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स्मार्ट मीटर ने लोगों को ठगा, राज्यभर से आ रही है शिकायतें, जानिए क्या...
राज्य में सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए पावर कार्पोरेशन जो स्मार्ट मीटर लगा रहा है, वह 'ठग' निकले। भारत सरकार की कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा लगाए जा रहे मीटर कतई भरोसेमंद नहीं हैं।
लखनऊ राज्य में सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए पावर कार्पोरेशन जो स्मार्ट मीटर लगा रहा है, वह 'ठग' निकले। भारत सरकार की कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा लगाए जा रहे मीटर कतई भरोसेमंद नहीं हैं। अब तक विभाग शिकायतों को नजरअंदाज या खारिज कर रहा था लेकिन, अब तथ्य सामने आ चुके हैं कि मीटर का भार (कनेक्शन लोड) कई गुना जंप कर रहा है। इस गड़बड़ी से बिजली बिल भी उपभोक्ताओं की जेब तराश रहा है। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को पावर कार्पोरेशन ने प्रदेश में पचास लाख स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका दिया है। यह ठेका तकरीबन ढाई हजार करोड़ रुपये से अधिक का है।
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विभागीय जानकारी के मुताबिक, अब तक करीब आठ लाख मीटर लगाए जा चुके हैं। यह नए मीटर लगने के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों से बिजली बिल वृद्धि की तमाम शिकायतें आ रही थीं, जिसे विभाग खारिज कर रहा था या जांच की बजाए मीटर बदल दिए जा रहे थे। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने तथ्यों सहित विभागीय अधिकारियों के सामने पोल खोल दी है कि स्मार्ट मीटर का लोड जितना संयोजित है, उससे कई गुना अधिक जंप कर रहा है। ऐसे करीब 2600 मामलों का तो रिकॉर्ड जुटा लिया गया है, जिसमें एक किलोवाट स्वीकृत भार जंप कर 55 या 60 किलोवाट से भी अधिक पहुंच गया।
25 जनवरी को मुख्य अभियंता ने कंपनी ईईएसएल के उपमहाप्रबंधक तकनीकी को इस संबंध में पत्र भी लिखा। उसमें कहा गया है कि वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में लगभग 2012 नग मीटर का भार अत्यधिक जंप किया है, जिसमें मैसर्स जेन मेक मीटरों की संख्या 242 और मैसर्स जीनस मेक मीटर की संख्या 1770 है। साथ ही मीटर में तकनीकी खराबी से 338 उपभोक्ताओं के मीटर रीकनेक्ट करने में परेशानी आई, जिससे नाराज उपभोक्ताओं ने एमडी पश्चिमांचल और मुख्य अभियंता के घरों का घेराव 23 जनवरी की रात्रि में किया। इससे जनता में स्मार्ट मीटर के प्रति गलत संदेश गया है।
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राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वाणिज्यिक ब्रह्मपाल से लखनऊ के ही कुछ मीटरों के बिल निकालकर देखने के लिए कहा। निदेशक ने जब बिल निकलवाए तो खुद दंग रह गए। मीटर संख्या जीपी 4397437 का स्वीकृत भार एक किलोवाट है, जो जंप कर 65.53 किलोवाट पहुंच गया। मीटर संख्या जीपी 4491668 का भार एक किलोवाट से 65.03 किलोवाट पहुंच गया। जीपी 4518069 का भार दो किलोवाट स्वीकृत है, 55.76 किलोवाट तक जंप कर गया। ऐसे कई और मामले भी निकले। हीं उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रमुख सचिव ऊर्जा व अध्यक्ष ने कहा क जिस किसी विद्युत उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर से संबंधित कोई समस्या है, वह लिखित शिकायत कर सकता है। शिकायत पर जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।