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Swami Prasad Maurya News: स्वामी प्रसाद के बयान पर भूचाल, पार्टी नेताओं ने दी धार्मिक मुद्दों से दूर रहने की नसीहत
Swami Prasad Maurya Statement: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने हिंदू धर्म पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं है। हिंदू धर्म सिर्फ धोखा है।
Swami Prasad Maurya Controversy Statement: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने हिंदू धर्म पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं है। हिंदू धर्म सिर्फ धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों,आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की साजिश की जा रही है।
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब धार्मिक मुद्दों पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयानबाजी की है। अपने विवादित बयानों को लेकर वे लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान के बाद वे लगातार हिन्दू धर्म और साधु संतों पर हमला करने में जुटे हुए हैं।
ब्राह्मणवाद पर बोले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य।
हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है।
सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।… pic.twitter.com/MHAfnLsB6L— Newstrack (@newstrackmedia) August 27, 2023
अपने विवादित बयानों को लेकर अब वे अपनी पार्टी में भी लगातार घिरते जा रहे हैं। हिंदू धर्म पर उनके ताजा बयान को लेकर भाजपा और साधु-संत तो हमलावर हैं ही मगर उनकी पार्टी में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। सपा नेताओं ने भी उनके बयान पर तीखा विरोध दर्ज कराया है। घोसी विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विधानसभा उपचुनाव के बीच स्वामी प्रसाद के इस विवादित बयान के बाद पार्टी बैकफुट पर आती दिख रही है।
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स्वामी प्रसाद के बयान से सपा ने झाड़ा पल्ला
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक छह मिनट का वीडियो शेयर करते हुए हिंदू धर्म के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग भले ही पागल होकर हिंदू धर्म के लिए मरें मगर ब्राह्मणवादी व्यवस्था के चालाक लोग हमें आदिवासी मानते हैं। ऐसा ही व्यवहार भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ किया गया था। दलित होने के कारण उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। उन्होंने सारी विषमता का जारण ब्राह्मणवाद को बताया है।
समाजवादी पार्टी के भीतर भी उनके बयान का तीखा विरोध शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि हिंदू धर्म को लेकर की गई स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी उनका व्यक्तिगत विचार है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
डिंपल यादव की डैमेज कंट्रोल की कोशिश
मौर्य के बयान के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने भी डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का कोई भी दुश्मन नहीं है। इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान हर धर्म के लोग विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को वोट देंगे।
सपा नेता मनोज पांडेय ने दी मौर्य को नसीहत
सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने स्वामी प्रसाद मौर्य को इशारों में नसीहत दी है। उन्होंने मौर्य का नाम लिए बिना कहा कि हमारी पार्टी की दिशा पूरी तरह स्पष्ट है। हमें किसी भी धर्म या जाति के खिलाफ बोलने का कोई अधिकार नहीं है। सभी नेताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि देश का संविधान सभी धर्मों के प्रति सम्मान की अपेक्षा रखता है। अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसी भी नेता को किसी भी धर्म को निशाना नहीं बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सपा की कोशिश समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने की है। बरेली में मीडिया से बातचीत के दौरान मनोज पांडेय ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम तो नहीं लिया मगर उनके बयान से स्पष्ट है कि उन्हें मौर्य का हिंदू धर्म पर दिया गया बयान मंजूर नहीं है और उन्होंने इशारों में मौर्य को नसीहत दी है।
आईपी सिंह ने खोला मौर्य के खिलाफ मोर्चा
हिंदू धर्म के संबंध में स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का सपा नेता आईपी सिंह ने तीखा विरोध किया है। सपा नेता ने कहा कि धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए। आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था। इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिंदू धर्म की लगातार आलोचना करते रहें।
सपा नेता ने कहा कि स्वामी प्रसाद पांच वर्ष तक भाजपा में रहे मगर इस दौरान उन्होंने कभी इन मुद्दों को नहीं उठाया। स्वामी प्रसाद का बयान उनका निजी विचार हो सकता है और पार्टी इससे कभी सहमत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि लड़ाई लड़ने के लिए अनेक मुद्दे हैं। उन मुद्दों को लेकर संघर्ष करना चाहिए और धार्मिक मुद्दों पर लगातार बयानबाजी से परहेज करना चाहिए।
अखिलेश की चुप्पी पर उठाए सवाल
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने स्वामी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस बयान पर अखिलेश यादव का कोई खंडन नहीं आया है, जिससे ये माना जाए कि ये अखिलेश यादव का बयान है। सुभासपा नेता ने कहा कि क्या ये बातें स्वामी ने अखिलेश यादव को नहीं बताई कि कौन हिंदू हैं और कौन ब्राह्मण है।
स्वामी प्रसाद पर निशाना साधते हुए राजभर ने कहा कि 2022 में सपा फरसा उठाकर परशुराम जी की मूर्ति लगाने जा रही थी। एक दर्जन ब्राह्मण नेता जय परशुराम का नारा लगा रहे थे। जब सपा में यह सबकुछ हो रहा था तब क्या ब्राह्मणवाद की गहरी खाई उनको नजर नहीं आ रही थी? अगर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस बयान के संबंध में स्पष्टीकरण नहीं दिया तो यह बयान उनका बयान माना जाएगा।