवेशक सात देशों से आ रहे हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल, दक्षिण कोरिया, स्वीडेन और चेक गणराज्य शामिल हैं। यह सातों देश अपने पैवेलियन स्थापित करेंगे। सबसे ज्यादा कारोबारी सौदे और एमओयू भी इन सात देशों के साथ ही होने की उम्मीद है। डिफेंस एक्सपो-2020 का मोबाइल ऐप भी लांच किया है जिसमें क्यूआर कोड स्कैन करने पर इसकी सारी जानकारी मिलेगी। एक्सपो आम जनता के लिए खुला रहेगा। इसकी थीम उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र रखी गई है।
राज्य सरकार कर चुकी है बड़े आयोजन
राज्य सरकार ने पूर्व में भी बड़े राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय आयोजन सफलतापूर्वक किए हैं, जिनमें लखनऊ में 21-22 फरवरी 2018 को उत्तर प्रदेश इंवेस्टर्स समिट, वाराणसी में 21-23 जनवरी 2019 तक 15वां प्रवासी भारतीय दिवस तथा प्रयागराज कुम्भ-2019 शामिल है। कुम्भ में लगभग 25 करोड़ लोगों की उपस्थिति रही, जो सुव्यवस्था, स्वच्छता एवं सुरक्षा के लिए जाना जाता है। इसमें कानून-व्यवस्था, यातायात व्यवस्था सहित सबकुछ उत्कृष्ट रहा। प्रदेश में विकसित किए जा रहे डिफेंस कॉरीडोर को प्रोत्साहन देने के लिए 12000 वर्ग मीटर क्षेत्र पर उप्र सरकार के तीन पैवेलियन स्थापित किए जाएंगे। डिफेंस एक्सपो के आयोजन में शिरकत करने के लिए 135 देशों के रक्षा मंत्रियों, चीफ ऑफ स्टाफ तथा सेना व वायुसेना के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। इनमें से 70 देशों ने डिफेंस एक्सपो में शामिल होने के लिए सहमति दे दी है।