×

Happy Teachers Day: यूपी का नाम रोशन करने वाले को सीएम करेंगे सम्मानित

आशुतोष का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है। पांच सितंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। इसके साथ ही खबर है कि देश के मुखिया योगी आदित्य नाथ शिक्षक की काबिलियत को देखते हुए शिक्षक आशुतोष आनंद अवस्थी को सम्मानित करेंगे।

Harsh Pandey
Published on: 21 March 2023 4:10 AM IST
Happy Teachers Day: यूपी का नाम रोशन करने वाले को सीएम करेंगे सम्मानित
X

बाराबंकी: किसका मन पढ़ाई में लगता है। किसकी रुचि खेल में है। कौन योग या किसी अन्य विषय को पसंद करता है। बच्चों को किस प्रकार पढ़ाया जाए कि बात समझ में आए और बोर न हों। यह बात बाराबंकी के दरियाबाद ब्लॉक स्थित मियांगंज जूनियर हाईस्कूल के प्रभारी अध्यापक आशुतोष आनंद अवस्थी बेहतर तरीके से जानते हैं।

इसी का नतीजा है कि जिले के सैकड़ों शिक्षकों में अलग पहचान बनाने में सफल रहे। अब आशुतोष का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है। पांच सितंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। इसके साथ ही खबर है कि देश के मुखिया योगी आदित्य नाथ शिक्षक की काबिलियत को देखते हुए शिक्षक आशुतोष आनंद अवस्थी को सम्मानित करेंगे।

राष्ट्रपति पुरस्कार से होंगे सम्मानित

बाराबंकी में दरियाबाद क्षेत्र के शिक्षक आशुतोष आनंद अवस्थी को शिक्षा क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कामों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बच्चों के शैक्षिक स्तर के साथ ही उनका बौद्धिक और सामाजिक स्तर सुधारने का प्रयास किया। इसमें वे सफल भी रहे। यह सम्मान पांच सितबंर को उन्हें दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान राष्ट्रपति देंगे। इनकी काबिलियत को देखते हुए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ भी शिक्षक आशुतोष आनंद अवस्थी को सम्मानित करेंगे।

ये भी देखें : भारत नहीं डरेगा: इमरान चाहे कर दे ये ऐलान, पछताएगा पाकिस्तान ही

राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने से उत्साहित आशुतोष इस पुरस्कार को अपने विद्यालय के बच्चों को समर्पित कर रहे हैं। आशुतोष के पढ़ाने का तरीका ही उन्हें बाकी शिक्षकों से अलग बनाता है।

दरियाबाद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मियागंज में लगभग 10 सालों से तैनात आशुतोष आनंद के मुताबिक बच्चे कुछ पढ़ने से ज्यादा देखकर सीखते हैं। ऐसे में विजुअल का इस्तेमाल शुरू किया। स्मार्ट फोन का इस्तेमाल सिखाया और अपने फोन पर विडियो दिखाकर तमाम जानकारी देनी शुरू कीं। इसके बाद तेज बच्चों को बाकी बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा सौंपा।

लैपटाप की मदद से पढ़ाना शुरू किया

स्कूल परिसर के साथ ही घरों के आसपास भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। स्कूल के पाठयक्रम के क्यूआर कोड को स्कैन कर विजुअल और फिर लैपटाप की मदद से पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे बच्चे रुचि लेने लगे। उन्होंने स्कूल के मैदान को संवारने के साथ ही क्लास में लैपटॉप, डेस्कटॉप, प्रॉजेक्टर जुटाए। धीरे-धीरे मेहनत रंग लाने लगी और स्कूल में बच्चों की उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ने लगा।

ये भी देखें : क्रिकेटर को जेल: दूसरी औरतों से गैर संबंध, घरेलू हिंसा का भी आरोप

आशुतोष ने बताया कि इस समय उनके स्कूल में 207 विद्यार्थी हैं। सबका जिम्मा अकेले शिक्षक आशुतोष और दो अनुदेशकों पर है। इसके बावजूद स्कूल में विद्यार्थियों की उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम नहीं होती। आशुतोष के अनुसार यूं तो समस्याएं बहुत हैं, पर बच्चों के मन को पढ़कर समाधान तलाशा और आगे बढ़ते गए।

उन्होंने बताया कि इससे पहले साल 2005 में वह कुशफर के विद्यालय में तैनात थे। साल 2015 में आशुतोष को राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिला था। साल 2018 में एक पुरस्कार राज्यपाल रामनाईक से मिल चुका है।



Harsh Pandey

Harsh Pandey

Next Story