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Santkbir Nagar News: वित्तीय अनियमितता करने वाले पूर्व प्रधान की जमानत अर्जी निरस्त

Santkbir Nagar News: फर्जीवाड़ा कर वित्तीय अनियमितता करने वाले पूर्व प्रधान की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार ने निरस्त कर दी।

Amit Pandey
Published on: 4 Jun 2023 2:14 AM IST
Santkbir Nagar News: वित्तीय अनियमितता करने वाले पूर्व प्रधान की जमानत अर्जी निरस्त
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वित्तीय अनियमितता करने वाले पूर्व प्रधान की जमानत अर्जी निरस्त: Photo- Social Media

Santkbir Nagar News: फर्जीवाड़ा कर वित्तीय अनियमितता करने वाले पूर्व प्रधान की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार ने निरस्त कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि धर्मसिंघवा थाना अंतर्गत रैधरपार निवासी संपूर्णानंद उपाध्याय ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया कि उनके गांव के पूर्व प्रधान जैसराम साहनी ग्राम पंचायत के व्यक्तियों का कूट रचित जॉब कार्ड बनाकर और बैंक का पासबुक अपने पास रख कर मनरेगा मजदूरी के तहत फर्जी काम दिखाकर बैंक के कर्मचारियों को अपने प्रभाव में रखकर सरकारी लाखों रुपए का गबन कर लिया ।

उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि उनके गांव के शेषमन की मृत्यु वर्ष 2015 में हो चुकी थी लेकिन उनका जॉब कार्ड के आधार पर वर्ष 2019 में 69 दिन मजदूरी दिखाकर बैंक से फर्जी तरीके से पैसा निकाला गया था ।

मृत लोगों के नाम जॉब कार्ड बनाकर 95 दिन की मजदूरी का गबन

इसी प्रकार से शेषमन की पत्नी दुर्गावती के मृत्यु होने के बाद जॉब कार्ड बनाकर 95 दिन की मजदूरी दिखाकर पैसा गबन कर लिया गया तथा तालाब के कागजात को फर्जी तरीके से कई नामों से खुदाई व सफाई कर वर्ष 2016 से 2001 तक फर्जी तरीके से कई क़िस्त में पैसा निकाल लिया गया व अंबिका के खेत से मिट्टी खुदाई को तालाब की फर्जी खुदाई दिखाकर पैसा निकाल लिया गया।

इस प्रकार कुल 6041289 रुपए का गबन करने का आरोप लगाया गया। वादी ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया कि संबंधित आरोपी काफी प्रभावशाली व राजनैतिक पहुंच वाले थे जिसके कारण पुलिस ने मुकदमा नही लिखा तब न्यायालय के समक्ष आने पर न्यायालय के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत हुआ।

पूर्व प्रधान की जमानत अर्जी निरस्त

जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी पूर्व प्रधान जैसराम साहनी ने सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जिस पर सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए।

Amit Pandey

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