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सोनभद्र हत्याकांड की जांच के लिए एस-एसटी आयोग की टीम घटनास्थल रवाना
उप्र. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने सोनभद्र में बुधवार को दबंगों द्वारा 10 आदिवासियों की हत्या किये जाने की घटना को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुये मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन कर घटनास्थल पर भेजा है।
लखनऊ: उप्र. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने सोनभद्र में बुधवार को दबंगों द्वारा 10 आदिवासियों की हत्या किये जाने की घटना को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुये मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन कर घटनास्थल पर भेजा है।
इसके साथ ही उन्होंने सोनभद्र के डीएम व एसपी को अभियक्तों की तुरंत गिरफ्तारी कर आदिवासियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने का निर्देश दिया है।
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अभियुक्तों पर रासुका और गैंगस्टर की तैयारी
आयोग अध्यक्ष ने इस मामले की कोर्ट में प्रभावी पैरवी करने तथा अभियुक्तों पर गैंगस्टर व रासुका लगाने की तैयारी करने को कहा है। उन्होंने इस मामले में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही की जांच पुलिस उप महानिरीक्षक, विन्ध्यांचल परिक्षेत्र, मिर्जापुर को सौंपी है।
आयोग अध्यक्ष बृजलाल ने आयोग के उपाध्यक्ष मणिराम कौल तथा सदस्य रामसेवक खरवार की एक टीम को गुरुवार को घटनास्थल पर भेजा है।
यह टीम घटनास्थल का निरीक्षण करेगी, आदिवासियों से बात करेगी तथा घायलों से मुलाकात भी करेगी और वस्तुस्थिति की जानकारी आयोग के अध्यक्ष के सामने पेश करेगी।
बृजलाल ने विन्ध्यांचल रेंज के डीआईजी को अपनी रेंज के 10 निरीक्षकों और उप निरीक्षकों की टीम बनाकर इस मामले की विवेचना कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि डीआईजी विन्ध्यांचल रेंज और एसपी सोनभद्र इस पूरी कार्यवाही की मानिटरिंग करेंगे।
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रायफलों और बंदूकों के खोखे की होगी जांच
उन्होंने कहा कि विवेचना के तहत मौके पर मिले रायफलों और बंदूकों के खोखे व अभियुक्तों से बरामद किये गये हथियारों को मिलान के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला व बैलिस्टिक एक्सपर्ट को भेजा जाये। जिससे अभियुक्तों की संलिप्तता वैज्ञानिक रूप से सिद्ध की जा सके।
आयोग अध्यक्ष ने घटना में शामिल अभियुक्तों को जल्द सजा दिलाने के लिए मुकदमें को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्देश दिया हैें। साथ ही कहा है कि इस मामले में न्यायालय में मजबूती से पैरवी की जाये जिससे अभियुक्त जमानत पर न छूट पाये और इसके बावजूद अगर अभियुक्त जमानत लेने का प्रयास करते है तो उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्यवाही की जाये।
उन्होंने कहा है कि इस घटना में लोक व्यवस्था पूरी तरह से भंग हुयी है इसलिए इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अन्तर्गत अभियुक्तों को निरूद्ध करने की तैयारी कर ली जाए जिससे जमानत होने की दशा में उन्हें रासुका में निरूद्ध किया जा सके।
इसके साथ ही आयोग अध्यक्ष ने घटना के पीड़ितों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियमावली में प्राविधानित आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाये तुरंत मुहैया करायी जाये।