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सीतापुर के खैराबाद में तनाव लेकिन प्रशासन की पैनी नजर, थाम लिया बवाल

खैराबाद कस्बे के निकट ही महर्षि श्री लक्षमण दास उदासीन आश्रम की बडी संगत के प्रबंधन महंत बजरंग मुनिदास यहां पिछले दो साल सक्रिय हैं।

Roshni Khan
Published on: 17 Feb 2021 10:20 AM GMT
सीतापुर के खैराबाद में तनाव लेकिन प्रशासन की पैनी नजर, थाम लिया बवाल
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सीतापुर के खैराबाद में तनाव लेकिन प्रशासन की पैनी नजर, थाम लिया बवाल (PC: social media)

सीतापुर: खैराबाद में दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष के बाद उपजे तनाव को प्रशासन ने फिलहाल थाम लिया है लेकिन, जमीन को लेकर चल रहे विवाद को जड़ से खत्म न किया गया तो यहां टकराव की आशंका बनी रहेगी। इसी आशंका के चलते डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी आरपी सिंह ने कस्बा व आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। फिलहाल शांति है पर तनाव भी बरकरार है। इस बीच साध्वी प्राची ने यहां आकर पुलिस प्रशासन पर ही लापरवाही का आरोप लगाकर प्रदर्शन की चेतावनी दे डाली है। प्रशासन ने प्राचाी को रास्ते में ही रोक कर वापस कर दिया।

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विवाद के पीछे ये है मुख्य वजह

खैराबाद कस्बे के निकट ही महर्षि श्री लक्षमण दास उदासीन आश्रम की बडी संगत के प्रबंधन महंत बजरंग मुनिदास यहां पिछले दो साल सक्रिय हैं। महंत का कहना है कि संगत की जमीन को स्थानीय लोगों ने कब्जा कर रखा है। गलत तरीके से भूअभिलेखों में भी फेरबदल कर लिया गया है। खाली जमीन समेत आम की बाग भी विवादित है। इसी मसले को लेकर यहां कई बार टकराव की नौबत आ चुकी है। मारपीट की घटनाएं हो चुकीं हैं। महंत पर भी हमला हो चुका है।

महंत की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा कर्मी भी उपलब्ध कराए गए हैं

महंत की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा कर्मी भी उपलब्ध कराए गए हैं जो 24 घंटे तैनात रहते हैं। बताते हैं कि मंगलवार को अतीक, सलमान और लईक बाग में कीटनाशक दवा का छिडकाव कर रहे थे। महंत ने विरोध किया तो दोनों पक्ष उलझ गए। मारपीट होने लगी। धारदार हथियार से हमला किया गया। जिसमें अतीक, सलमान, लइक और महंत घायल हो गए। महंत का एक गनर बीच बचाव कर रहा था, उसे भी चोट लगी है। महंत समेत घायलों को कल ही इलाज के लिए लखनउ रेफर कर दिया गया था। हालांकि किसी की हालत गंभीर नहीं थी।

घायल होने की सूचना के बाद फैली सनसनी

महंत के घायल होने के बाद बजरंग दल के तमाम कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचने लगे। दूसरे पक्ष से भी लोग एकत्र होने लगे। इस बीच डीएम विशाल भारद्वाज, एसपी आरपी सिंह मौके पर पहुंच कर चप्पे चप्पे पर पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात करवा दिया। संदिग्ध लोगों पर नजर रखी गई। जिसके चलते बढ रहे तनाव को तत्काल काबू में करने में प्रशासन को कामयाबी मिल गई।

शाम को स्थानीय पीस कमेटी की बैठक बुलाई गई। जिसमें शहर से तमाम गणमान्य लोग पहुंचे। प्रशासन को आश्वासन दिया कि इस विवाद से आम लोगों का कोई मतलब नहीं है। यहां लोग पूर्व की तरह भाईचारा बनाकर चलेंगे। प्रशासन की ओर से कहा गया कि अशांति फैलाने का प्रयास करने वालों की सूचना तत्काल दी जाए। कठोर कार्रवाई की जाएगी।

महंत धर्मेंद्र दास ने की शांति की अपील

इस बीच उदासीन अखाडा के महंत धर्मेंद्र दास मौके पर पहुंचने का प्रयास करने लगे जिन्हें नैपालापुर के पास रोक लिया गया। हालांकि महंत ने शांति की अपील की और प्रशासन से मांग की कि मामले की जांच कराई जाए। उधर पश्चिमी यूपी में हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर सुर्खियों में रहने वाली साध्वी प्राची भी पहुंची। उन्हें भी रास्ते में रोक लिया गया। वह पैदल ही आगे बढीं, पर प्रशासन ने जाने नहीं दिया। प्राची का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण महंत बजरंग दास पर हमला हुआ है। बहरहाल, प्रशासन और पुलिस के अधिकारी अभी भी मौके पर डटे हैं। पूरे इलाके में पुलिस बल तैनात है।

डीएम ने कहा, अतीक के नाम दर्ज जमीन

इस बीच डीएम विशाल भारद्वाज ने कहा कि जिस जमीन को महंत बजरंग ने संगत की बताई है वह अतीक और उसके भाई के नाम दर्ज है। जबकि महंत का कहना है कि जमीन और बाग संगत की है। जिसे अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया है।

महंत की आमद से बढ़ा है तनाव

स्थानीय लोगों का कहना है कि संगत की देखरेख पहले नहीं की जाती थी। संगत की कितनी जमीन है कोई नहीं जानता था। कोई महंत भी नियमित नहीं रहता था। इधर महंत बजरंग दास करीब दो साल पहले से यहां आने लगे। यहां वे रहने लगे। संगत की जमीन पर कब्जा जमाने के लिए हथियारों का प्रदर्शन भी करते रहे। संगत के आसपास फटकने वाले दूसरे समुदाय के लोगों की पिटाई भी कर चुके हैं।

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कई विवादित बयान भी वायरल हो चुके हैं। उन पर हमला होने के कारण ही सुरक्षा कर्मी दिए गए। पीएसी भी तैनात रहती है। इसके बावजूद बसंत पंचमी के दिन खूनी संघर्ष होने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि खैराबाद में सभी समुदाय के लोग मिलजुकर रहते आ रहे हैं। कभी तनाव की नौबत नहीं आ सकी। लेकिन बजंरग दास के मौजूदगी के बाद से हालत बदलने लगे हैं। प्रशासन ने निष्पक्ष भाव से कठोर कार्रवाई कर पूरे विवाद का खात्मा जड से नहीं किया तो इलाके की शांति भंग हो सकती है।

रिपोर्ट- पुतान सिंह

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