TRENDING TAGS :
मिड-डे मील खाने वाला प्रधानाध्यापक: ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ा, शुरू हुई जांच
जब कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री जी का कहना है कि अध्यापक बच्चों के घर पर किताब और राशन पहुंचा दें। जिससे उन्हें खाने व पढ़ने में कोई दिक्कत न हो।
सिद्धार्थनगर: सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मिशन कायाकल्प सहित विद्यालयों में तमाम योजनाएं शुरू की गईं। जिससे गांव के गरीब बच्चे आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सकें और शिक्षित हो सकें। लेकिन विभागीय अध्यापक सरकार की मनसा को पूरी तरह से तार-तार कर रहे हैं।
मिड डे मील के राशन की कालाबाजारी करते प्रधानाध्यापक
आपको बताते चलें कि शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी के गृह जनपद में शोहरतगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत मकरौड में पूर्व माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक विनोद कुमार चौधरी द्वारा मिड डे मील राशन की कालाबाजारी करते हुए ग्रामीणों ने पकड़ा। जिसकी शिकायत ग्रामीणों में उप जिला अधिकारी शोहरतगढ़ और बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थनगर से की। उप जिला अधिकारी महोदय ने पूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर को मौके पर भेजकर मामले की जांच करने को कहा और बरामद राशन रसोईया के घर जहां प्रधानाध्यापक पहले से ही स्कूल का राशन रसोईया के घर ही रखते थे।
ये भी पढ़ें- सुशांत केस: सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, सीबीआई से जांच की मांग
ये भी पढ़ें- भारत पर बड़ा खतरा: देश में सुरक्षा एजेंसियां हुई चौकन्ना, आतंकी अलर्ट जारी
और आज रसोईया के घर पर ही राशन को कालाबाजारी करने की नियत से प्रधानाध्यापक द्वारा स्थानीय व्यापारी के हाथों बेचा जा रहा था। स्कूल के कुछ बच्चों ने इसका विरोध किया उसके बाद भी अध्यापक जी नहीं माने तब बच्चों ने गांव से कुछ लोगों को बुलाया गांव वालों ने जब मास्टर साहब से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में हमने अपने जेब से खर्च करके बच्चों को खाना खिलाया था उसकी पूर्ति करने के लिए इसे हम बेच रहे हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शुरू की जांच
ये भी पढ़ें- देश में कोरोना का रिकवरी रेट 64.44 फीसदी: स्वास्थ्य मंत्रालय
जब कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री जी का कहना है कि अध्यापक बच्चों के घर पर किताब और राशन पहुंचा दें। जिससे उन्हें खाने व पढ़ने में कोई दिक्कत न हो। तो वहीं ग्रामीणों ने कहा कि जब दिसंबर के महीने में अधिकतर विद्यालय बंद थे शीतलहर के कारण तो आपका विद्यालय खुला कैसे था और जब विद्यालय खुला नहीं था तो बच्चों को खाना कहां से खिलाया गया। इन्हीं सब बातों को लेकर मौका मिलते ही प्रधानाध्यापक वहां से फरार हो गए और विभाग ने इसकी रिपोर्ट तहसील प्रशासन को सौंप दी है।
Basic Shiksha Minister
ये भी पढ़ें- हमीरपुर में कोरोना का कहर, प्रधान समेत तमाम आए चपेट में
अब देखने की बात यह है कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। और उधर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी मामले की जांच शुरू कर दी और आज रिपोर्ट भी आने की बात बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा की जो भी मामला सामने आएगा उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
रिपोर्ट- इंतज़ार हैदर