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Sonbhadra News: परिवार में मचा कोहराम, साँप काटने से दो सगी बहनों की मौत, चारपाई पर सोते समय आई चपेट में
Sonbhadra News:घटना रविवार की भोर में तीन बजे की बताई जा रही है । जैसे ही परिवार के लोगों को इसकी जानकारी हुई। उपचार के भाग खड़े हुए।
Sonbhadra News: ओबरा थाना क्षेत्र के रेणुकापार स्थित बैरपुर गांव के सागरदह जिले में चारपाई पर सो रही दो सगी बहनों को सर्प ने डस लिया। घटना रविवार की भोर में तीन बजे की बताई जा रही है । जैसे ही परिवार के लोगों को इसकी जानकारी हुई। वैसे ही उपचार के लिए उन्हें चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया लेकिन रास्ते में ही सांसो की डोर टूट गई। चिकित्सकों ने भी देखते ही मृत घोषित कर दिया। तीन महीने पूर्व भी एक बहन की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। चंद माह के भीतर तीन बहनों की मौत से परिवार में कोहराम की स्थिति है। वहीं लोग विधि की इस विडंबना को लेकर भौंचक हैं।
चारपाई से उतरता दिखा सर्प, दोनों बहनों के हाथ में मिले सर्पदंश के निशान
बताते हैं कि रोजाना की भांति सागरदह टोला निवासी संजय कुमार की बेटियां रीता (3) व सीता (6) घर में चारपाई पर सोई हुई थीं। भोर में तीन बजे के करीब उनकी चीखने की आवाज सुनकर परिवार के लोगों की नींद खुली तो देखा कि एक सर्प उनकी चारपाई से नीचे उतर रहा है। दोनों के हाथ में सर्प के डसने का निशान देख परिवार के लोग सन्न रह गए। आनन-फानन में उन्हें चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इससे जहां परिजन दहाड़े मारकर रो पड़े। वहीं लोग भी विधि की इस विडंबना के प्रति भौंचक नजर आए। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस, घटना की जानकारी लेने के बाद आवश्यक कार्रवाई में जुटी हुई है।
आवागमन की दूरूहता बन गई है लोगों के जान की दुश्मन
ओबरा थाना क्षेत्र के रेणुकापार अंचल स्थित इलाके में आवागमन की दुरूहता लोगों के जान की दुश्मन बनी हुई है। आवागमन का कोई सुगम साधन ना होने और रास्ते की दुर्गमता के कारण गंभीर मामलों में जब तक मरीज अस्पताल पहुंचते हैं तब तक उनकी मौत हो चुकी होती है। रेणुकूट और सोनपार इलाके के लोगों को बेहतर चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने का एकमात्र सरकारी माध्यम चोपन स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। ताजा मामले में भी आवागमन की दुरूहता को मौत का जिम्मेदार माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सर्पदंश की जानकारी के बाद साधन आदि की व्यवस्था कर चोपन पहुंचने में ही परिवार के लोगों को ढाई घंटे से अधिक का वक्त गुजर गया जिसके चलते दोनों बहनों की उपचार मिलने से पहले ही मौत हो गई। बता दें कि विषैले सर्पदंश के मामले में किसी भी मरीज के पास, अधिकतम ढाई घंटे का वक्त ही उपचार शुरू कराने के लिए मौजूद होता है।