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जानिए कहां एक साथ निकला श्री महावीर झंडा मेला व मुहर्रम का जुलूस?

यूपी के हरदोई जिले के संडीला कस्बे में लगने वाले ऐतिहासिक झंडा मेले ने समाज में सौहार्द की मिसाल कायम की है। गंगा जमुनी तहजीब को अपने आप में समेटे इस मेले में सभी समुदाय के लोगों ने बढ़- चढ़कर  हिस्सा लिया।

Aditya Mishra
Published on: 16 April 2023 12:23 AM GMT (Updated on: 16 April 2023 11:19 AM GMT)
जानिए कहां एक साथ निकला श्री महावीर झंडा मेला व मुहर्रम का जुलूस?
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हरदोई: यूपी के हरदोई जिले के संडीला कस्बे में लगने वाले ऐतिहासिक झंडा मेले ने समाज में सौहार्द की मिसाल कायम की है। गंगा जमुनी तहजीब को अपने आप में समेटे इस मेले में सभी समुदाय के लोगों ने बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया।

मंगलवार को शुरू हुए इस मेले में देश भर से लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं मुहर्रम का जुलूस भी एक साथ निकला।इसको लेकर पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए थे और अधिकारी नजर लगाए रहे।

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ऐसे शुरू हुई थी परम्परा

बताया जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान जब हिंदुओं को अपने धार्मिक कार्यक्रमों को संचालित करना कठिन हो रहा था उस समय स्थानीय लोगों ने यहां धार्मिक कार्यक्रमों का संचालन किया।

नगर के पश्चिम में मां शीतला का मंदिर बरौनी मोहल्ले में निर्जन स्थान पर था। इस मंदिर के पीछे ही महावीर का मंदिर था। दोनों मंदिर जीर्ण शीर्ण अवस्था में थे।

क्षेत्रीय लोगों ने जमींदार बलवंत सिंह की अगुवाई में दोनों सिद्धपीठों पर पूजा करते हुए बांस की लाठियों के ऊपर बजरंग बली की तस्वीर लगे लाल रंग का झंडा लगाया। झंडे में नीचे बल्लम लगाया गया था।

अगर कोई पूछता तो बताया जाता कि झंडे को किसी भी हालत में जमीन पर लिटाया नहीं जा सकता है और न ही तिरछा रखा जा सकता है।

बताते हैं कि ग्रामीण भाद्रपद मास के अंतिम मंगलवार को झंडा लेकर इमिलिहाबाग चौराहे पर इकट्ठे हुए तो उसी समय एक अंग्रेज सिपाही की सूचना पर अधिकारी ने लोगों को रोकने को कहा।

पर, उसी समय उसके परिवार का एक सदस्य बीमार हो गया और अफसर उसे लेकर लखनऊ चला गया। इसके बाद लोगों ने महावीर मंदिर पर जाकर पूजा की और प्रसाद वितरण किया।

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हिन्दू -मुस्लिम एक दूसरे की करते हैं मदद

वहीं हिन्दुओं ने इसे अपनी आस्था से इसे जोड़ा तो स्थानीय मुस्लिमों ने उनकी भरपूर मदद की। मेले में आने वाले लोगों को उनके ठहरने का इंतजाम और चंदे की व्यवस्था मुस्लिम समाज के लोगों ने कर दी।

इसके बाद से आज तक लोग इस परंपरा का निर्वहन करते चले आ रहे हैं। इस ऐतिहासिक मेले में प्रदेश के तमाम जिलों के लोग झंडा लेकर आते हैं और इकट्ठा होकर शहर में हनुमान यात्रा और पालकी निकालते हैं।

हिन्दुओं की आस्था से जुड़े इस धार्मिक मेले को सफल बनाने के लिए स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग मेले में आने वाले लोगो का सहयोग करते हैं।

मेले के लिए लाइट की व्यवस्था और आगंतुकों के लिए पानी और उनके ठहरने की व्यस्था भी मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं। मेले में आने वाले दुकानदारों को मुस्लिम समुदाय के लोग दुकानें लगाने के लिए जगह भी देते हैं।मोहर्रम और झंडा मेले को लेकर प्रशासन ने भी तगड़े इंतजाम किए थे।

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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