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Sonbhadra News: सपा सरकार की पुनर्वास नीति का दंश झेलेंगे सैकड़ों परिवार, गांवों में छाई बिरानी

Sonbhadra News: होने के बाद, यूपी के 108 गांवों में फसलों की सिंचाई के लिए पानी की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। वहीं, सैकड़ों विस्थापित परिवार ऐसे हैं, जो सपा राज के समय 2014 में तैयार की गई पुनर्वास नीति का दंश का शिकार हो गए हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 Jun 2023 9:32 PM IST
Sonbhadra News: सपा सरकार की पुनर्वास नीति का दंश झेलेंगे सैकड़ों परिवार, गांवों में छाई बिरानी
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घर से समान ले जाता विस्थापित परिवार (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: एक तरफ जहां 45 साल बाद कनहर परियेाजना का मुख्य हिस्सा कनहर बांध का निर्माण पूर्ण होने के बाद, यूपी के 108 गांवों में फसलों की सिंचाई के लिए पानी की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। वहीं, सैकड़ों विस्थापित परिवार ऐसे हैं, जो सपा राज के समय 2014 में तैयार की गई पुनर्वास नीति का दंश का शिकार हो गए हैं। हालत यह है कि ऐसे तमाम लोग हैं, जो विस्थापन सूची के खामी या परिवार की मुखिया महिला होने के नाते मुआवजे से वंचित होना पडा है और इसी हालत में उन्हें अपना घर-जमीन छोड़कर सुरक्षित ठिकाना तलाशने के लिए विवश होना पड़ा है।

सुंदरी गांव निवासी चंदमणि सिंह 2014 में तैयार की गई विस्थापन सूची पर बड़ा आरोप लगाते हुए बताते हैं कि वर्ष 2014 में विस्थापितों की तरफ से 2014 की दर से जमीन का मुआवजा और समुचित पुनर्वास की व्यवस्था की मांग की जा रही थी लेकिन जिन-जिन लोगों ने आंदोलन की अगुवाई में उनमें से कई लोगों या उनके परिवार के किसी न किसी व्यक्ति को कोई न कोई तरीका निकालकर मुआवजे से वंचित कर दिया गया।

वहीं महिला मुखियाओं का कहना था कि उन्हें मुआवजे से सिर्फ इसलिए वंचित कर दिया गया कि वह महिला हैं। इसमें सबसे हैरान कर देने वाली बात यह रही कि सुंदरी गांव निवासी जुबेदा खातून को सिर्फ इसलिए मुआवजे से वंचित कर दिया कि उनके पति की मौत हो गई है। जबकि अन्य महिला मुखिया वाले परिवारों को यह कहकर मुआवजा नहीं दिया गया कि दूसरी पीढ़ी का मुआवजा बेटों को ही दिया जाना है, बेटियों को नहीं। जबकि बेटियां ही पिता की वारिस थीं। उन्हें कोई भाई न होने के कारण, पिता के घर-जमीन पर उनका कब्जा और उत्तराधिकार भी बना हुआ था।

महिला मुखिया वाले परिवारों का भेजा जा रहा प्रस्तावः एसडीएम

एसडीएम श्याम प्रताप सिंह का कहना है कि कनहर विस्थापन से जुड़ा 2014 का प्रचलित जीओ है, उसमें यह व्यवस्था नहीं थी कि शादीशुदा बेटियों को मुआवजा दिया जाए। चूंकि अब इसकी मांग आ रही है तो इसको लेकर वह मंत्री से मिले निर्देश के क्रम में एक प्रस्ताव बनाकर भेज रहे हैं।

छूटे विस्थापितों का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की होगी कोशिश: डीएम

डीएम चंद्रविजय सिंह का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि कोई भी पात्र व्यक्ति विस्थापन लाभ से वंचित न रहने पाए। इसको लेकर उनके द्वारा सर्वे/प्रस्ताव भी कराया जा रहा है।



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