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Sultanpur News: एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति, खूब बंटे लड्डू
Sultanpur News: कभी अमेठी की सदर सीट जीत कर पहली बार सपा को जीत दिलाई थी और बदले में उनको प्रदेश की सरकार में अहम खनन विभाग का मंत्री बनाया गया था।
Sultanpur News: सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री और कद्दावर नेता रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को आज सुल्तानपुर जिले की एमपी एमएलए कोर्ट में आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में बरी कर दिया। सालों से गायत्री प्रजापति जेल की सलाखों के पीछे हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ कहलाने वाली अमेठी की सदर सीट जीत कर पहली बार सपा को जीत दिलाई थी और बदले में उनको प्रदेश की सरकार में अहम खनन विभाग का मंत्री बनाया गया था।
फिलहाल इस बार इनकी पत्नी महराजी देवी अमेठी से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं। कभी गायत्री के रुतबे के आगे अमेठी के वीवीआइपी भी हुए थे फेल। अहम बात ये है कि गायत्री प्रजापति कभी मामूली ठेकेदार हुआ करते थे और समाजवादी पार्टी से अपने करियर की शुरुवात की थी ।उन्हें पिछड़ा वर्ग का प्रदेश सचिव बनाया गया था। फिर समाजवादी पार्टी ने उनको अमेठी विधान सभा से प्रत्याशी बनाया जहां उन्होंने कद्दावर नेता डॉ संजय सिंह की पत्नी को हराकर पहली बार सपा के झोली में सीट डाली जिसके बदले उनको इनाम भी बड़ा मिला और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाकर खनन विभाग का मुखिया बना दिया।
अकूत संपत्ति के मालिक बने गायत्री अभी भी चल रही है जांच
बहरहाल गायत्री प्रजापति के खनन विभाग मिलने के बाद ठेके पट्टों में इनका सीधा दखल होने लगा। सूत्र बताते हैं कि गायत्री प्रजापति ने अकूत बेनामी संपत्ति बना रखी गया। हालांकि प्रदेश सरकार और केंद्रीय एजेंसियां आज भी इनका हिसाब किताब खंगालने में जुटी हुई है।
गायत्री पर मंत्री पद जाने के बाद अनगिनत मामले हुए दर्ज
फिलहाल मंत्री पद से हटने केबाद की मुकदमे इनपर लगे हैं। जिनकी जांच या कार्यवाही फिलहाल अभी लंबित है। इनपर एक महिला ने भी गम्भीर आरोप लगाए जिसकी चर्चा प्रदेश स्तर पर होती रही है।
आचार संहिता के मामले में हुए बरी,2012 में चुनाव के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा
गायत्री के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडे ने बताया कि 2012 के जनवरी माह में विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रसाद प्रजापति अपना नामांकन करने जा रहे थे। प्रशासन का आरोप था कि जिस रास्ते से इनका नामांकन जुलूस जा रहा था । उसका परमिशन नहीं लिया गया था। इस वजह से अमेठी कोतवाली में गायत्री के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष द्वारा अपने अपने तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए लेकिन एमपी एमएलए कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए साक्ष्य को पर्याप्त नहीं माना और आज उस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को बरी कर दिया है।