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किसान नेताओं की हत्या की साजिश: हुआ चौंकाने वाला खुलासा, सुरक्षा एजेंसियां हैरान

रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेताओं को लेकर ये साजिश रचने वाले बेल्जियम व ब्रिटेन से हैं। ये ऐसा प्लान बना रहे हैं, ताकि दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं को हटाया जा सके।

Shreya
Published on: 17 Feb 2021 10:00 AM GMT
किसान नेताओं की हत्या की साजिश: हुआ चौंकाने वाला खुलासा, सुरक्षा एजेंसियां हैरान
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किसान नेताओं की हत्या की साजिश: हुआ चौंकाने वाला खुलासा, सुरक्षा एजेंसियां हैरान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं को निशाने पर लेकर वैश्विक साजिश रची जा रही है। जिसके पीछे खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) का हाथ सामने आया है। रॉ और अन्य खुफिया एजेंसियों ने केसीएफ की साजिश के बारे में जानकारी दी है।

KCF ने रची ये साजिश

खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) ने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के नेताओं को निशाना बनाने की साजिश रची है। इस रिपोर्ट को केंद्र की दो खुफिया एजेंसियों रॉ और इंटेलिजेंस ब्‍यूरो (IB) ने तैयार की है। एजेंसियों का कहना है कि इनका निशाना वह किसान नेता है जो पहले पंजाब से KCF कैडर को निपटाने में शामिल रहा है।

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क्या बताया गया है रिपोर्ट में

बता दें कि खुफिया एजेंसियों ने कुछ दिन पहले ऐसे ही एक मामले में रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेताओं को लेकर ये साजिश रचने वाले बेल्जियम व ब्रिटेन से हैं। ये ऐसा प्लान बना रहे हैं, ताकि दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं को हटाया जा सके।

TERRORISTS (फोटो- सोशल मीडिया)

KCF का मानना था कि इस समय किसान नेता की अगर हत्‍या हो जाती है तो इससे भारत में हिंसा बढ़ेगी और इसका आरोप भी सरकारी एजेंसियों या एक राजनीतिक पार्टी पर फोड़ा जाएगा। बता दें कि केसीएफ एक आतंकी संगठन है, जो भारत में होने वाले अनेकों हत्या के मामले में शामिल है। इस संगठन में पाकिस्तान, कनाडा, ब्रिटेन और बेल्जियम जैसे देश कोे लोग शामिल हैं।

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ट्रैक्टर रैली से पहले भी एजेंसियों ने किया था आगाह

बताते चलें कि खुफिया एजेंसियों ने 26 जनवरी के दिन हुई ट्रैक्टर रैली से पहले भी सरकार को आगाह किया था। एजेंसियों ने कहा था कि बाहरी तत्व इस आंदोलन पर कब्जा जमा सकते हैं और हिंसा भड़का सकते हैं। इसके बाद भी सरकार द्वारा किसानों को आंदोलन का हक इसलिए दिया गया क्योंकि यह उनका लोकतांत्रिक हक है।

वहीं ऐसा हुआ भी कि ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों की भूमिका सामने आई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान प्रायोजित अराजक तत्व और खालिस्तानियों से सहानुभूति रखने वाले लोग किसानों के इस आंदोलन में बेहद सक्रिय हैं और स्थिति को खराब करने की फिराक में है।

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