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Sonbhadra News: 115 आदिवासियों को पुश्तैनी जमीनों पर मिला भौमिक हक, कैंप लगा वनाधिकार के तहत जारी किए गए पट्टे
Sonbhadra News: नगवां क्षेत्र के आदिवासियों के लिए गुरूवार का दिन खास रहा। ब्लॉक मुख्यालय पर आयोजित कैंप में 115 आदिवासियों को वन अधिकार के तहत पट्टे वितरित किए गए।
Sonbhadra News: नगवां क्षेत्र के आदिवासियों के लिए गुरूवार का दिन खास रहा। ब्लॉक मुख्यालय पर आयोजित कैंप में 115 आदिवासियों को वन अधिकार के तहत पट्टे वितरित किए गए। इसके साथ ही पुश्तैनी जमीनों पर काबिज 115 आदिवासियों को भौमिक अधिकार भी प्राप्त हो गया।
वन भूमि पर पट्टे का अधिकार मिला तो खिल उठे चेहरे
आयोजन को लेकर सुबह से ही गहमागहमी बनी रही। नगवां ब्लाक परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उप जिलाधिकारी निखिल यादव ने आदिवासियों को उनके हक में लिए गए सरकार के फैसले की जानकारी दी। बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी, वन अधिकारों की मान्यता के दृष्टिगत तहसील सदर के पात्र 115 लाभार्थियों को वनाधिकार कानून के तहत पट्टे का वितरण किया गया। बताया कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी, वन अधिकारों की मान्यता (अधिनियम 2006 नियम 2008) एवं संसोधन नियम-2012) के अन्तर्गत उनकी जीविका के साधन एवं खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए, उनके कब्जे की वन भूमि पर उन्हें पट्टे का अधिकार प्रदान किया गया है।
पहले लिखा-पढ़ी में कोई अधिकार नहीं था
सेवा समर्पण संस्थान के सह संगठन मंत्री आनंद ने कहा कि आदिवासियों को जिस जमीन पर भौमिक हक प्रदान किया गया है। उस जमीन पर वह कई वर्षों से जोताई-बुवाई कर रहे थे, लेकिन उस पर उनका लिखा-पढ़ी में कोई अधिकार नहीं था, जिससे उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अब उन्हें इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि उन्हें अब भूमि का अधिकार प्रमाण-पत्र प्राप्त हो गया है।
सीएम के निर्देश के बाद मिल रहा भौमिक अधिकार
बताते चलें कि पिछले माह सोनभद्र आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभियान चलाकर वर्षों से पुश्तैनी जमीन पर काबिज आदिवासियों को उनका भौमिक अधिकार दिलाए जाने का भरोसा दिया था। इसी कड़ी में आदिवासियों को उनके क्षेत्र में जाकर वनाधिकार कानून के तहत उनके कब्जे वाले जमीनों का पट्टा प्रदान किया जा रहा है। इससे जहां आदिवासियों को उनके कब्जे वाले जमीनों पर कानूनी अधिकार मिल गया है। वही इन जमीनों के जरिए आदिवासी सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे। इस मौके पर तहसीलदार राबर्ट्सगंज, समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव सहित अन्य उपस्थित रहे।