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Sonbhadra News: पन्ना देवी हत्याकांड में पति और ससुर को उम्रकैद, दहेज में नहीं मिली थी बाइक तो जिंदा जला दिया था विवाहित

Sonbhadra News:शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने यह फैसला सुनाया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 May 2023 3:26 AM IST
Sonbhadra News: पन्ना देवी हत्याकांड में पति और ससुर को उम्रकैद, दहेज में नहीं मिली थी बाइक तो जिंदा जला दिया था विवाहित
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Sonbhadra News Court of Khalikuzzama (Pic Credit - Social Media)

Sonbhadra News: साढ़े 13 वर्ष पूर्व दहेज में बाइक न मिलने पर पन्ना देवी को जलाकर मार डालने के मामले में पति और सास को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने यह फैसला सुनाया। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति -ससुर को उम्रकैद तथा 26- 26 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

यह है पूरा प्रकरण

अभियोजन कथानक के मुताबिक मांची थाना क्षेत्र के ढोसरा गांव निवासी शंकर यादव पुत्र राजा यादव ने रायपुर थाने में दी वर्ष 2008 में एक तहरीर दी। अवगत कराया कि उसने अपनी बेटी पन्ना देवी की शादी जून 2007 में रामानंद यादव पुत्र बचाऊ यादव निवासी ग्राम डीबा (देवरी मय देवरा), थाना रायपुर, जिला सोनभद्र के साथ की थी। नवंबर 2008 में बेटी का गौना किया था। आरोप लगाया गया था कि दहेज में बाइक की मांग करते हुए पति रामानंद यादव,ससुर बचाऊ यादव और देवर शिवानंद यादव द्वारा बेटी पन्ना को प्रताड़ित किया जा रहा था। मांग पूरी नहीं हुई बेटी पन्ना को रास्ते से हटाने की धमकी भी दी गई थी।

करीब चार माह बाद बेटी को विदा कराकर वह अपने घर ले आया। तब सारी चीजें मालूम हुई। बेटी ने भी ससुराल जाने से इंकार कर दिया। काफी समझाने-बुझाने के बाद बेटी ससुराल जाने को तैयार हुई। बावजूद ससुराल के लोगों ने उसे प्रताड़ित करने का क्रम जारी रखा और 27 सितंबर 2009 को उनकी बेटी को जलाकर मार दिया गया। सूचना मिलने पर वह गांव के लोगों को साथ लेकर बेटी के ससुराल पहुंचा दो देखा कि बेटी की लाश जली हुई पड़ी थी। उसे पूर्ण विश्वास है कि दहेज में बाइक की मांग पूरी न होने पर उनटी बेटी पन्ना देवी को उसके पति, ससुर और देवर ने जलाकर मार दिया है।

तहरीर के आधार पति, ससुर और देवर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट प्रेषित कर दी। मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने देवर शिवानंद को नाबालिग पाया और उसके मामले को किशोर न्यायालय में भेज दिया गया। शेष दो आरोपियों की सुनवाई जारी रखी। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति रामानंद यादव और ससुर बचाऊ यादव को उम्रकैद व 26- 26 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।



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