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Sonbhadra News: ‘ब्लैक डायमंड’ की तस्करी के गैंग का पर्दाफाश, कई वाहनों पर लदा मिला कोयला, तीन गिरफ्तार
Sonbhadra News: पावर हब की पहचान रखने वाले अनपरा परिक्षेत्र के दुल्लापाथर में एमपी की सिंगरौली से सटे एक कथित अवैध कोल डिपो संचालन के खुलासे के साथ ही ब्लैक डायमंड यानी कोयले के तस्करी का एक बड़ा गैंग सामने आया है।
Sonbhadra News: पावर हब की पहचान रखने वाले अनपरा परिक्षेत्र के दुल्लापाथर में एमपी की सिंगरौली से सटे एक कथित अवैध कोल डिपो संचालन के खुलासे के साथ ही ब्लैक डायमंड यानी कोयले के तस्करी का एक बड़ा गैंग सामने आया है। पुलिस की छानबीन में जहां कथित कोल डिपो में कई वाहनों पर कोयला लदा पाया गया। वहीं, कोयले में चारकोल मिलावट का भी बड़ा खेल सामने आया है।
बरामद किया गया 44 टन कोयला
पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट के जरिए हाईवा ट्रक से वाराणसी परिक्षेत्र के चंदासी मंडी के लिए ले जाया जा रहा 44 टन कोयला बरामद कर लिया है। इस मामले में कथित डिपो संचालक सहित तीन को गिरफ्तार भी किया गया है। पूछताछ में उनसे पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। रविवार की दोपहर बाद आरोपियों का धारा 379, 411, 419, 420 आईपीसी के तहत चालान कर दिया गया।
ऐसे मिली पुलिस को कोयला तस्करी गैंग की जानकारी
नवागत प्रभारी निरीक्षक अनपरा शेषनाथ पाल को किसी ने सूचना दी कि एमपी के सिंगरौली से सटे दुल्लापाथर में चारदिवारी से घिरे हुए बड़े अहाते में चोरी कर जुटाया गया कोल वाराणसी के चंदासी सहित विभिन्न राज्यों में ले जाए जाने के लिए ट्रकों पर लोड किया जा रहा है। दुल्लापाथर में वन विभाग बैरियर के पास बने चारदिवारी वाले अहाते के पास टीम पहुंची तो देखा कि जेएच 02 नंबर वाली एक हाइवा ट्रकों अहाते से बाहर आती मिली। उसके आगे एक कार आती दिखाई दी। पुलिस को देख चालक अफसर अंसारी निवासी गौबरदहा, थाना मेराल, जिला गढ़वा, झारखंड वाहन को रोककर भागना चाहा तो उसे दबोच लिया गया। कोयले का कागज मांगा गया तो उसने असमर्थता जता दी।
झारखंड-छत्तीसगढ़ से वाराणसी तक जुड़े पाए गए तार
अफसर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने यह कोयला विकास प्रजापति निवासी जाटा, थाना गढ़वा, झारखंड, हाल पता रामानुजगंज, बलरामपुर, छत्तीसगढ़ और रामजतन सिंह निवासी सेक्टर बी एनसीएल दुद्धीचुआ, थाना शक्तिनगर के कहने पर, सोनू नायडू के दुल्लापाथर स्थित चारदिवारी वाले अहाते स्थित कोयला गोदाम (अवैध कोल डिपो) से लोड किया था। इसके बाद, पकडे गए हाइवा ट्रक के आगे चल रहे एमपी 66 नंबर वाली कार की तलाशी ली गई तो उसमें वाहन का नंबर प्लेट रखा गया। कार मालिक का नाम राकेश कुमार सिंह बताया गया। चालक से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह लोग ट्रक का दो नंबर प्लेट रखते हैं ताकि समय-समय पर इसे बदलकर, अवैध कोयले को पुलिस की नजर में आने से बचाया जा सके।
कोल डिपो के भीतर कोयला लदे मिले कई ट्रक, चारकोल में भी पाई गई मिलावट
पुलिस की टीम कथित कोल डिपो के भीतर पहुंची तो देखा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, यूपी और झारखंड के नंबर वाले कई ट्रकों पर कोयला लदा हुआ है। वहीं, कई खाली ट्रकें खड़ी हैं। मौके पर जहां कोयले के साथ चारकोल भी मौजूद मिला। वहीं यह भी पता चला कि यहां कोयले में चारकोल की भी बड़ी मात्रा में मिलावट कर उसे यूपी समेत अन्य राज्यों को भेजा जा रहा है। सोनू नायडू के इस गोदाम की वीडियोग्राफी कराने के साथ ही, पुलिस ने मौके पर, कोयला गोदाम का संचालन करते मिले देवकुमार सिंह और विंदेश्वर निवासी निवासी भवरमाल, थाना रामानुजगंज, जिला बलरामपुर, छत्तीसगढ़ को गिरफ्तार कर लिया।
इनके खिलाफ केस, इनकी हुई गिरफ्तारी
प्रभारी निरीक्षक शेषनाथ पाल के मुताबिक पकड़े गए ट्रक के चालक अफजाल अंसारी, डिपो से पकड़े गए देवकुमार सिंह, विंदेश्वर सिंह, कोयला लोड कराने वाले विकास प्रजापति, रामजतन सिंह, गोदाम यानी अवैध कोल डिपो संचालन सोनू नायडू, ट्रक के आगे पायलटिंग कर रही कार के मालिक राकेश कुमार सिंह के खिलाफ धारा 379, 411, 419, 420 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, मामले में अफजाल अंसारी, देवकुमार सिंह और विंदेश्वरी सिंह को गिरफ्तार किया गया है। शेष की तलाश जारी है।
हाइवे के निकट संचालित हो रहा था डिपो, उठे कई सवाल
रीवा-रांची नेशनल हाइवे से सटे अवैध कोल डिपो संचालित होना और उस पर अब तक किसी की नजर न पड़ने को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। बता दें कि यहां एनसीएल से निकलने वाले कोयले की तस्करी को लेकर कई बार बड़ा खुलासा हो चुका है। अनपरा के साथ ही, पिपरी और चोपन के पास भी लंबे समय से अवैध डिपो संचालन का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। सलईबनवा स्थित लोडिंग प्वाइंट को लेकर भी जब-तब सवाल उठते रहते हैं। वहीं, इस मामले में अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र में तीन साल से तैनात एक कांस्टेबल की बड़ी भूमिका होने की चर्चा है। बता दें कि कथित कोयला गोदाम से निकलने वाले कोयले की ओबरा रेंज आफिस से ट्रांजिट रसीद कटाने का भी नियम है। वहीं, वन विभाग से बगैर एनओसी मिले किसी कोल डिपो का संचालन नहीं हो सकता। बावजूद वन विभाग के भी किसी व्यक्ति की नजर न पड़ने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं बनी हुई हैं।
मामले की पूरी जानकारी लेकर की जाएगी कड़ी कार्रवाई: डीएफओ
इस मामले में डिप्टी रेंजर अनपरा संजय दुबे से फोन पर बात की गई तो कोल डिपो के बारे में जानकारी दूर, पुलिस की तरफ से किए गए खुलासे से ही अनभिज्ञता जता दी। वहीं, डीएफओ रेणुकूट स्वतंत्र देव श्रीवास्तव ने कहा कि बगैर वन विभाग के एनओसी के कोल डिपो संचालन वैध नहीं माना जा सकता। वह इस मामले की पूरी जानकारी लेंगे। अगर विभागीय स्तर पर लापरवाही या किसी व्यक्ति के संलिप्तता की शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी।