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Sonbhadra News: वाहनों के छुड़ाने में हुए फर्जीवाड़े की जांच को धमकी टीम, देर तक खंगाले गए रिकॉर्ड

Sonbhadra News: न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदें बनाकर बालू-गिट्टी लदे वाहनों को छुड़ाने के मामले को लेकर शासन गंभीर हो उठा है। शासन के निर्देश के क्रम में यूपी के परिवहन आयुक्त की तरफ से गठित तीन सदस्यीय टीम गुरूवार को जिले में धमक पड़ी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 8 Jun 2023 10:04 PM IST
Sonbhadra News: वाहनों के छुड़ाने में हुए फर्जीवाड़े की जांच को धमकी टीम, देर तक खंगाले गए रिकॉर्ड
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तीन सदस्यीय टीम ने वाहनों के छुड़ाने में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू की: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदें बनाकर बालू-गिट्टी लदे वाहनों को छुड़ाने के मामले को लेकर शासन गंभीर हो उठा है। शासन के निर्देश के क्रम में यूपी के परिवहन आयुक्त की तरफ से गठित तीन सदस्यीय टीम गुरूवार को जिले में धमक पड़ी। मामले को लेकर सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में देर शाम तक रिकार्डों के खंगालने और छानबीन का क्रम जारी रहा। विभागीय अधिकारियों से मामले की जानकारी लेने के साथ ही विभागीय कर्मियों से भी देर बाद पूछताछ की गई। इससे परिवहन महकमे में हड़कंप की स्थिति बनी रही।

फर्जी रसीदें बनाकर 300 से अधिक वाहनों को छुड़ाने का मामला

बताते चलें कि न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदें बनाकर 300 से अधिक वाहनों को छुड़ाने का कथित मामला पिछले कई दिनों से गरमाया हुआ है। इसको लेकर न्यायालय की तरफ से प्रकरण में एक एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। इसको देखते हुए, विभागीय स्तर पर भी मामले की छानबीन तेज कर दी गई है। मामले की जांच के लिए परिवहन आयुक्त यूपी की तरफ से गठित टीम में आरटीओ प्रवर्तन आजमगढ़ डा. आरएन चौधरी को जहां टीम की अगुवाई सौंपी गई है। वहीं, आरटीओ प्रवर्तन वाराणसी यूबी सिंह तथा आरटीओ प्रवर्तन मिर्जापुर राजेश वर्मा को बतौर सदस्य टीम में शामिल किया गया है। शासन के निर्देश पर गठित टीम गुरूवार की दोपहर बाद जिले में धमकी तो परिवहन महकमे में हड़कंप मच गया। देर शाम तक दफ्तर में जमे रहने वाले कई कर्मचारी भी टीम के आने की भनक मिलते ही इधर-उधर हो गए। पहुंची टीम ने दफ्तर में मौजूद रहकर देर शाम तक कागजों की पड़ताल और पूछताछ की।

फर्जीवाड़े के बारे में सोनभद्र में तैनात परिवहन विभाग के अधिकारियों से जानकारी लेने के साथ ही संबंधित पटल सहायकों से भी पूछताछ कर जरूरी जानकारी जुटाई गई। टीम की अगुवाई कर रहे आरटीओ प्रवर्तन आजमगढ़ डॉ. आरएन चौधरी ने बताया कि मामले में जो भी शिकायतें मिली हैं, उसको लेकर अभिलेख तलब किए गए हैं। रिकार्डों को भी खंगाला जा रहा है। फिलहाल 304 वाहनों का मामला सामने आया है। वास्तव में कुल कितने वाहनों को फर्जीवाड़े के जरिए छुड़ाया गया है और इसमें विभागीय या बाहरी स्तर पर किनकी संलिप्तता है, इसके बारे में स्पष्ट जानकारी जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएगी। कहा कि जल्द ही टीम दूसरी बार जिले का दौरा करेगी। इसके बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।

कोरोना काल में खेला गया था, फर्जी रसीदों और वाहनों को छोड़े जाने का खेल

बता दें कि मामले में जो एफआईआर दर्ज कराई गई है। उसके मुताबिक कोरोना काल में वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक बड़े स्तर पर वाहनों को छोड़ने-छुड़ाने का खेल खेला गया। ओवरलोड और बगैर परमिट के थानों में बंद कराए गए वाहनों को छुड़ाने में खेले गए, इस खेल का खुलासा तब सामने आया, जब फर्जी रिलीज ऑर्डर पर छोड़े गए वाहनों का मामला सामने आने के बाद, संबंधित अवधि में पकड़े गए सभी वाहनों की रिलीजिंग को लेकर नए सिरे से सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई गई। सत्यापन के दौरान पता चला कि अवकाश और कोरोना बंदी के समय में न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदें तैयार की गईं। तत्कालीन अफसरों और कर्मियों ने इन्हीं फर्जी रसीदों को आधार बनाकर, वाहनों को छोड़े जाने का आदेश निर्गत कर दिया।



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