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चुनाव 2019: तो इसलिए हरियाणा से ज्यादा महाराष्ट्र पर है बीजेपी का फोकस

हरियाणा की तुलना में महाराष्ट्र पर बीजेपी के खास फोकस के पीछे कई वजहें हैं। एक तो हरियाणा में सिर्फ 90 सीटें हैं, वहीं महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं। दूसरी बात कि हरियाणा के बजाए महाराष्ट्र में ज्यादा चुनौतियां हैं।

Shivakant Shukla
Published on: 23 Aug 2023 1:38 PM GMT
चुनाव 2019: तो इसलिए हरियाणा से ज्यादा महाराष्ट्र पर है बीजेपी का फोकस
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नई दिल्ली: देश के दो बड़े राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां पूरे दमखम के साथ प्रचार प्रसार में जुटी हुई ​हैं। इसी क्रम में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में तो कम लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ज्यादा जोर लगा रही है।

बीजेपी के कई नेता महाराष्ट्र में प्रमुखता से डेरा डाले हुए हैं। दिल्ली से कई राष्ट्रीय नेताओं को चुनाव प्रबंधन के लिए महाराष्ट्र के मोर्चे पर लगाया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हरियाणा की बजाय महाराष्ट्र पर इतना जोर क्यों लगाया जा रहा है।महाराष्ट्र से PM का शिवसेना को झटका, फडणवीस सरकार के लिए कही येे बड़ी बात

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क्यों महाराष्ट्र में बीजीपी ज्यादा लगा रही दम

दरअसल, बीजेपी को लगता है कि हरियाणा में उसकी राह महाराष्ट्र के मुकाबले आसान है। महाराष्ट्र में बीजेपी की लड़ाई कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन से तो है ही, लेकिनजो सबसे बड़ी लड़ाई है वह है शिवसेना से। ​माना जा रहा है कि यदि शिवसेना पिछली बार से ज्यादा सीटें पाने में सफल रही तो वह सरकार में अपनी हिस्सेदारी को लेकर मोलभाव कर सकती है। यही वजह है कि बीजेपी अपने दम पर पूर्ण बहुमत के आसपास पहुंचना चाहती है और इसके लिए वह पूरा जोर लगा रही है।

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तैयार की गई युद्धस्तर पर रणनीति

पड़ोसी राज्य गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या लगातार महाराष्ट्र में डटे हुए हैं। केशव प्रसाद मौर्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी भी हैं। सक्रियता का आलम यह है कि महाराष्ट्र में बसे 40 लाख से ज्यादा हिंदी भाषी, उत्तर-भारतीयों का वोट पाने के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के जिलास्तरीय नेताओं तक को यहां जनसंपर्क अभियान में लगाया गया है। शीर्ष नेताओं की बात करें तो बीजेपी के केंद्रीय मंत्रियों में वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी भी महाराष्ट्र में अभियान को धार दे रहे हैं। ​हरियाणा की बात करें तो यहां बतौर विधानसभा चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इलेक्शन की व्यवस्था देख रहे हैं।

बीजेपी के लिए इसलिए खास है महाराष्ट्र

हरियाणा की तुलना में महाराष्ट्र पर बीजेपी के खास फोकस के पीछे कई वजहें हैं। एक तो हरियाणा में सिर्फ 90 सीटें हैं, वहीं महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं। दूसरी बात कि हरियाणा के बजाए महाराष्ट्र में ज्यादा चुनौतियां हैं।

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पूर्ण बहुमत से 20 सीटें कम होने के कारण तब बीजेपी को शिवसेना के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी थी। इस बार 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन के कारण सिर्फ 150 सीटों पर खुद लड़ रही है, वहीं 14 सीटों पर उसके ही सिंबल पर अन्य सहयोगी दल लड़ रहे हैं। जबकि शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में बीजेपी को लगता है कि इस बार कम सीटों पर चुनाव लड़ने के कारण अगर पिछली बार से कम सीटें आईं और शिवसेना की सीटें बढ़ीं तो बीजेपी के लिए मुश्किलें होंगी।

Shivakant Shukla

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