×

39 साल से तारीख पर तारीख: बेहमई नरसंहार कांड का फैसला फिर टला, फूलन देवी ने...

बेहमई गांव में 39 साल पूर्व हुए सामूहिक नरसंहार मामले में एक बार फिर फैसला टल गया है। बीते छह जनवरी को कानपुर देहात की कोर्ट में फैसला सुनाया जाना था, लेकिन बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग पेश करने के लिए समय मांगा गया था।

Dharmendra kumar
Published on: 18 Jan 2020 10:59 AM GMT
39 साल से तारीख पर तारीख: बेहमई नरसंहार कांड का फैसला फिर टला, फूलन देवी ने...
X

नई दिल्ली: बेहमई गांव में 39 साल पूर्व हुए सामूहिक नरसंहार मामले में एक बार फिर फैसला टल गया है। बीते छह जनवरी को कानपुर देहात की कोर्ट में फैसला सुनाया जाना था, लेकिन बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग पेश करने के लिए समय मांगा गया था। इसके बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 18 जनवरी की तारीख तय की थी।

शुक्रवार को वकील ने रूलिंग दाखिल की थी जिसके बाद शनिवार को फैसला सुनने के लिए परिसर में बेहमई व क्षेत्र के लोग पहुंच गए थे। चारों आरोपियों को भी कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन प्रकरण की मूल केस डायरी पत्रावली पेश न होने से कोर्ट ने फैसला टाल दिया है। कोर्ट ने अब 24 जनवरी को फैसला सुनाने की तारीख तय की है। बताया जा रहा है कि मूल केस डायरी लापता है।

कोर्ट ने 24 जनवरी को लापता मूल केस डायरी को सबमिट करने की तारीख दी है। वहीं न्यायाधीश ने संबंधित केस डायरी लापता होने पर लिपिक को फटकार लगाई है और 24 जनवरी तक केस डायरी कोर्ट में पेश करने को कहा है।

यह भी पढ़ें...हिंदुत्व पर मोहन भागवत के इस बयान से मच जाएगी खलबली

दरअसल कानपुर देहात जिले के गांव बेहमई 14 फरवरी 1981 को दस्यु सुंदरी फूलन देवी, राम औतार, मुस्तकीम और लल्लू गैंग से जुड़े 35-36 लोगों ने हमला बोल दिया था। फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ गांव के 26 लोगों को बंधक बनाकर गोलियों से भून दिया था जिसमें 20 लोगों की मौके पर मौत हुई थी। जबकि छह लोग गंभीर घायल हो गए थे। यह मामला 39 सालों से कानपुर देहात के जिला एवं सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट मे विचाराधीन है। पुलिस ने चारों सरगनाओं समेत 23 लोगों को आरोपित बनाया था, जिसमें 16 लोगों की मौत हो चुकी है।

यह भी पढ़ें...ट्रंप का भारत दौरा: यहां होगा ‘हाउडी मोदी’ जैसा कार्यक्रम, शामिल होंगे लाखों..

प्रशासनिक कार्यप्रणाली व राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे कारणों की वजह से इस घटना के 33 साल बाद 24 अगस्त 2012 को पांच आरोपितों भीखा, पोसे उर्फ पोसा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप, श्याम बाबू व राम सिंह के खिलाफ ट्रायल शुरू हो पाया। 13 फरवरी 2019 को जिला जेल में निरुद्ध राम सिंह की मौत हो चुकी है। पोसे उर्फ पोसा जेल में है, जबकि तीन अन्य जमानत पर हैं। घटना के बाद से जालौन जिले के तीन आरोपित मान सिंह, रामकेश व विश्वनाथ उर्फ अशोक फरार चल रहे हैं।

यह भी पढ़ें...पिता को याद कर भावुक हुए बिग बी, किया इमोशनल ट्वीट…

बेहमई नरसंहार में चार आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में फैसला सुनाए जाने को लेकर सुबह से परिसर में चहल पहल थी। बेहमई समेत आसपास क्षेत्र से भी लोग फैसला सुनने के लिए पहुंचे। कोर्ट के बाहर परिसर में लोगों की भीड़ मौजूद, लेकिन फैसला न आने की वजह से लोग निराश हो गए।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story