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सपाइयों का प्रदर्शन: फीस माफी को लेकर सरकार को घेरा, पुलिस ने भांजी लाठी

फीस माफ किए जाने की मांग को लेकर समाजवादी छात्रसभा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दिगिविजय सिंह देव की अगुवाई में संगठन के युवाओं ने राजधानी में प्रदर्शन किया।

Newstrack
Published on: 31 Aug 2020 9:04 AM GMT
सपाइयों का प्रदर्शन: फीस माफी को लेकर सरकार को घेरा, पुलिस ने भांजी लाठी
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सपाइयों का प्रदर्शन: फीस माफी को लेकर सरकार को घेरा, पुलिस ने भांजी लाठी

लखनऊ: छात्र-छात्राओं की फीस माफ किए जाने की मांग को लेकर सोमवार समाजवादी छात्रसभा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दिगिविजय सिंह देव की अगुवाई में संगठन के युवाओं ने राजधानी में प्रदर्शन किया। राजभवन की ओर बढ रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठी भांजी। इसमें कई कार्यकर्ता गंभीर तौर पर चोटिल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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पुलिस ने किया लाठीचार्ज

छात्रसभा से जुडे सैकडों युवा सोमवार को एक साथ राजधानी के वीवीआईपी इलाके में एकजुट हुए और राजभवन की ओर कूच करने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राजभवन से ऐन पहले बंदरिया बाग चौराहे पर रोकने की कोशिश की लेकिन जब आक्रोशित कार्यकर्ता आगे बढने लगे तो पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोट आई है। पुलिस जब उन्हें पीटने लगी तो सभी प्रदर्शनकारी एकजुट होकर सडक पर बैठ गए।

file photo

लाठीचार्ज में नौ कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आयीं

इसके बावजूद पुलिस की लाठियां देर तक उन पर बरसती रहीं। बाद में पुलिस ने सभी हिरासत में लिया और बस में भरकर प्रदर्शन स्थल ले गई। छात्र सभा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि पुलिस के बर्बर लाठी चार्ज में नौ कार्यकर्ताओं को गंभीर चोट आई हैं उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह लोग प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में कोरोना काल के दौरान की फीस वसूले जाने का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने पॉलीटेक्निक और आईटीआई को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। शिक्षण संस्थानों में भर्ती के लिए आरक्षण नियम के साथ खिलवाड किया जा रहा है।

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नीट और जेईई परीक्षा का आयोजन कर भाजपा सरकार युवाओं की जान खतरे में डाल रही है। इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे थे लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे युवाओं को पुलिस ने योगी सरकार के आदेश पर बर्बर तरीके से पीटा है। सरकार यह याद रखे कि समाजवादी लोग सरकार की लाठी- गोली से डरने वाले नहीं हैं। हम मारेंगे नहीं और मानेंगे नहीं के सिद्धांत में भरोसा रखते हैं। सरकार को युवाओं के हक में फैसला करना होगा। ऐसे समय जब सभी लोग कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से परेशान हैं। आर्थिक गतिविधियां ठप हैं तब शिक्षण संस्थानों में फीस वसूली करना , छात्रों के भविष्य से खिलवाड करना है। इसकी वजह से हजारों छात्र-छात्राओं के शिक्षण पर रोक लगने जा रही है। सरकार को अपना फैसला बदलना होगा अन्यथा समाजवादी छात्र सभा का आंदोलन और भी तेज होगा।

प्रदर्शनकारियों में अंकित सिंह, जेबा यास्मीन, जयप्रताप सिंह यादव, अवनीश कुमार यादव, मोनू दुबे, हिमांशु, विकास यादव, पूजा यादव माधुर्य, महेंद्र यादव, सुल्तानपुर के इंद्रसेन शास्त्री आदि प्रमुख रहे।

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राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन-

कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देश व प्रदेश के छात्रों, गरीबों, किसानों व मजदूरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जिससे समाज के गरीब,व्यापारी वर्ग व वंचित तबके के लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति बदहाल हुई है।

ऐसे आर्थिक मंदी के दौर में भी सरकार आमछात्रों के ऊपर फीस जमा करने का दबाव बना रही है और जमा न कर पाने की स्थिति में छात्रों का परीक्षा परिणाम रोक दिया जा रहा है।

महामारी के दौर में भी योगी सरकार की हठधर्मिता जारी है जिससे सबसे ज्यादा छात्र व नौजवान प्रभावित हो रहे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा JEE व NEET की परीक्षा कोरोनाकाल जैसी विपरीत परिस्थितियों में कराए जाने का निर्णय संवेदनहीन है। जहाँ एक तरफ कोरोना का कहर है वहीं दूसरी तरफ बाढ़ से देश के तमाम हिस्सों में आमजनता का जीवन अस्त व्यस्त हुआ है। वहीं सामान्यतयः यातायात के साधन भी सहज उपलब्ध नही हैं।

योगी सरकार में लगातार गरीब व वंचित तबके से आने वाले छात्रों की अनदेखी की जा रही है जिससे छात्र समुदाय में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है।

सरकार की संवेदनहीनता इस कदर चरम पर है कि वह लगातार शिक्षा के निजीकरण पर उतारू है जिसका जीता जागता उदाहरण सरकार द्वारा आईटीआई व पॉलिटेक्निक कॉलेजों को निजी हांथों में देना है।

महामहिम खासकर लविवि के विभिन्न विभागों में इस सत्र में अथिति प्रवक्ता की जो भर्तियां हो रही हैं उसमें आरक्षण नियमावली का उल्लंघन हो रहा है जो कि दलितों,पिछड़ों व गरीबों के अधिकारों पर कुठाराघात है।

अतः आप महामहिम महोदया से समाजवादी छात्रसभा उत्तर प्रदेश सादर अनुरोध करती है कि विभिन्न छात्रहितों के मुद्दों पर सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करें जो कि नितांत आवश्यक भी है।

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प्रमुख मुद्दे हैं-

1- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी, समस्त छात्र-छात्राओं व शिक्षक संगठनों के भारी विरोध के बावजूद सरकार द्वारा NEET व JEE समेत विभिन्न प्रतियोगी तथा स्नातक, परास्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के कराए जाने संबंधी आदेश को स्थगित किया जाए।

2- शिक्षण संस्थानों द्वारा फीस के लिए छात्रों पर दबाव बनाया जाना व फीस न जमा कर पाने की स्थिति में परीक्षाफल को रोक देने का समाजवादी छात्रसभा विरोध करती है।

3- योगी सरकार द्वारा किए जा रहे उत्तर प्रदेश के तमाम शिक्षण संस्थानों का निजीकरण गरीब विरोधी है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए।

4- लखनऊ विश्वविद्यालय में हो रही अतिथि प्रवक्ता के 245 पदों पर आरक्षण नियमावली के तहत ही भर्तियां कराई जाएं।

रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी

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