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Sonbhadra News: सिक्किम के राज्यपाल बोले- महात्मा गांधी के ‘रामराज’ के लिए श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण जरूरी
Sonbhadra News: शहीद उद्यान ट्रस्ट की तरफ से जिला मुख्यालय पर आयोजित श्री रामजन्मोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने भगवान राम की महिमा बखानी। कहा कि अगर देश को सर्वोच्च बनाना है तो भगवान श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करना ही होगा।
Sonbhadra News: शहीद उद्यान ट्रस्ट की तरफ से जिला मुख्यालय पर आयोजित श्री रामजन्मोत्सव में मर्यादा पुरूषोत्तम राम के आदर्शों को आत्मसात करने पर जोर दिया गया। बतौर मुख्य अतिथि सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने भगवान राम की महिमा बखानी। कहा कि अगर देश को सर्वोच्च बनाना है तो भगवान श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करना ही होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के रामराज के संकल्प को पूरा करने के लिए भी भगवान राम के आदर्शों का अनुसरण किया जाना जरूरी है।
रामचरितमानस की चौपाइयों और विभिन्न संतों-महर्षियों की वाणी का जिक्र करते हुए कहा कि दो शब्द का भगवान राम एक ऐसा नाम है, जिसको लेने से मन में धन्य होने का अनुभव होने लगता है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए कहा कि इस संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए हमें संस्कारी पीढ़ियां तैयार करने पर ध्यान देना होगा। भगवान राम को हिमालय जैसे धैर्य, समुद्र जैसी शांति का प्रतिबिंब बताते हुए कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम जीवन हमें साहस, शील और संयम के जीवन का संदेश देता है। कहा कि भगवान राम एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिनका विरोधी भी सम्मान करते थे। क्योंकि उनके मन में सभी के प्रति सम्मान का भाव था। कहा कि श्रीरामनवमी का पर्व हमें आत्मचिंतन का मौका तो देता ही है, जीवन की सही राह पर चलने प्रेरणा भी देता है।
सज्जनों की रक्षा के लिए हुआ था भगवान राम का अवतार
महामहिम लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि भगवान राम का अवतार सज्जनों की रक्षा के लिए हुआ था। क्रोध नाम की चीज उनके मन में नहीं हुई। उन्हें क्रोध तब आता है, जब उनके भक्त, उनके सेवक को चोट पहुंचे। गोस्वामी तुलसीदास, संत शिरोमणि रविदास और महर्षि वशिष्ठ से जुड़े प्रसंगों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘जाको प्रिय न राम वैदेही...तजिए ताहि कोटि वैरी सम...।‘ भगवान राम के वनगमन प्रसंग के जरिए धर्म को सत्ता से भी ऊपर होने का संदेश देते हुए कहा कि केवल सत्ता ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए। धर्म का भी ख्याल रखा जाना जरूरी है। महर्षि वशिष्ठ से जुड़े प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने जहां राम, वहां राष्ट्र की परिकल्पना की है।
सिक्किम की कानून व्यवस्था बेहतरः राज्यपाल
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान सिक्किम राज्य की चर्चा करते हुए राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि सिक्किम बहुत ही सुन्दर राज्य है। वहां अनेक पर्यटन स्थल है। कानून व्यवस्था बेहतर है। भ्रष्टाचार पूरी तरह नदारद है। लोगों में आपसी सामन्यजस भी बेहतर है।
प्रभु श्रीराम ने किया सभी का सम्मानः पं. छन्नूलाल
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्रा ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने जीवनकाल में सभी का सम्मान किया। उन्होंने कहा प्रभु ने किसी भी रूप में न तो ऊंच-नीच का भाव देखा, न ही इसे कहीं प्रदर्शित किया। केवट प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने इसकी विस्तृत व्याख्या भी की। वहीं मानस और मसान को एक बताते हुए कहा कि मानस जहां मन की शुद्धि करता है। वहीं मसान से आत्मा को शुद्धि मिलती। उन्होंने खेले मसाने में होली दिगंबर... गीत भी गाया।
रामधुन का किया जा रहा गलत गानः अजीता
पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव ने भगवान राम के जन्म से जुड़े सोहर गान के साथ ही ‘रघुपति राघव राजाराम... पतित पावन सीता राम...का भी गायन किया। कहा कि आजकल रामधुन गलत गाई जा रही है। उन्होंने इसको लेकर 1948 की एक पुस्तक का भी जिक्र किया। इससे पूर्व महामहिम राज्यपाल ने प्रभु श्रीराम के आदर्श जीवन पर लगाई गई छाया चित्र प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया।
आदिवासी कलाकारों ने दी सुंदर प्रस्तुति
‘सबही प्रिय राम’ विषय पर जहां काशी प्रांत प्रचारक रमेश ने विचार रखे। वहीं विहिप के केंद्रीय सह मंत्री अंबरीश ने भगवान राम से जुड़े प्रसंगों का जिक्र किया। आदिवासी कलाकारों ने करमा नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। संचालन भोला मिश्रा और राकेश तिवारी शिशु ने किया। पूजन प्रक्रिया पं. शिवकुमार मिश्र ने पूरी कराई। इस दौरान सदर विधायक भूपेश चौबे, विधायक घोरावल डॉ. अनिल कुमार मौर्य, भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत चौबे, एडीएम सहदेव कुमार मिश्र, एएसपी कालू सिंह, एसडीएम सदर शैलेंद्र कुमार मिश्र, एसडीएम घोरावल रमेश कुमार, सीओ सिटी राहुल पांडेय, पं. अजयशेखर, डा.गोपाल सिंह, आत्मप्रकाश त्रिपाठी, राहुल श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह संजय, राजेश द्विवेदी, गिरीश प्रताप सिंह समेत तमाम लोगों की मौजूदगी बनी रही।