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आउटसोर्सिंग भर्ती के नाम पर अभ्यर्थियों का शोषण, मांगे गए 2-2 लाख रूपए

इसके अलावा आरोप यह भी है कि जॉइनिंग के बाद से सिर्फ छह महीने का वेतन भुगतान किया गया है और शेष इक्कीस महीने का वेतन अभी भी बकाया है।

Aradhya Tripathi
Published on: 26 Jun 2020 12:55 PM GMT
आउटसोर्सिंग भर्ती के नाम पर अभ्यर्थियों का शोषण, मांगे गए 2-2 लाख रूपए
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सिद्धार्थनगर: शासन द्वारा कार्य करने के लिए आउटसोर्सिंग के आधार पर भर्तीयां हुईं। लेकिन इन भर्तियों में अभ्यर्थियों का शोषण भी बहुत हुआ। जिसके बाद कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। लेकिन आउटसोर्सिंग से नौकरियों में लोगों का शोषण आज भी जारी है।

कर्मचारियों से की जा रही 2-2 लाख की मांग

ताज़ा मामला सिद्धार्थनगर का है जहाँ पर आउटसोर्सिंग के जरिये नौकरी कर रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का शोषण करने के साथ साथ नवीनीकरण के नाम पर सभी कर्मियों से दो-दो लाख रुपये की मांग की जा रही है। यह मांग ज़िले की सीएमओ व संबंधित एजेंसी के द्वारा की जा रही है। ऐसा आरोप आउटसोर्सिंग के जरिए नौकरी करने वाले कर्मचारी लगा रहे हैं।

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इसके अलावा आरोप यह भी है कि जॉइनिंग के बाद से सिर्फ छह महीने का वेतन भुगतान किया गया है और शेष इक्कीस महीने का वेतन अभी भी बकाया है। जिसके लिए आज इन कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को पत्र लिखकर बकाया वेतन सीएमओ दर्शाया पैसे की मांग व अपने नवीनीकरण की मांग की है

सीएमओ ने नकारी पैसे की मांग करने की बात

वहीं इन आरोपों पर ज़िले की सीएमओ ने पैसे की मांग को नकारते हुए कहा कि वह तीन महीने से लगातार शासन में पत्र लिख कर आउटसोर्सिंग के पुर्ननियोजन सम्बंध में दिशा निर्देश की मांग की जा रही है। और आउटसोर्सिंग में कोर्ट का भी मामला है तो और कर्मचारियों की कमी से विभाग में साफ सफाई काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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और वह आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से काम भी नही ले पा रही है। तो जब तक कोई दिशा निर्देश शासन से नही आता है तबतक हम कुछ भी नहीं कर सकते। और पैसे लेने का सवाल ही नही है। ऐसे में यह आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपने वेतन व नवीनीकरण के लिए अधिकारियों के ऑफिसों के चक्कर लगाने को मजबूर है।

रिपोर्ट- इंतज़ार हैदर

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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