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Sonbhadra News: कोरोना में आपदा को बनाया अवसर, फर्जी रसीदें लगा छुड़ा लीं 297 ट्रकें, एफआईआर

Sonbhadra News: कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाकर, न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदों के जरिए सीज की गई ट्रकों को छुड़ाने का बड़ा मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

Acharya Kaushlendra Pandey
Published on: 27 April 2023 7:37 PM GMT
Sonbhadra News: कोरोना में आपदा को बनाया अवसर, फर्जी रसीदें लगा छुड़ा लीं 297 ट्रकें, एफआईआर
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पुलिस ने मामले में धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है।

Sonbhadra News: कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाकर, न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदों के जरिए सीज की गई ट्रकों को छुड़ाने का बड़ा मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। इस बार मामला न्यायालय की फर्जी रसीदें बनाकर वाहनों को छुड़ाए जाने का सामने आया है। अब तक की जांच में 297 वाहनों को फर्जी रसीदों के आधार पर रिलीज आर्डर जारी करा, छुड़ाए जाने की पुष्टि हुई है। एआरटीओ मिर्जापुर की तरफ से दी गई जानकारी पर, रसीदों का मिलान कराने के बाद, न्यायालय के फौजदारी लिपिक की तरफ से राबटर्सगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पुलिस ने मामले में धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

ऐसे सामना आया फर्जीवाड़े का मामला

जुलाई 2022 में एआरटीओ कार्यालय का फर्जी रिलीज आर्डर तैयार कर वाहनों को छुड़ाए जाने का मामला सामने आया था। इस दौरान शासन के निर्देश पर जब मामले की विभागीय जांच शुरू हुई तो न्यायालय में जुर्माना अदा कर छुड़ाई जाने वाली ट्रकों में भी फर्जीवाड़े का संदेह जताते हुए एआरटीओ मिर्जापुर की तरफ से 629 वाहनों की रसीद कोर्ट में मिलान के लिए प्रस्तुत की गई। इसमें से 304 सीटों की स्थिति गड़बड़ मिली। इनके सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई गई तो 297 रसीदें कूटरचित और फर्जी होने की पुष्टि हुई।



कोराना की बंदी और अवकाश के दिनों की भी बना ली गई रसीदें

केरोना काल में फर्जी रिलीज आर्डर और फर्जी रसीदों का इस कदर अंधेर मचाया गया कि कोराना महामारी के पीक रहने के दौरान, जब न्यायालयों को बंद रखा गया था। उस समय की भी फर्जी रसीदें तैयार कर एआरटीओ कार्यालय में दाखिल कर दी गई। मामला यहीं तक रहता तो गनीमत थी, सार्वजनिक अवकाश वाले दिनेां तथा पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर रहने वाले दिनों की भी रसीदें तैयार कर वाहन छुड़ाए गए। शीतकालीन अवकाश के समय भी वाहनों से जुड़ी फर्जी रसीदें तैयार की गई और इसे एआरटीओ कार्यालय में दाखिल कर वाहन छुड़ा लिए गए। प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मामले में मिली तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

परिवहन विभाग की भूमिका पर सवाल

दिलचस्प मसला यह है कि ओवरलोड और बगैर परमिट में गिट्टी, बालू, कोयला परिवहन करने में सीज वाहनों को छुड़ाए जाने का यह खेल लंबे समय तक चलता रहा। बावजूद परिवहन विभाग के न तो किसी कर्मचारी और न ही किसी अधिकारी की इस फर्जीवाड़े पर नजर पड़ी। यह भी जानने की जरूरत नहीं समझी गई कि आखिरकार जिस समय न्यायालय बंद था, उस समय या तिथि में किसी भी वाहन के रिलीजिंग या जुर्माना जमा करने की रसीद कैसे जारी जा सकती है। फिलहाल प्रकरण में सीजेएम के निर्देश पर फौजदारी लिपिक सुरेश कुमार मिश्रा की तरफ से दी गई तहरीर पर, पुलिस ने अज्ञात वाहन मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। पूर्व में परिवहन कार्यालय से जारी होने वाले वाहन रिलीज आर्डर में तत्कालीन एआरटीओ, तत्कालीन पटल सहायक सहित कई की संलिप्तता पाई जा चुकी है। ऐसे में ताजा प्रकरण भी परिवहन विभाग से जुड़े लोगों, अफसरों के साथ ही कुछ चर्चित चेहरों को भी लपेटे में लेता नजर आए तो बड़ी बात नहीं होगी।

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