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'निर्मल दर्शन' की याद में सुरमई काव्य संध्या का हुआ आयोजन
कार्यक्रम में 'साहित्यगंधा' के संपादक स्माइल मैन सर्वेश अस्थाना ने निर्मल दर्शन पर विशेषांक का विमोचन किया। विमोचन के वक़्त सर्वेश अस्थाना ने अपने और निर्मल की दोस्ती के बारे में बात की।
लखनऊ: 'सुखद स्मृतियों की तरफ जाते हैं तो सुरमई शाम सजती है।' गुरुवार को शहर के गोमती नगर में पत्रकारपुरम स्थित 'लखनवी पैलेट' रेस्टोरेंट में 'निर्मालांजलि' नामक गोष्ठी हुई। इस मौके पर एक सुरमई काव्य संध्या का आयोजन किया गया। सरस्वती वंदना के साथ इस गोष्ठी की शुरुआत हुई। जिसके बाद निर्मल दर्शन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
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असली स्माइल मैन तो निर्मल दर्शन थे
कार्यक्रम में 'साहित्यगंधा' के संपादक स्माइल मैन सर्वेश अस्थाना ने निर्मल दर्शन पर विशेषांक का विमोचन किया।विमोचन के वक़्त सर्वेश अस्थाना ने अपने और निर्मल की दोस्ती के बारे में बात की।
उन्होंने कहा- असली स्माइल मैन तो निर्मल दर्शन थे, वो एक सकारात्मक इंसान भी थे जो हमेशा सकारात्मक सोचते थे।
अदालत की कार्यवाही
इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अखिलेश मिश्र ने रामायण की चौपाइयां पढ़ी। अवधी विकास संस्थान के अध्यक्ष विनोद मिश्रा ने 'अदालत की कार्यवाही' पर अवधी भाषा में अपनी कविता सुनाई। वहीं सुभाष रसिया ने 'जब बाजे पायलिया तोहार सजनी' के साथ शाम को सजा दिया।
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फौजी सुनील कुमार सिंह ने देशभक्ति पर व निशा सिंह ने गरीबी पर सुनाई अपनी कविता
इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अखिलेश मिश्र, विशिष्ट अतिथि विनोद मिश्र, सर्वेश अस्थाना, विकास श्रीवास्तव, ओंकार अग्रवाल, कमल पांडेय, निर्मल, रीतू सिंह, वैभव यादव, मोहिनी, अभिलाषा, नेहा और पंडित उमा शंकर सहित तमाम लोगों ने इस सुरमई शाम का आनंद उठाया।