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Saharanpur: धूमधाम से मना मां शाकम्भरी देवी का प्रकटोत्सव, लगाए गए 56 भोग
धरती पर खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा था तब भक्तों की पुकार पर माता प्रकट हुई और वरदान दिया कि इस स्थान पर कभी भी शाक की कमी नहीं होगी.. तब मां भगवती ने पौष मास की पूर्णिमा तिथि को शाक उतपन्न किये थे।
सहारनपुर जनपद मे आज 51 सिद्धपीठ में से एक सिद्धपीठ मां शाकुम्भरी देवी का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान 1108 पदार्थो सहित 36 व्यंजनों और 56 भोग लगाया। जनपद सहारनपुर की तहसील बेहट इलाके के शिवालिक पहाड़ियों तलहटी मे स्थित मां शाकम्भरी देवी प्रकटोत्सव के मौके पर शंकराचार्य आश्रम में विशाल मां भगवती जागरण का आयोजन किया गया।
भक्तों की उमड़ी भारी भीड़
मां शाकंभरी के दर्शन करने और उनके चरणों में शीश नवाने के लिए आज भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी हर कोई भक्त अपनी अनुरूप माता का भोग लगाकर स्वयं को कृतार्थ कर लेना चाहता था भजन गाकर माता को प्रसन्न कर रहे थे तो कई भक्त माता के जयकारे लगा रहे थे ।
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आज तलहटी माता के जयकारों और उनकी भक्ति से गूंज रही थी महाराज सहजानंद के आश्रम में माता के अवतरण दिवस का आयोजन किया गया यहां पर कई तरह के व्यंजन और भोग तैयार किए गए।
36 व्यंजन और 56 भोग
जिसके बाद आश्रम प्रभारी सहजानंद महाराज ने सैकड़ों श्रद्धालुओं और मां के जयकारों के साथ मां भवानी के चरणों मे 36 व्यंजन और 56 भोग लगाया। इस दौरान सहजानंद जी महाराज ने कहा कि आज मां भगवती का अवतरण दिवस है। इस दिन मां भगवती ने अपने रोमो से शाक उत्पन्न किये थे। बताया कि जब संसार त्राहि त्राहि हो गया था।
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धरती पर खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा था तब भक्तों की पुकार पर माता प्रकट हुई और वरदान दिया कि इस स्थान पर कभी भी शाक की कमी नहीं होगी। तब मां भगवती ने पौष मास की पूर्णिमा तिथि को शाक उतपन्न किये थे। तभी से इस दिवस को मां शाकंभरी देवी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है सदानंद महाराज जी ने विश्व शांति और देश की खुशहाली की कामना भी की।
रिपोर्टर नीना जैन