सुप्रीम कोर्ट से आजम खान के बेटे को मिली राहत, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्लाह आजम तीनों पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है।

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Published on: 6 Nov 2020 2:52 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट से आजम खान के बेटे को मिली राहत, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्लाह आजम तीनों पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है।

लखनऊ: रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के पुत्र अब्दुल्लाह आजम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसमें कहा गया था कि अब्दुल्लाह आजम के निर्वाचन क्षेत्र स्वार टांडा में तत्काल नए चुनाव कराए जाएं।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्लाह आजम तीनों पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर की स्वार टांडा सीट से विधायक चुने गए अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा प्रतिनिधि चुने जाने की प्रक्रिया को शुरू करने का भी निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अब्दुल्लाह आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि उनकी इस सिलसिले में एक याचिका जनवरी 2020 में खारिज कर दी थी, लेकिन नए तथ्यों के साथ अब्दुल्लाह आजम ने जब दोबारा सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई तो इस बार सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को सुनवाई पूरी होने तक रोक दिया है। इससे अब्दुल्लाह आजम को राहत मिली है।

Supreme Court

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सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने की वजह से ही चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की खाली हुई 8 सीटों में से केवल 7 पर ही चुनाव कराया है। अगर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित ना होता तो 3 नवंबर को स्वार टांडा सीट पर भी नए प्रतिनिधि के लिए मतदान हो गया होता।

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जन्मतिथि में हेराफेरी का है आरोप

मोहम्मद आजम खां के पुत्र अब्दुल्लाह आजम पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपने जन्म तिथि के प्रमाण पत्रों में हेरा फेरी की है। चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी रहे बहुजन समाज पार्टी के नवाब काजिम अली ने इस बारे में शिकायत की है जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया है।

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अब्दुल्लाह आजम खान की विधानसभा रद्द करने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। इसके बाद ही चुनाव आयोग में नए चुनाव कराने का सरकार की ओर से आवेदन भी किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की वजह से मामला अटक गया। जन्मतिथि के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में ही मोहम्मद आजम खां और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा भी आरोपित हैं।

रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी

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