×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जून की गर्मी में खुलेंगे स्कूलः शिक्षक उतरे विरोध में, उठाए सवाल

प्राइमरी स्कूलों की शैक्षिक गतिविधियों के संचालन संबंधी बेसिक शिक्षा विभाग के नए आदेश का प्राथमिक शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है।

Newstrack
Published on: 27 Aug 2020 4:51 PM IST
जून की गर्मी में खुलेंगे स्कूलः शिक्षक उतरे विरोध में, उठाए सवाल
X
जून की गर्मी में खुलेंगे स्कूलः शिक्षक उतरे विरोध में, उठाए सवाल

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों के लिए शीत और ग्रीष्म काल की छुटिटयों का जो खाका तैयार किया है उससे पठन पाठन सुचारु होने के बजाय और बिगड़ जाएगा, प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभाग की ओर से तैयार समय सारिणी की विसंगतियों की ओर शासन का ध्यान आकर्षित किया है। संघ ने अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि 16 जून से प्राथमिक स्कूलों को संचालित करने का फैसला पूरी तरह से अव्यवहारिक है। छोटे बच्चों को जून की गर्मी में स्कूल बुलाना किसी तरह से उचित नहीं होगा।

ये भी पढ़ें:सालों बाद याद आया: एक पत्र से शिक्षिकाओं की उड़ी नींद, की कलेक्ट्रेट से गुहार

जून की गर्मी में खुलेंगे स्कूलः शिक्षक उतरे विरोध में, उठाए सवाल

पत्र में ग्रीष्म कालीन छुट्टियों को लेकर कही ये बात

प्राइमरी स्कूलों की शैक्षिक गतिविधियों के संचालन संबंधी बेसिक शिक्षा विभाग के नए आदेश का प्राथमिक शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में इस बात पर एतराज किया गया है कि प्राथमिक स्कूलों की ग्रीष्म कालीन छुट्टियां बीस मई से पंद्रह जून तक रहेंगी जबकि शीतकालीन अवकाश 31 दिसबंर से 14 जनवरी तक प्रभावी रहेगा।

शिक्षक संघ का कहना है

शिक्षक संघ का कहना है कि यह आदेश पूरी तरह अव्यहारिक है। उत्तर भारत में जून माह के दौरान तीव्र गर्मी होती है ऐसे में छोटे बच्चों को सोलह जून से स्कूल बुलाना किसी भी तरह से उचित नहीं होगा। इसी तरह एक अप्रैल से तीस सितंबर तक प्राथमिक स्कूलों को सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक खोलना भी उचित नहीं होगा।

जून की गर्मी में खुलेंगे स्कूलः शिक्षक उतरे विरोध में, उठाए सवाल

ये भी पढ़ें:महा अमीर शख्स: दुनियाभर में बजाता इनका डंका, अरबों-खरबों की संपत्ति के मालिक

लखनऊ संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया

लखनऊ संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत शिक्षण काल के दौरान कोई भी शिक्षक बैंक पासबुक संबंधी कार्य,ग्राम प्रधान से वार्ता,चेक पर हस्ताक्षर, एमडीएम जैसे विभिन्न कार्यों को नहीं कर सकेंगे। ऐसे में रसोई गैस सिलिंडर की व्यवस्था करने और बैंक संबंधी कार्य कैसे पूरे होंगे। इन सभी कार्यों को स्कूल खुलने की समय अवधि में ही करना संभव होता है । ग्राम प्रधान से मिलने के लिए स्कूल शिक्षिकाओं को अगर स्कूल बंद होने का इंतजार करना होगा तो देर शाम होने की स्थिति में उनकी सुरक्षा का दायित्व किस पर होगा। इन नियमों के विपरीत जिला प्रशासन अपनी इच्छा से स्कूल शिक्षकों को प्रभात फेरी, मानव श्रंखला जैसे अनेक कार्यों में लगा देता है। इस तरह के अव्यवहारिक निर्देशों से शिक्षकों की परेशानी बढेगी और शैक्षणिक माहौल पर विपरीत असर पड़ेगा।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story