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यूपी के इस एक जिले से 46 दिन में रोडवेज को 13 करोड़ 80 लाख रुपए का नुकसान

लाॅकडाउन मे जहां पूरा देश बंद हो गया तो वही विभागों को भी बङा नुकसान उठाना पङ रहा है। ऐसे मे यूपी के शाहजहांपुर में रोडवेज विभाग के अधिकारियों से बात की तो नुकसान का आंकङा लगाकर हैरान रहे गए।

Aditya Mishra
Published on: 7 May 2020 11:41 AM GMT
यूपी के इस एक जिले से 46 दिन में रोडवेज को 13 करोड़ 80 लाख रुपए का नुकसान
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आसिफ अली

शाहजहांपुर: लाॅकडाउन मे जहां पूरा देश बंद हो गया तो वही विभागों को भी बङा नुकसान उठाना पङ रहा है। ऐसे मे यूपी के शाहजहांपुर में रोडवेज विभाग के अधिकारियों से बात की तो नुकसान का आंकङा लगाकर हैरान रहे गए।

लाॅक डाउन से पहले शाहजहांपुर रोडवेज विभाग प्रतिदिन तीस लाख रूपये की आमदनी करता था। लेकिन लाॅक डाउन के बाद महज एक दिन 9 बसे चलाई गई।

जिसमें महज 6 हजार रूपए की आमदनी हो पाई। कुल मिलाकर 46 दिन लाॅक डाउन मे रोडवेज विभाग को 13 करोड़ 80 लाख रूपये का नुकसान उठाना पड़ा है।

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रोडवेज के 744 कर्मचारियों को सैलरी की आस

अगर ऐसा ही रहा तो जल्द वो दिन भी आने वाला है जब रोडवेज के 744 कर्मचारियों को सैलरी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। वही रोडवेज ड्राईवरों की बात करें उनको भी पीएम और सीएम से बङी शिकायते है। क्योंकि अब इन ड्राईवरों की सैलरी भी कम कर दी गई है।

शाहजहांपुर के रोडवेज बस अड्डे पर ये वही बसे है जो यूपी से लेकर अन्य राज्यों मे सवारियों को ले जाती थी। लेकिन लाॅक डाउन को आज 46 दिन बीत चुके है। तब से इन बसों के पहिये थम गए।

एआरएम एसके वर्मा के मुताबिक लाॅक डाउन से पहले की बात करें यही बसे प्रतिदिन रोडवेज विभाग को 30 लाख रूपये की आमदनी करके देती थी। शाहजहांपुर के रोडवेज विभाग मे 744 कर्मचारी कार्यरत है। जिनको 1 करोड़ 20 लाख रूपये प्रति माह सैलरी बांटी जाती है।

लाॅकडाउन मे 46 दिन मे रोडवेज विभाग को 13 करोड़ 80 लाख रूपये का बङा नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे मे अब अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर ऐसा ही रहा तो रोडवेज के कर्मचारियों की सैलरी बांटना भी टेढ़ी खीर हो जाएगा।

शाहजहांपुर मे एक हाॅटस्पाट जोन

एआरएम एसके वर्मा ने बताया कि लाॅक डाउन के बाद शाहजहांपुर मे एक हाॅट स्पाट जोन बनाया गया था। जहां एक कोरोना पाॅजिटिव जमाती मिला था। जिसके बाद काफी ज्यादा सख्ती कर दी गई थी। पूरी तरह से रोडवेज की बसों को चलना बंद कर दिया था।

लेकिन दो दिन पहले छूट के साथ हाॅट स्पाट जोन को भी खत्म कर दिया गया था। उसके बाद रोडवेज बसो को जनपद की सीमा मे चलाने के आदेश दिये थे। लेकिन उसकी भी शर्ते रखी गई थी। बस मे अधिकतम 25 सवारी बैठाने के आदेश दिये है।

ताकि बसों मे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। 6 मई के दिन 9 बसे चली। जिसमे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। लेकिन सवारियों के नाम पर महज 180 सवारियों ने सफर किया। जिनसे रोडवेज विभाग को महज 6877 रूपये की ही आमदनी हो सकी। जबकि 16 हजार रूपये का डीजल रोडवेज विभाग को डलवाना पङा।

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ड्राईवरों के वेतन से तीन से चार हजार रूपये की कटौती

अब बात करते है रोडवेज विभाग के संविदा पर लगे ड्राईवरों की। इन ड्राईवरों मे किसी को 14 हजार रूपये सैलरी मिलती है। तो किसी को 10 हजार रूपये सैलरी मिलती है।

जिससे इनके परिवार का पेट पलता है। लेकिन ड्राइवर हरिओम वाजपेयी और अमित कुमार का कहना है कि उनको बताया गया है कि अब सैलरी मे से तीन से चार हजार रूपये काट लिये जाएंगे।

उनका कहना है कि जब पीएम मोदी और सीएम योगी ने कहा था कि लाॅक डाउन मे किसी भी कर्मचारियों की सैलरी नही काटी जाएगी तो फिर अब ऐसा क्यों किया जा रहा है। ड्राईवरों ने पीएम और सीएम से अपील की है कि हमारा भी परिवार है। हमारी सैलरी को न काटा जाए।

शाहजहांपुर मे रोडवेज विभाग के पास 122 बसे है। जो अन्य जिलों और दूसरे राज्यों मे जाने वाली है। लाॅक डाउन मे 66 बसे सरकार ने मजदूरों को लाने के लिए हरियाणा या अन्य प्रदेशों मे भेजी है। आमदनी के नाम पर सिफर इस विभाग को उनके मेंटीनेंस पर भी खर्च करना भारी पङ जाएगा। लेकिन इस लाॅक डाउन मे एक बात तो साफ हो गई है कि आने वाला समय रोडवेज विभाग के कर्मचारियों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है।

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Aditya Mishra

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