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BJP का ऐसा नेता: जो चुना गया लगातार आठ बार, कभी न मानी हार

शाहजहांपुर की नगर विधानसभा से बीजेपी विधायक व कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना की। सुरेश कुमार खन्ना का नाम जनपद में इतना ज्यादा चर्चित है कि चाहे महिलाएं, बुजुर्ग, जवान हो या फिर बच्चे बस वह सुरेश कुमार खन्ना को खन्ना जी के नाम से जानते है। सुरेश कुमार खन्ना ने खत्री परिवार में जन्म लिया है।

SK Gautam
Published on: 5 Feb 2020 2:07 PM GMT
BJP का ऐसा नेता: जो चुना गया लगातार आठ बार, कभी न मानी हार
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आसिफ अली

शाहजहांपुर: आज हम आपको एक ऐसे नेता के बारे मे बताएंगे। जिसने अपने 40 साल के राजनीति के सफर में सिर्फ एक बार हार का सामना किया था। लेकिन वह हार भी उस नेता को रोक नही सकी। उसके बाद लगातार आठ बार विधायक बनने वाले उस नेता का नाम सुरेश कुमार खन्ना है। आखिर क्यों इस नेता को लगातार आठ बार जनता ने अपने सिर का ताज बनाया है। इसके बारे में भी हम आपको बताएंगे। बीजेपी मे इस नेता की अच्छी पकड़ है।

एमएलए का चुनाव लड़कर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया

बता दें मौजूदा सरकार में सीएम योगी के बाद अगर किसी मंत्री का नाम आता है तो वह सुरेश कुमार खन्ना का नाम है। उन्होंने शाहजहांपुर की नगर विधानसभा से एमएलए का चुनाव लड़कर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। आठ बार विधायक आखिर कैसे बने। इसका कारण जानने के लिए हमने नगर विधानसभा के सभी धर्मों के करीब दो दर्जन लोगों से बात की तो पता चला कि इन कारणों से जनता के दिलों पर आज भी राज कर रहे हैं।

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दरअसल हम बात कर रहे हैं शाहजहांपुर की नगर विधानसभा से बीजेपी विधायक व कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना की। सुरेश कुमार खन्ना का नाम जनपद में इतना ज्यादा चर्चित है कि चाहे महिलाएं, बुजुर्ग, जवान हो या फिर बच्चे बस वह सुरेश कुमार खन्ना को खन्ना जी के नाम से जानते है। सुरेश कुमार खन्ना ने खत्री परिवार में जन्म लिया है।

जबकि खत्री समाज की तादाद बेहद कम है। लेकिन उसके बावजूद सुरेश कुमार खन्ना पिछले आठ बार से लगातार विधायक बनते आ रहे हैं। आलम ये है कि आज भी जब सुरेश कुमार खन्ना किसी छोटी सभा या बङी सभा में जाते है तो जनता उनको एक झलक देखने के लिए आतूर रहती है।

चौक कोतवाली क्षेत्र के दीवान जोगराज मोहल्ले में रहने वाले रामनारायण खन्ना के परिवार में सन 1954 में सुरेश कुमार खन्ना का जन्म हुआ था। स्नातक की परीक्षा पास करने के पश्चात सन 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी किया था। सुरेश कुमार खन्ना ने शादी नही की है ।अभी भी वह अविवाहित है। सुरेश कुमार खन्ना योगी सरकार में नगर विकास मंत्री है।

खन्ना का राजनीतिक सफर

अब बात करते है सुरेश कुमार खन्ना के राजनीति सफर पर जो एक मिसाल बन चुका है। सुरेश कुमार खन्ना का राजनीतिक सफर छात्र नेता के रूप में शुरू हुआ था।

शाहजहांपुर के नगर विधानसभा से सबसे पहले सुरेश कुमार खन्ना ने सन 1980 मे लोकदल पार्टी से चुनाव लड़ा था। लेकिन इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। पहली हार से सुरेश खन्ना का राजनीतिक कद कम नही बल्कि बढ़ गया था। उन्होंने सन 1989 में बीजेपी के टिकट पर फिर से नगर विधानसभा से किस्मत आजमाई। जिसमे उनको जीत मिली। इसके बाद सुरेश कुमार खन्ना का जीत का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक चलता आ रहा है।

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1991 में फिर से चुनाव मैदान में उतरे और जीत के बाद वह राज्यमंत्री के पद से नवाजे गए।

1993, 1996 और 2002 में भी लगातार बीजेपी के टिकट पर नगर विधानसभा से चुनाव लड़कर विधायक बने। सरकार में मंत्री बनाए गए।

2007 में भी सुरेश कुमार खन्ना को जनता ने पसंद किया और अपना नेता चुना।

इसके बाद फिर लगातार दो बार चुनाव जीतकर सुरेश कुमार खन्ना ने अपना लोहा मनवा लिया है।

