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आजमगढ़ महोत्सव में संगीत एवं शिल्प मेले का हुआ सफल आयोजन
यह प्रदर्शनी इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की तरफ से हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए और देश में बुनकरों एवं कुम्हारों को उनकी जगह दिलाने के लिए लगाई जाती है।
शाश्वत मिश्रा
लखनऊ: सोमवार को गोमतीनगर के संगीत नाटक अकादमी के मैदान में पांच दिवसीय निजामाबादी ब्लैक पॉटरी, हैंडलूम से बनी साड़ियां, दुप्पटे और कपड़ों की प्रदर्शनी तथा बिक्री का पांच दिवसीय उत्सव का आयोजन सफल तरीके से सम्पन्न हुआ।
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यह प्रदर्शनी इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की तरफ से हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए और देश में बुनकरों एवं कुम्हारों को उनकी जगह दिलाने के लिए लगाई जाती है।
यहां पर मुबारकपुर(आजमगढ़) से आये तनवीर अहमद ने बताया कि उनके पास मोनिका, टस्सर, कोटा धागों से कढ़ाई की हुई
चंदेरी सिल्क, डोपीयन सिल्क, जार्जेट सिल्क, कॉटन सिल्क की साड़ियां और दुप्पटे प्रदर्शनी में बिक्री के लिए उपलब्ध थी। तो सबसे मंहगे धागे कतान सिल्क से भी कढ़ाई की हुई साड़ियां और दुप्पटे मौजूद थे।
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वहीं निजामाबाद(आजमगढ़) से आए बलिराम प्रजापति ने बताया कि इन जगहों पर आने से कमाई अच्छी हो जाती है, यहां पर हमने मिट्टी से बनाये हुए कछुआ, गिलास, कटोरी, कप, चिड़िया, फ्लावर पोर्ट, दिए और लैंप प्रदर्शनी में लगाये, जिसको बहुत लोग खरीद कर भी ले गए हैं, लेकिन मेरे लिए सबसे कठिन काम सुराही बनाना होता है।
तीन फुट का गुलदस्ता रहा खास
आजमगढ़ महोत्सव के हस्तशिल्प प्रदर्शनी के मौके पर निजामाबाद(आज़मगढ़) से आए रामनवमी प्रजापति ने तीन फुट का गुलदस्ता बनाया। जिसकी प्रदर्शनी में आए सभी लोगो ने खूब तारीफ की और इसे खरीदने की इच्छा जाहिर की। इसके अलावा इन्होंने सुराही, जग, गिलास, पानी वाली बोतल को ब्लैक पॉटरी से सवांरा।
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वैसे रामनवमी प्रजापति किसी पहचान के मोहताज नही हैं, इनको सरकार द्वारा पिछले साल हस्तशिल्प कला के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है, इस कार्यक्रम के बारे में यह बताते हैं- कि हमें सरकार द्वारा सारी सुविधाएं मिली हैं, हमें इस पांच दिवसीय प्रदर्शनी में रोजाना पांच सौ रुपये खाने को मिलते हैं, होटल में रुकने का इंतजाम सरकार ने किया और हमारे आने-जाने में आने वाले खर्च का भी पैसा सरकार ही देगी।