Sonbhadra News: जानलेवा हमले के दोषी चार भाइयों को सात-सात वर्ष की कैद, 17 वर्ष पहले चाचा पर किया था प्राणघातक हमला

Sonbhadra News: 17 वर्ष पूर्व के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने यह फैसला सुनाया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 14 Jun 2023 3:34 PM GMT
Sonbhadra News: जानलेवा हमले के दोषी चार भाइयों को सात-सात वर्ष की कैद, 17 वर्ष पहले चाचा पर किया था प्राणघातक हमला
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(Pic: Social Media)

Sonbhadra News: पारिवारिक विवाद को लेकर चाचा पर प्राणघातक हमला बोलने के मामले में चार सगे भाइयों को सात-सात वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। 17 वर्ष पूर्व के इस मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने यह फैसला सुनाया। अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर दोषसिद्ध पाकर चारों सगे भाइयों को सात-सात वर्ष की कैद के साथ ही 11-11 हजार अर्थदंड की भी सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का भी आदेश पारित किया गया।

यह है पूरा घटनाक्रम:

अभियोजन कथानक के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के गोहड़ा गांव निवासी महावीर यादव और उनके भाई रामवृक्ष यादव के बीच खासी पारिवारिक विवाद की स्थिति बनी हुई थी। महावीर के भंाजे रामजी यादव ने मामले में 30 मार्च 2006 को दुद्धी कोतवाली में तहरीर देकर अवगत कराया था कि सुबह 9 बजे के करीब उसके मामा महावीर अपने बेटे शिवनाथ के साथ घर आ रहे थे। रास्ते में घात लगाकर बैठे, दूसरे मामा रामवृक्ष यादव और उनके लड़के बालरूप यादव, भागवत यादव, शिवप्रसाद यादव और अयोध्या यादव ने उन पर लाठी डंडा और कुल्हाड़ी हमला बोल दिया। महावीर की घेरकर बेरहमी से पिटाई की गई। इससे वह घायल होकर नीचे गिर पड़े। मरणासन्न हालत में छोड़कर आरोपी जंगल की तरफ चले गए।

मामले में रामवुक्ष और उनके चारों बेटों के खिलाफ धारा 308/34, 342, 411, 504, 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की गई। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। मामले की सुनवाई के दरम्यान रामवृक्ष यादव की मौत हो गई। वहीं मामले की सुनवाई पूरी होने उनके चारों पुत्रों बालरूप यादव, भागवत यादव, शिवप्रसाद यादव और अयोध्या यादव को दोषी पाया गया। इसके आधार पर उन्हें सात-सात वर्ष की कैद और 11-11 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने प्रकरण की पैरवी की।

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