सुरेश कुमार खन्ना ने बीजेपी में अपनी अच्छी पकड़ बनाया

आठ बार जीत के बाद सुरेश कुमार खन्ना ने बीजेपी में अपनी अच्छी पकड़ बना ली है। इस वक्त अगर सीएम योगी के बाद अगर किसी बड़े नेता का नाम आता है तो वह नाम सुरेश कुमार खन्ना का है। चुनाव के वक्त सुरेश कुमार खन्ना ने खुले मंच से राजनीतिक में अपना आदर्श लाल जी टंडन को बताया था। उन्होंने बताया था कि जब उनको सबसे पहले टिकट लेना था तब उन्होंने लाल जी टंडन से मुलाकात की थी। तब उन्होंने 1989 में हमे टिकट देकर बहुत बड़ा उपकार किया था।

सुरेश कुमार खन्ना ने अपने राजनीतिक सफर के दौरान कुछ ऐसे काम किये है जिनकी वजह से वह बेहद चर्चित हुए और लोग उन्हे काफी ज्यादा पसंद करने लगे है। जब सुरेश कुमार खन्ना पहली बार मंत्री बने थे। तब उन्होंने हनुमान की सबसे ऊंची मूर्ती बनाने का संकल्प लिया था। उन्होंने अपने संकल्प को पूरा भी किया है। शहर बिसरात रोड पर खननौत नदी के बीचोंबीच 104 फिट ऊंची हनुमान की मूर्ती बनवा दी। जिसका नाम उन्होंने हनुमतधाम रखा और उसको पर्यटन स्थल भी घोषित कर दिया।

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आखिर जनता सुरेश कुमार खन्ना को इतना क्यों पसंद करती है। वह उस विधानसभा से क्षेत्र से लगातार आठ बार बन चुके है। जहां हिंदू और मुस्लिम आबादी लगभग बराबर है। जबकि जिस बिरादरी से सुरेश कुमार खन्ना आते है। उस बिरादरी का वोट न के बराबर है।

Newstrack.com से ख़ास बातचीत

Newstrack.com ने रेती मोहल्ले के रहने वाले अरविंद त्रिपाठी से बात की। जो किसी भी पार्टी से ताल्लुक नही रखते है। उनका कहना है कि वह ऐसे नेता को सबसे ज्यादा पसंद करते है। जो कभी अपने भाषण मे हिंदू मुस्लिम खुलकर नाम न लें। क्योंकि जब नेता ही हिंदू मुस्लिम खुलकर बात करने लगते है तो जो लोग ऐसे नेताओं की बात सुनता है तो वह उनकी बातो पर अमल भी करते है। यही कारण है कि सिर्फ बयानबाजी को लेकर दो समुदायों के बीच बड़ी खाई पैदा हो गई है। उन्होंने कभी भी सुरेश कुमार खन्ना द्वारा दो समुदायों के बीच खाई पैदा करने वाला ब्यान नही दिया है। यही कारण है कि वह सुरेश कुमार खन्ना को बेहद पसंद करते है।

वहीं हमने ईदगाह के निवासी शेर मोहम्मद से बात की तो उनका कहना है कि सुरेश कुमार खन्ना ने जितना भी विकास कराया है। उसमे कभी भी भेदभाव देखने को नही मिला है। इतना ही नही उनकी खासियत है कि वह एक बार किसी शख्स से मिल लें। तो उसका नाम भी नही भूलते है।

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कभी गलत बयानबाजी नहीं किया

ऐसे ही हमने मोहल्ला जियाखेल के रहने वाले मोहम्मद आरिफ से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके मोहल्ले मे सबसे ज्यादा आबादी मुस्लिम धर्म के लोगों की है। लेकिन जब भी चुनाव होता है उसमे सबसे ज्यादा वोट सुरेश कुमार खन्ना को ही मिलते है। ऐसा इसलिए है कि उनकी जुबान से कभी भी मुस्लिम लोगों के लिए कभी गलत बयानबाजी नही सुनी है। इतना ही नही कभी भी उन्होंने विकास कार्यों मे भेदभाव नही किया है। यही कारण है कि सुरेश कुमार खन्ना जनता के दिलों मे बसते है।

कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना और पूर्व बीजेपी सांसद कृष्णाराज की भी कभी भी नही बनी है। जिस वक्त कृष्णाराज सांसद बनी थी और उसके बाद उनको केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था। तब दोनो के बीच तल्खी काफी ज्यादा बढ़ गई थी। दोनो के बीच खटास जनसभा के मंच पर भी देखने को मिली थी।

इस कारण रहे चर्चा में

जहां मंच पर बोलने को लेकर सुरेश कुमार खन्ना और कृष्णाराज के बीच माईक के लिए छीना झपटी भी हुइ थी। जिसके बाद दोनो नेताओं के समर्थकों के बीच मारपीट तक हो गई थी। उसके बाद लोकसभा चुनाव मे मंत्री रहते है फिर से कृष्णाराज ने टिकट मांगा था। लेकिन उनको टिकट नही मिल पाया था। जिसके बाद शहर मे खूब चर्चा हुई थी कि कृष्णाराज का टिकट कटने मे सुरेश कुमार खन्ना का हाथ है। लेकिन जब इस बारे मे उनके बात की तो उन्होंने लगे आरोप को नकार दिया था।

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