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सोनभद्र: पत्रकारों ने BJP प्रेस कांफेंस का किया बहिष्कार, इस बात से थे नाराज

इंस्पेक्टर राबटर्सगंज अविनाश सिन्हा के दुर्व्यवहार से खफा पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के पास मंत्री के लौटने तक धरना भी दिया।

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Published on: 19 March 2021 8:46 PM IST
सोनभद्र: पत्रकारों ने BJP प्रेस कांफेंस का किया बहिष्कार, इस बात से थे नाराज
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सोनभद्र: पत्रकारों ने BJP प्रेस कांफेंस का किया बहिष्कार, इस बात से थे नाराज

सोनभद्र: जिले में प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने पर शुक्रवार को उपलब्धियां गिनाने पहुंचे प्रभारी मंत्री डा. सतीशचंद्र द्विवेदी को, पत्रकारों के प्रेस कांफ्रेंस के बहिष्कार के कारण बगैर उपलब्धि गिनाए वापस लौटना पड़ा। इंस्पेक्टर राबटर्सगंज अविनाश सिन्हा के दुर्व्यवहार से खफा पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के पास मंत्री के लौटने तक धरना भी दिया।

जिद पर अड़े रहे पत्रकार

डीएम अभिषेक सिंह और एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने जांच का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराना चाहा, लेकिन पत्रकार इंस्पेक्टर को तत्काल हटाने की मांग पर अड़े रहे। सदर विधायक भूपेश चौबे ने भी कार्रवाई करवाने का आश्वासन देकर मामला शांत कराना चाहा लेकिन कोई भी पत्रकार प्रेस कांफेंस में जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। तय हुआ कि जब तक इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक सरकार की उपलब्धि वाले कार्यक्रम का बहिष्कार जारी रहेगा।

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डायट परिसर में सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन किया गया था। मुख्य अतिथि के रूप में प्रभारी मंत्री लोगों को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान कोन इलाके में छह माह पूर्व हुई हत्या के मामले को लेकर प्रभारी मंत्री से गुहार लगाने पीड़ित दंपती पहुंचे। मंच और बगल में स्थित पुलिस सहायता केंद्र के बीच जैसे ही दंपती पहुंचे, उन पर पुलिस की नजर पड़ गई और उन्हें वहीं रोक लिया गया। प्रभारी मंत्री से मिलवाने की गुहार लगाने पर वहां मौजूद इंस्पेक्टर राबटर्सगंज अविनाश सिन्हा अपने सहकर्मियों के साथ पीड़ितों को खींचकर ले जाने लगे।

इंस्पेक्टर ने दी धमकी

पत्रकारों ने जब दंपती से मामला जानना चाहा तो इंस्पेक्टर उनसे भी उलझ गए और खबर चलाने पर देख लेने तक की धमकी दे डाली। पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी के रूप में मौजूद सीओ राजकुमार तिवारी से जब पत्रकारों ने इस पर एतराज जताया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए छोटा-मोटा मामला बता कन्नी काट ली। इससे खफा पत्रकार इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए वहीं धरने पर बैठ गए। सदर विधायक भूपेश चैबे भी पत्रकारों के साथ कुछ देर के लिए धरनास्थल पर ही बैठ गए और प्रभारी मंत्री से वार्ता कर तत्काल कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

धरने पर बैठ गए पत्रकार

तब पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट में प्रभारी मंत्री की तरफ से उपलब्धियां गिनाने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार कर दिया और परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के साथ धरने पर बैठ गए। मामले को तूल पकड़ता देख एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह ने किसी तरह मामले को शांत कराना चाहा लेकिन पत्रकार नहीं माने। प्रेस कांफ्रेंस में किसी भी पत्रकार को शिरकत न करते देख डीएम-एसपी धरनास्थल पर पहुंचे और जांच कराने की बात कहकर प्रेस कांफ्रेस के लिए ले जाना चाहा लेकिन तत्काल कार्रवाई की मांग बनी रही।

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पत्रकारों से बदसलूकी

पत्रकारों का कहना था कि इंस्पेक्टर सरकारी कार्यक्रम में पीड़ित को प्रभारी मंत्री तक अपनी बात पहुंचाने से रोकने के लिए खींचकर ले जाता है। पत्रकारों के जानकारी चाहने पर देख लेने की धमकी देता है। वहां मौजूद पुलिस अधिकारी मामले को छोटा-मोटा बता मुस्कुराता रहता है। इसके बाद भी मामले में तत्काल कार्रवाई की जगह जांच कराने के आश्वासन का झुनझुना थमाया जा रहा है। एक बार फिर सदर विधायक पत्रकारों को मनाने पहुंचे लेकिन सब कुछ जनता और अधिकारियों के आंखों के सामने होने के बावजूद इंस्पेक्टर के खिलाफ आखिर कार्रवाई नहीं क्यू जा रही? इसका जवाब नहीं दिया।

सरकार की उपलब्धियां गिनाए बिना ही वापस लौटना पड़ा

काफी मशक्कत के बाद भी कोई पत्रकार प्रेस कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए तैयार नहीं हुआ, तब मजबूरन मंत्री को बिना सरकार की उपलब्धियां गिनाए ही वापस लौटना पड़ा। इस मौके पर सुनील कुमार तिवारी, विनोद पांडेय, रवींद्र केशरी, ब्रजेश पाठक, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष ब्रजेश शुक्ल, रामप्रसाद यादव, अब्दुल्लाह, कौशलेन्द्र पांडेय, शांतनु विश्वास, अनूप श्रीवास्तव, जितेंद्र गुप्ता, सचिन गुप्ता मोनू, विनय कुमार सिंह, मुनिमहेश शुक्ला, गिरीश पांडेय, अमित मिश्रा, मोइनुद्दीन मिंटू, आनंद चैबे, धर्मेंद्र कुमार पांडेय, मनमोहन शुक्ला, पूर्वांचल मीडिया क्लब के जिलाध्यक्ष विवेक पांडेय, एके गुप्ता, ज्ञानप्रकाश चतुर्वेदी, मनोज सिंह राणा, अरविंद तिवारी, अशोक विश्वकर्मा, अंशुमान पांडेय, दिनेश पांडेय, चिंता पांडेय, प्रभात सिंह चंदेल, कमाल अहमद आदि मौजूद रहे।

सूचना विभाग के रवैए पर भी उठाया गया सवाल

पत्रकारों को मनाने पहुंचे डीएम अभिषेक सिंह को सूचना विभाग के उदासीन रवैए की जानकारी से रूबरू होना पड़ा। पत्रकारों का कहना था कि सूचना विभाग के जिम्मेदारों द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। सरकार की उपलब्धि से जुड़े समारोह में एक प्रेस दीर्घा तक की व्यवस्था नहीं की गई।

रिपोर्ट: ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी



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