UP में स्वास्थ विभाग पर घोटाले की आंच! मंत्री ने CM योगी को लिखा पत्र

घोटोले पर उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टाॅलरेंस की नीति है। प्रदेश की सरकार ने भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करने का संदेश दे चुकी है। सरकार ने भष्ट्राचार से जुड़े मामलों में सख्त कार्रवाई की है।

Dharmendra kumar
Published on: 29 May 2020 4:08 PM GMT
UP में स्वास्थ विभाग पर घोटाले की आंच! मंत्री ने CM योगी को लिखा पत्र
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लखनऊ: घोटोले पर उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टाॅलरेंस की नीति है। प्रदेश की सरकार ने भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करने का संदेश कई बार दे चुकी है। सरकार ने भष्ट्राचार से जुड़े मामलों में सख्त कार्रवाई की है। चाहे वह उत्तर प्रदेश EPF घोटाला हो या कोई दूसरा। लेकिन अब प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग पर घोटाले की आंच पड़ सकती है।

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने स्वास्थ्य विभाग में घोटाले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने इस मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है। स्वास्थ्य मंत्री का आरोप है कि उनके विभाग मे टेंडर पास होने के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर बगैर प्रक्रिया के पैसे भेजे दिए गए।

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राष्ट्रीय कैंसर, ह्रदय रोग, मधुमेह एवं स्ट्रोक नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (NPCDCS) के तहत उत्तर प्रदेश के जिलों मे कई तरह की मुद्रित सामग्री वितरण करने के लिए प्रिंटिग का ठेका टेंडर के जरिए दिया जाना था। इस टेंडर के लिए पूरी प्रक्रिया होने के बाद एक कंपनी को ठेका दे दिया गया। मंत्री ने आरोप लगाया है कि निदेशक स्वास्थ्य मिशन ने बगैर मंजूरी के ये कार्य किया।

इससे पहले उत्तर प्रदेश में पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के पीएफ घोटाले का भी मामला सामने आ चुका है। मामले में सीबीआई ने इसी महीने 2 आईएएस अधिकारियों से पूछताछ भी की और उनके बयान दर्ज किए।

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सीबीआई ने पूर्व प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अपर्णा यू से पूछताछ की है। इन दोनों अधिकारियों से प्रदेश में हुए 2631 करोड़ रुपये के पीएफ घोटाले के मामले में कई नियम कायदे कानून के बारे में पूछताछ की गई।

इस मामले में पूर्व एमडी एपी मिश्र, निदेशक व सचिव, डीएचएफएल के क्षेत्रीय प्रबन्धक अमित प्रकाश समेत 15 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।

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दरअसल प्रदेश की सरकार ने पहले जांच ईओडब्ल्यू को दी थी, लेकिन बाद में पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के 2 दिन बाद ही विभाग के वित्त निदेशक सुधांशु त्रिवेदी, सचिव पीके गुप्ता और उसके बाद पूर्व एमडी एपी मिश्र को गिरफ्तार कर लिया था।

Dharmendra kumar

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