काशी के घाटों से मंदिर तक बड़ा बदलाव, गंगा आरती के लिए रजिस्ट्रेशन, जानें वजह

गंगा घाटों पर होने वाली गंगा आरती का अब रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। वाराणसी जिला प्रशासन ने इसका फरमान जारी कर दिया है। नए फरमान के अंतर्गत घाटों पर गंगा आरती करने के लिए बाकायदा शासन से परमीशन लेनी होगी।

Ashiki
Published on: 18 Feb 2021 2:53 PM GMT
काशी के घाटों से मंदिर तक बड़ा बदलाव, गंगा आरती के लिए रजिस्ट्रेशन, जानें वजह
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काशी के घाटों से मंदिर तक बड़ा बदलाव, गंगा आरती के लिए रजिस्ट्रेशन, जानें वजह

वाराणसी: बनारस के घाटों पर गंगा आरती कराने वाली संस्था को झटका लगने वाला है। गंगा घाटों पर होने वाली गंगा आरती का अब रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। वाराणसी जिला प्रशासन ने इसका फरमान जारी कर दिया है। नए फरमान के अंतर्गत घाटों पर गंगा आरती करने के लिए बाकायदा शासन से परमीशन लेनी होगी।

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दो संस्था में विरोध के बाद लिया गया फैसला

वाराणसी के अस्सी घाट पर दो संस्था आरती के लिए आमने-सामने आ गए। मामले में विरोध होने के बाद शासन ने ये निर्देश जारी किया है। दरअसल पिछले तीन दिनों से अस्सी घाट पर गंगा आरती के लिए रार मची हुई है। सुबह-ए-बनारस संस्था द्वारा सांध्य आरती का घाट पर पंडा समाज द्वारा विरोध किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक अस्सी घाट पर पहले से ही दो-दो गंगा आरती की जा रही है ऐसे में तीसरी आरती को लेकर विवाद शुरू हो गया है। गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष की मानें तो घाट पर कब्जा करने के लालच से कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं। सुबह- ए- बनारस संस्था पहले सुबह गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करती थी। फिर शाम को घाट संध्या शुरू किया और अब सुबह-ए-बनारस के मंच द्वारा सांध्य आरती भी शुरू कर दी गई। इस बात का विरोध घाट के पंडा समाज ने शुरू कर दिया।

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लगातार बढ़ता विरोध देख जिलाधिकारी कौशल किशोर शर्मा ने गंगा आरती के लिए नए नियम लागू करते हुए नगर निगम को निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी घाटों का स्वामित्व नगर निगम के पास है। अभी जितनी भी आरती घाट पर हो रही हैं, अब सबका नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। घाट पर स्थान भी नगर निगम ही आवंटित करेगा। इसके साथ ही आरती के रजिस्ट्रेशन का हर साल नवीनीकरण होगा।

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