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प्रवासी मजदूर भाई ना करें चिंता: रोजगार देगी योगी सरकार, कार्य योजना तैयार

खाड़ी देशों से आज हवाई जहाज से आने वालों में भी सब अपने प्रदेश के श्रमिक एवं कामगार ही हैं। हर श्रमिक से क्वारंटीन सेंटर में उसकी दक्षता की जानकारी ली जा रही है।

SK Gautam
Published on: 9 May 2020 2:24 PM IST
प्रवासी मजदूर भाई ना करें चिंता: रोजगार देगी योगी सरकार, कार्य योजना तैयार
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लखनऊ: पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनों से करीब सवा लाख प्रवासी श्रमिक उप्र पहुंच चुके हैं। 35 ट्रेनें रास्ते में हैं। अभी अगले कुछ दिनों तक रोज श्रमिकों को लेकर 35 से 40 ट्रेनें उप्र में पहुंचेंगी। खाड़ी देशों से आज हवाई जहाज से आने वालों में भी सब अपने प्रदेश के श्रमिक एवं कामगार ही हैं। हर श्रमिक से क्वारंटीन सेंटर में उसकी दक्षता की जानकारी ली जा रही है।

श्रमिक से क्वारंटीन सेंटर में उसकी दक्षता की जानकारी भी ली जा रही है

बता दें कि सेहत की जांच में स्वस्थ्य पाये जाने वाले को 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता और तय मात्रा में राशन के साथ होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। संदिग्ध को क्वारंटाइन सेंटर पर ही आगे की जांच के लिए आइसोलेट कर दिया जा रहा है। सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इस प्रक्रिया हर हाल में अनुपालन कराने के बाबत निर्देश दिये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी कार्ययोजना क्वारंटीन पूरा करने वाले श्रमिकों को तुरंत काम देने की है। मनरेगा, ईंट भट्ठे, चीनी मिलें और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़ी इकाईयों में इनको समायोजित किया जा रहा है।

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उप्र को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पेकिंग, ट्रांसपोरटेशन और विपणन के क्षेत्र में भारी संभावनाएं हैं। इसी तरह हम उप्र को रेडीमेड गारमेंट का भी हब बना सकते हैं। गोवंश के जरिए गो अधारित जैविक खेती, गो मूत्र और गोबर से बनने वाले उत्पादों और फूलों से बनने वाले इत्र, अगरबत्ती और उसके बचे हिस्से से कंपोस्ट की संभावनाओं को भी कल्टीवेट किया जाय। सरकार महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने को प्रतिबद्ध है। सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए महिलाओं को हर संभावित क्षेत्र में समायोजित किया जाएगा।

ट्रेनों और बसों के जरिए करीब आठ लाख श्रमिक अपने घरों को पहुंचे

मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र देश का पहला राज्य है जिसने दूसरे प्रदेशों में रह रहे अपने श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी की शुरुआत की। मार्च के अंतिम हफ्ते से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से शुरू यह सिलसिला जारी है। अब तक विभिन्न राज्यों से ट्रेनों और बसों के जरिए करीब आठ लाख श्रमिक लाए जा चुके हैं।

उम्मीद है कि कुल 20 लाख प्रवासी इस दौरान अपने घरों को लौटेंगे। इन सबको स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार देने को हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए दीर्घकालीन और अल्पकालीन दोनों तरह की योजनाएं सरकार के पास हैं। हर हालात में हम कोरोना जनित इस संकट को अवसर में बदलेंगे। इसके लिए हमने श्रम कानूनों में संसोधन भी किया है।

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दूसरे प्रदेशों से लौटे हुनरमंद और कर्मठ श्रमिकों को रोज़गार

श्रमिकों की वापसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार उनको रोजगार देने की कार्ययोजना बनाने में भी जुटी है। संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली गयी है। आने वाले दिनों में दूसरे प्रदेशों से लौटे हुनरमंद और कर्मठ श्रमिकों के बूते उत्तर प्रदेश रेडीमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले सह उत्पादों का हब बन सकता है। इस बाबत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जा चुका है।

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