×

शिक्षकों की सीएम से गुहार: मत छीनो नौकरी, मर जाएंगे भूखे

शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को लेकर विवादों में घिरे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अब एक नया मामला तूल पकड़ने लगा है।

Newstrack
Published on: 26 July 2020 12:01 PM
शिक्षकों की सीएम से गुहार: मत छीनो नौकरी, मर जाएंगे भूखे
X

जौनपुर: शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को लेकर विवादों में घिरे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अब एक नया मामला तूल पकड़ने लगा है। राज्य परियोजना निदेशक के एक पत्र से शिक्षकों के नौकरी समाप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। हलांकि की शिक्षक अपने युनियन के माध्यम से संघर्ष कर रहे है लेकिन यह माना जा रहा है कि यदि निदेशक ने अपने आदेश को वापस न लिया तो जिला ही नहीं प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षको की घर वापसी हो सकतीं हैं।

आपको बता दे कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का संचालन वर्ष 2005 -06 के सत्र से प्रदेश में किया जा रहा है विगत लगभग 15 वर्षों से इस विभाग में संविदा पर शिक्षक काम कर रहे हैं। प्रति वर्ष इनका नवीनीकरण विभाग द्वारा किया जाता है। अब तक किसी अधिकारी ने शासन की गाइड लाइन का हवाला देकर इनको निकालने की प्रक्रिया नहीं किया लेकिन वर्तमान निदेशक ने पत्रांक संख्या 230 /20-21, 14 जुलाई 20 को एक आदेश जारी कर उक्त अवधि से कार्यरत शिक्षकों को बाहर करने का अनुशंसा कर दिया है।

ये भी पढ़ें:अब ग्राहकों को धोखा देना ज्वेलर्स को भी पड़ेगा भारी, सरकार ने लागू किया ये नियम

यहाँ जानकारी दे दे कि 12 दिसम्बर 2013 को शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के पैरा 34 में सभी शिक्षकों को पूर्ण कालिक माना गया और शिक्षको का चयन शासनदेश के मानक के अनुरूप किया गया। बाद में विवाद उत्पन्न होने की दशा में मामले को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक याचिका दायर किया गया जो आज भी विचाराधीन है। लेकिन निदेशक ने उसको नजरअन्दाज करते हुए आदेश निर्गत कर दिया है। हलांकि इसके खिलाफ शिक्षक युनियन ने मुख्यमंत्री सहित विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव को पत्र भेज कर इसमें हस्तक्षेप कर शिक्षकों के साथ न्याय करने की मांग किया है। साथ ही यह भी मांग है कि आदेश दिनांक 14 जुलाई 20 पत्रांक संख्या 2302 /20वापस किया जाये।

यहाँ सवाल इस बात का है कि जब शिक्षकों के नवीनीकरण प्रति वर्ष किये जा रहे थे, तब विभाग कहाँ सो रहा था उसे गाइडलाइन क्यों नहीं दिखी। अब जब प्रत्येक शिक्षक ने 15 साल तक नौकरी कर लिया है। तब गाइडलाइन नजर आ रही है ऐसे में शिक्षक कहाँ जायेंगे। एक सूचना के मुताबिक विभाग ने पत्रांक संख्या 2302 /20 को वापस न लिया, तो जनपद जौनपुर के 19 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के लगभग एक दर्जन से अधिक शिक्षक घरों को जाने के लिए मजबूर हो जायेगे। प्रदेश के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से लगभग एक हजार से अधिक शिक्षक बेरोजगारी के दंश झेलने को मजबूर हो सकते है।

ये भी पढ़ें:बड़ी खबर: बाइक पर बैठने वालों के लिए सरकार बनाएगी ये नए नियम

इस तरह अभी तक यह विभाग जालसाजों का दंश झेल ही रहा है कि अब विभागीय संकट से शिक्षकों के समक्ष एक गम्भीर समस्या खड़ी हो गयी है। सरकार शिक्षकों के साथ खड़ी होगी या विभाग के तुगलकी फरमान के साथ यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन शिक्षकों के उपर गाज गिरने पर यह मुद्दा राजनैतिक स्वरूप ले सकता है ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story