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UP में बेसिक शिक्षा के 14 अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डाॅ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि विभाग के समूह क एवं ख के अधिकारियों के विरूद्व लम्बित विभागीय प्रकरणों का निस्तारण समयानुसार कराया जाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डाॅ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि विभाग के समूह क एवं ख के अधिकारियों के विरूद्व लम्बित विभागीय प्रकरणों का निस्तारण समयानुसार कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता नही की जानी चाहिए।
बेसिक शिक्षा विभाग के समूह क एवं ख के अधिकारियों के विरूद्व लम्बित विभागीय प्रकरणों की बुधवार को समीक्षा करते हुए द्विवेदी ने बताया कि शासन द्वारा पूर्व में लम्बित विभागीय कार्यवाही मे तेजी लाते हुए 14 अधिकारियों को बर्खास्तगी से लेकर मूल वेतन पर प्रत्यावर्तित करने तथा वेतन वृद्वि स्थायी रूप से रोकने जैसे कठोर दण्ड दिये गये हैं। इसी प्रकार 8 अधिकारियों को लघु दण्ड दिया गया है।
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द्विवेदी ने शेष प्रकरणों में निर्देश दिये कि इसमे तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों की यदि कोई जांच लम्बित है तो नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कराते हुए निस्तारण कराया जाये। डा. द्विवेदी ने अधिकारियों से कहा कि विभागीय कार्यो को गम्भीरता से लेते करना सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि जिन प्रकरणों में आरोप-पत्र अभी जारी नही हुए है उसके सम्बन्ध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को निर्देश दिया है कि आरोप-पत्र प्रत्येक दशा में निर्धारित समयावधि में शासन को उपलब्ध कराया जाये और जांचों की नियमित रूप से समीक्षा अवश्य की जाये। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन स्तर पर लम्बित जांचों के लिए एक रजिस्टर बनाएं और प्राप्त जांच रिपोर्टो का शीघ्र परीक्षण कर निश्चित समय सीमा में प्रस्तुत करें।
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बता दें कि 69000 शिक्षकों का मामला हो या कस्तूरबा विद्यालयों में एक नाम से कई शिक्षकों के काम करने का मामला हो यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में आये दिन अनियमितताएं सामने आ रही है। इससे जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं सरकार की बदनामी भी हो रही है। इसी को देखते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री ने विभाग के सभी लम्बित मामलों को निपटाने का फैसला किया है।
रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव