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फर्जी एन्काउन्टरों पर सपा ने सरकार को घेरा, किया वाकआउट

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। सपा ने दोषी पुलिकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई न करने पर सरकार से सवाल-जबाव किये और सरकार के जवाब से असन्तुष्ट होकर सदन से वाकआउट किया।

SK Gautam
Published on: 25 Feb 2020 3:56 PM GMT
फर्जी एन्काउन्टरों पर सपा ने सरकार को घेरा, किया वाकआउट
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लखनऊ: प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस द्वारा किए जा रहे फर्जी एनकाउन्टरों को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। सपा ने दोषी पुलिकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई न करने पर सरकार से सवाल-जबाव किये और सरकार के जवाब से असन्तुष्ट होकर सदन से वाकआउट किया।

प्रश्नकाल में बहुजन समाज पार्टी के सदस्य श्याम सुन्दर शर्मा ने एक प्रश्न के माध्यम से सरकार से जानना चाहा कि एक जुलाई 2017 से 30 सितम्बर, 2018 के बीच कितने प्रदेश में फर्जी एन्काउन्टर, फर्जी मुठभेड़, पुलिसकर्मी द्वारा हत्या या हत्या के प्रयास की कुल कितनी घटनायें हुयी हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या सरकार इन घटनाओं में शामिल दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगी ?

जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा-

सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में इस अवधि में राजधानी लखनऊ में पुलिसकर्मियों द्वारा हत्या किये जाने के संबंध में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। इस घटना में लिप्त दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया है। दोनों दोषी पुलिसकर्मियों को निलम्बित किये जाने के बाद भी सरकार नहीं रूकी बल्कि सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है।

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श्याम सुन्दर शर्मा ने संसदीय कार्य मंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। फर्जी एन्कांउटर में निर्दोष लोगों को मारे जाने के मुद्द्े पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चैधरी ने कहा कि सरकार के लिखित और मौखिक जवाब में अंतर है। उन्होंने शामली और आजमगढ़ में एन्काउन्टर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है। सरकार ने जनता को पूरी तरह से परेशान किया हुआ है। इस तरह की घटनाओं में मारे गये लोगों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए। इसके बाद सपा के सभी सदस्य सदन से वाकआउट कर गये।

इससे पूर्व सपा के मनोज कुमार पांडेय तथा बसपा के श्याम सुन्दर शर्मा ने प्रदेश में छुट्टा जानवरों से किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया। नेता विरोधी दल राम गोविन्द चैधरी ने भी इस मुद्दे पर दोनों सदस्यों का साथ दिया। सरकार की ओर से जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि छुट्टा जानवरों से किसानों की फसलों को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। सरकार की ओर से जानवरों से फसलों को होनेवाले नुकसान का मुआबजा दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने खाद्यान्न के उत्पादन के आंकडों को पेश करते हुए कहा कि आंकड़ों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को उनकी फसलों में कोई नुकसान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ा ही है।

अनुपूरक नेता विरोधी दल राम गोविन्द चैधरी ने पूछा सवाल

सपा सदस्य मनोज पाण्डेय ने सरकार से अनुपूरक सवाल किया कि फसलों को बचाने के दौरान छुट्टा जानवरों के हमले से कितने किसानों की मौत हुई और कितने घायल हुए। इसी तरह का अनुपूरक नेता विरोधी दल राम गोविन्द चैधरी ने भी करते हुए पूछा कि छुट्टा जानवरों से किसानों को कितना नुकसान हो रहा है। साथ ही दैवीय आपदा में छुट्टा जानवरों की समस्या को शामिल करते हुए क्या सरकार किसानों को मुआवजा दिलायेगी ? कैबिनेट मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि साढ़े चार लाख से ज्यादा गोवंशों को पशु आश्रय स्थलों में रखा गया है। कुछ को लोगों ने सरकारी सहायता पर ले लिया है।

प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी के सदस्य मनोज कुमार पाण्डेय और बसपा सदस्य उमाशंकर सिंह ने सरकार से जानना चाहा कि प्रदेश में हुई अत्यधिक वर्षा से कुल कितने कच्चे मकान गिर गये हैं और उनमें से कितने लोगों को मुख्यमंत्री आवास योजना में शामिल किया गया है? क्या सरकार शेष पात्रों को आवास दिलायेगी?

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सरकार की ओर से जवाब देते हुए ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ ‘मोती सिंह’ ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध करायी सूचना के अनुसार वर्ष 2019 में प्रदेश के 36 जनपदों में कुल 52676 कच्चे मकानों को क्षति पहुंची है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में 7830 परिवारों को एवं वर्ष 2019-20 में 7205 परिवारों को कुल 15035 परिवारों को लाभान्वित कराया गया है। मंत्री ने बताया कि अवशेष पात्र लाभार्थियों को योजना के अन्तर्गत लाभान्वित कराया जाना वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है।

किसानों को गन्ने का समर्थन मूल्य चार सौ पचास रूपए देने का सरकार का वादा

विधान सभा में बजट पर आज भी जारी चर्चा में भाग लेते हुए बसपा विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में जो वायदे किए थे, उन्हें पूरे करने में पूरी तरह वह विफल साबित हुई है। सरकारी दावों के बावजूद अभी बड़ी संख्या में किसानों को उनके बकाए का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया। सरकार ने अपने संकल्प पत्र किसानों को गन्ने का समर्थन मूल्य चार सौ पचास रूपए देने का वादा किया था। बसपा सदस्य ने कहा कि मौजूदा सरकार में विकास का खोखला ढिंढोरा पीटा जा रहा है। इसके जवाब में गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं- परियोयोजनाओं से विपक्ष के लोगों की दुकानदारी बंद हो गयी है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।

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बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए सुहेलदेव राजभर पार्टी के सदस्य ओमप्रकाश राजभर ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कि देश-प्रदेश इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना, सुहेलदेव राजभर पार्टी के ओमप्रकाश राजभर ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा के दौरान इन दलीय नेताओं ने सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया।

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