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बड़ी खबर: कुपोषण के लिए उठाए गए कदम, लगाएं जाएंगे पोषण वाटिका
7 सितंबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह को लेकर इस बार डिजिटल प्लेटफार्म का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। कुपोषित बच्चों और एनीमिया की शिकार गर्भवती महिलाओं को इससे मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
हमीरपुर: 7 सितंबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह को लेकर इस बार डिजिटल प्लेटफार्म का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। कुपोषित बच्चों और एनीमिया की शिकार गर्भवती महिलाओं को इससे मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा। ऐसे घरों में पोषण वाटिका भी लगाई जाएगी। अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उचित उपचार कराया जाएगा।
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बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार पोषण माह की गतिविधियों को ज्यादा से ज्यादा जन-जन तक पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का प्रयोग किया जाएगा। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्मों में कुपोषण के विरुद्ध होने वाले कार्यक्रमों को ज्यादा से ज्यादा शेयर किया जाएगा ताकि लोगों की इसमें भागीदारी बढ़े।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को संदर्भित अतिकुपोषित सैम/मैम बच्चों की पहचान (वजन एवं लंबाई के आधार पर), स्वास्थ्य जांच व आवश्यक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा इकाइयों में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूक किया जाएगा। 7 सितंबर से कार्यक्रम शुरू होते ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए घर-घर सर्वे कराया जाएगा।
कुपोषित बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को चिन्हित किया जाएगा। ऐसे घरों में पोषण वाटिका लगाई जाएगी। घर में आंगन है तो वाटिका वही लगाएंगे और अगर आंगन या कच्ची जगह का अभाव है तो फिर पक्की छत में तिरपाल या पॉलीथिन बिछाकर पोषण वाटिका लगाई जाएगी ताकि घर पर ही पोषक पदार्थों की उपलब्धता हो सके।
Malnutrition (social media)
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरजीत सिंह ने आगे कहा कि
उन्होंने कहा कि नवजात के लिए जीवन के प्रथम हजार दिवस महत्वूर्ण हैं। साथ ही 6 माह तक केवल स्तनपान, 2 साल तक सतत स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषण तत्व प्राप्त होते हैं। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए जनमानस में जागरूकता संदेश प्रसारित किया जाएगा।
समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी कुपोषण के चिन्हीकरण के लिए अपने-अपने परियोजना में माह में प्रत्येक दो दिवस (शनिवार एवं रविवार) को अभियान चलाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं आशाओं के द्वारा शून्य से पांच साल के बच्चों का वजन करेंगे। प्रत्येक गुरुवार को फलदार वृक्षों के रोपण का अभियान चलेगा।
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जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया
जिसमें मौसमी फल, पत्तेदार सब्जी, बैगन, टमाटर, पुदीना, गाजर, तुलसी, सहजन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 2316 कुपोषित और अति कुपोषित बच्चे है। जिसमें कुपोषित बच्चे 2208 और अति कुपोषित बच्चे 108 हैं। एनीमिया से ग्रसित किशोरी, बालिकाओं और महिलाओं की संख्या 138 है।
रविंद्र सिंह, हमीरपुर
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