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Sonbhadra News: बगैर अनुमति 1.29 मिलियन टन कोयला भंडारण में बड़ा खुलासा: एनसीएल पर लगी 4.43 करोड़ की पेनाल्टी
Sonbhadra News: एनजीटी में कोयला भंडारण और इससे प्रदूषण को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता के पीछे हटने पर एनजीटी ने मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की। इसको लेकर अब जाकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से रिपोर्ट दाखिल की गई है।
Sonbhadra News: सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र के कृष्णशिला रेलवे साइडिंग के पास जुलाई 2022 में पकड़े गए कोयले के अवैध भंडारण के मामले में, एनजीटी के हस्तक्षेप के बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। हालांकि, कोयला भंडारण करने वालों की बजाय, एनसीएल की बीना कोल प्रोजेक्ट पर, खुले में कोयला परिवहन होने देने के लिए 4.43 करोड़ की पेनाल्टी लगाई गई है। पेनाल्टी की धनराशि जमा न करने पर बीना प्रोजेक्ट को भू राजस्व की भांति वसूली करने को लेकर चेताया भी गया है।
एनजीटी में कोयला भंडारण और इससे प्रदूषण को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता के पीछे हटने पर एनजीटी ने मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की। इसको लेकर अब जाकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से रिपोर्ट दाखिल की गई है। जिसमें मुख्य पर्यावरण अधिकारी की तरफ से गत 25 मार्च को जारी पत्र का हवाला देते हुए बताया गया है कि कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर बगैर अनुमति के कोयला भंडारण पाया गया। ज्येष्ठ खान अधिकारी के जरिए भंडारित कोयले की मात्रा का आंकलन कराया गया तो मौके पर 1.29 मिलियन से अधिक कोयला मौजूद होने की पुष्टि की गई। स्थल पर एक तरफ अत्यधिक मात्रा में कोयले का भंडारण, दूसरी तरफ भंडारण में लगी आग के चलते उत्सर्जित हो रही हानिकारक गैसों से वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता पाया गया। गत नौ दिसंबर को स्थल के पास वायु गुणवत्ता की स्थिति जांची गई तो वह मानक से काफी अधिक मिली।
गूगल सेटेलाइट ने किया खुलासा
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गुगल सेटेलाइट के जरिए इस बात का भी खुलासा सामने आया कि 2017 तक कृष्णशिला रेलवे साइडिंग के पास कोई कोयला भंडारण नहीं था। इसके बाद कोयला भंडारण के आकार में वृद्धि होती रही। यूपीपीसीबी का तर्क है कि इससे यह परिलक्षित हुआ कि एनसीएल बीना ने बगैर कवर्ड वाहनो से कोयला परिवहन कराया, इससे पर्यावरण को क्षति पहुंची। इसके लिए 4.43 करोड़ की पेनाल्टी तय की गई।
जांच के समय कोल प्रबंधन ने कोयले से जताई थी अनभिज्ञता
दिलचस्प मसला यह है जिस समय जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने कोयला का बगैर अनुमति भंडारण पकड़ा। उस समय न तो कोई ट्रांसपोर्टर सामने आया और न ही एनसीएल प्रबंधन ने ही इस कोयले को अपना स्वीकारा। तत्कालीन समय में इस कोयले को लावारिश मानते हुए, सीज कराया गया था। बाद में जब दोबारा नोटिस जारी की गई तो अचानक से कई दावेदार सामने आ गए और दावे सही पाते हुए कोयले की बड़ी मात्रा रिलीज भी कर दी गई।