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अब ग्राहकों को धोखा देना ज्वेलर्स को भी पड़ेगा भारी, सरकार ने लागू किया ये नियम

केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक, 'ग्राहक जब भी सोना खरीदने जाएं तो हॉलमार्क देखकर ही सोना खरीदें।

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Published on: 26 July 2020 4:33 PM IST
अब ग्राहकों को धोखा देना ज्वेलर्स को भी पड़ेगा भारी, सरकार ने लागू किया ये नियम
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नई दिल्ली: अब ज्वेलर्स अपने ग्राहकों के साथ ठगी नहीं कर पाएंगे। क्योंकि अब उनकी चोरी पर भी शिकंजा कसा जाएगा। देश में लागू होने वाला नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 सोने के गहनों पर भी लागू होगा। ऐसे में अगर अब 22 कैरेट का सोना बताकर 18 कैरेट का सोना बेचा जाता है तो जूलर्स को जुर्माना और जेल भी हो सकता है। यानी कि अब जूलर्स अपने ग्राहकों के साथ धोखा नहीं कर पाएंगे।

हॉलमार्क देखकर ही खरीदें सोना

ग्राहकों के साथ हो रही ठगी को देखते हुए केंद्र सरकार ने गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ही नए कानून लेकर आई है। सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्क की व्यवस्था भी अब देश में 15 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगी। नया उपभोक्ता कानून लागू हो जाने के बाद अब हॉलमार्किंग के नियम का पालन करना और सख्त हो जाएगा। बता दें कि बढ़ते कैरेट के साथ सोने के गहनों की गुणवत्ता और कीमत में अंतर आता है। यानी जितने अधिक कैरेट का सोना होगा उतना ही महंगा होगा। ग्राहक सोना खरीदते समय उसकी क्वालिटी पर जरूर ध्यान देते हैं।

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केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक, 'ग्राहक जब भी सोना खरीदने जाएं तो हॉलमार्क देखकर ही सोना खरीदें। हॉलमार्क एक तरह की सरकारी गारंटी है और इसे देश की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी (BIS) तय करती है। हॉलमार्क देखकर खरीदने का यह फायदा है कि अगर आप निकट भविष्य में जब भी इसे बेचने जाएंगे तो आपको कम दाम नहीं मिलेंगे। बल्कि आपको सोने का खरा दाम मिलेगा। केंद्र सरकार की तरफ से 15 जसकतनवरी 2020 को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। लेकिन एक साल बाद यानी 15 जनवरी 2021 से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी।'

अब ज्वेलर्स को हो सकती जेल भी

इस फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने ज्वेलर्स को एक साल का समय दिया है। क्योंकि जूलर्स अपना पुराना स्टॉक एक साल में क्लीयर कर सकें। देश में हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या को भी बढ़ाया जा रहै है। एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश में 900 के आस-पास हॉलमार्किंग केंद्र हैं, जिसे और बढ़ाया जा रहा है।

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हॉलमार्क अनिवार्य किए जाने और नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू हो जाने के बाद अब अगर कोई ज्वेलर्स नियमों का पालन नहीं करता है उस पर जुर्माना के साथ जेल का भी प्रावधान किया गया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के मुताबिक अब ज्वेलर्स पर एक लाख रुपये का जुर्माना और एक साल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माने के तौर पर सोने की कीमत का पांच गुना तक चुकाने का प्रावधान भी किया गया है।

हॉलमार्क से होती है शुद्धता की पहचान

बता दें कि ज्वेलरी में हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का प्रमाण है। हॉलमार्किंग से जूलरी में कितना सोना लगा है और दूसरे मेटल कितने हैं लगे हैं इसका पता चलता है। सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए हॉलमार्क किया जाता है। प्रमाणित ज्वेलरी पर बीआईएस का चिन्ह होता है और यह प्रमाणित करता है कि ज्वेलरी भारतीय मानक ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड पर खतरा उतरता है।

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अगर सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्ध प्रमाणित है। असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वेलरी निर्माण का साल और उत्पादक का भी लोगो होता है।



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