×

रायबरेली में बवाल: मोदी के वर्चुअल संबोधन में भड़के किसान, DM ने संभाला मोर्चा

शनिवार को रायबरेली के सिविल लाइन एरीये में किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ था। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा किसानों को संबोधित करके मंचासीन थे। देश के प्रधानमंत्री का वर्चुअल संबोधन जारी था।

Newstrack
Published on: 25 Dec 2020 9:06 AM GMT
रायबरेली में बवाल: मोदी के वर्चुअल संबोधन में भड़के किसान, DM ने संभाला मोर्चा
X
रायबरेली में बवाल: मोदी के वर्चुअल संबोधन में भड़के किसान, DM ने संभाला मोर्चा (PC: social media)

रायबरेली: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी की पुण्य तिथि पर बीजेपी ने देश भर में किसान गोष्ठी का आयोजन रखा था। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित हुआ। सूबे के डिप्टी सीएम एवं जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश शर्मा इसमें शामिल हुए। लेकिन किसानों के हित की सरकार के दावों की पोल उस समय खुल गई जब एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल संबोधन चल रहा था और दूसरी ओर किसान भड़के हुए थे।

ये भी पढ़ें:रजनी की बिगड़ी तबीयत: पूरे देश भर के फैंस हुए दु:खी, अपोलो अस्पताल में भर्ती

शहर के सिविल लाइन में हुआ कार्यक्रम

raebareli-matter raebareli-matter (PC: social media)

शनिवार को रायबरेली के सिविल लाइन एरीये में किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ था। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा किसानों को संबोधित करके मंचासीन थे। देश के प्रधानमंत्री का वर्चुअल संबोधन जारी था। ठीक उसी समय पब्लिक की कतारों में कुर्सी पर बैठा बुजुर्ग किसान भड़क गया। "उसने कहना शुरू कर दिया कि इतना जानवर छोड़े हैं कि खेती का नुकसान हो गया, ये लोग देख रहे हैं। क्या बोए-क्या खाएं, क्या करें? दिक्कत ये है जानवर जीने नहीं दे रहे, जो बो रहे वो खा डाल रहे हैं। कोई सुविधा नही दे रहे, पूछ तक नही रहा। खैर डीएम वैभव श्रीवास्तव ने स्वयं किसानों के बीच पहुंचकर मोर्चा संभाला तब कहीं जाकर किसान शांत हुए।

डिप्टी सीएम बोले-कांग्रेस के समय में खेती-किसानी में नही किया गया कोई विशेष परिवर्तन

बता दें कि आज हुए किसान गोष्ठी कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ने कहा कि किसान का जीवन खेती-किसानी पर निर्भर करता है। ऐसे देश में हम लोग जानते हैं की हम आत्म निर्भरता के युग से आगे गुजरे हैं। एक समय ये था किसान अपनी खेती करता था और खेती करने के बाद जो उसकी उपज आती थी, उसमे वो एक समय वो सिंचाई करता था और बाकी समय छोटे-छोटे उद्योगों को करता था। अग्रेजों के समय में ऐसा कुशासन चला कि उन्होंने ये किया कि जो किसान आत्म निर्भर रहता था उस किसान से उन्होंने खेती-किसानी का स्तर बदला। छोटे-छोटे उद्योग धंधों के स्थान पर बड़े-बड़े उद्योग धंधे लगा दिए।

raebareli-matter raebareli-matter (PC: social media)

ये भी पढ़ें:आ रही महा तबाही: साल 2021 में बिछ जाएंगी लाशें, नए साल में आएंगी ऐसी आपदाएं

जिससे जो किसान खाली समय में अन्य आय को प्राप्त कर लेता था और आत्म निर्भर रहता था उस किसान को दूसरों पर निर्भर रहना पड़ा। ये जो कठिनाई थी वो आजादी के बाद भी तत्कालीन कांग्रेस के समय में भी था और उसमें कोई विशेष परिवर्तन नही किया गया। 2014 में देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी और 2017 में योगी आदित्यनाथ जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने इन्होंने हमेशा एक ही उपाय रखा के कैसे हम किसान भाइयों की आय को दुगुना कर दें। उनकी हमेशा एक ही इच्छा रही के गांव में रहने वाला जो हमारा अन्नदाता है उसकी आय दो गुनी होनी चाहिए।

रिपोर्ट- नरेन्द्र सिंह

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story