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'अवधी फागोत्सव' का दसवां दिन,राजधानी में गूंजे गंवई गीत

इस मौके पर लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया-'कि लुप्त हो रही होली बैठकी की परम्परा को आगे बढ़ाने की दृष्टि से संस्थान द्वारा अवधी फागोत्सव के अन्तर्गत दस दिनों से प्रतिदिन बैठकी की जा रही है,

Shivakant Shukla
Published on: 17 March 2019 10:26 AM IST
अवधी फागोत्सव का दसवां दिन,राजधानी में गूंजे गंवई गीत
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शाश्वत मिश्रा

लखनऊ: ग्राम्यांचल में मशहूर शिवप्रसाद की डेढ़ताल और रामउजागिर के उलारा गीतों के स्वर राजधानी में गूंजे। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा अवधी फागोत्सव के अन्तर्गत चल रही संगीत बैठकी के दसवें दिन शनिवार को केजीएमयू नेत्र विभाग की अध्यक्ष डा. विनीता सिंह के न्यू हैदराबाद स्थित आवास पर लोगों ने जमकर फाग गाया।

इस मौके पर लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया-'कि लुप्त हो रही होली बैठकी की परम्परा को आगे बढ़ाने की दृष्टि से संस्थान द्वारा अवधी फागोत्सव के अन्तर्गत दस दिनों से प्रतिदिन बैठकी की जा रही है|

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उन्होंने बताया कि रविवार को गोमतीनगर के पुलिस इन्क्लेव स्थित पुलिस उप महानिदेशक असित कुमार पाण्डा के आवास पर, 18 मार्च को जानकीपुरम, 19 मार्च को सुशान्त गोल्फ सिटी व 20 मार्च को राजाजीपुरम में होली की बैठकी होगी तथा इसका समापन शीतलाष्टमी को अर्जुनगंज में किया जायेगा।

कार्यक्रम में अवध के गांवों में गाये जाने वाले पारम्परिक होली गीतों में शिवप्रसाद के 'कैसे कटिहैं फगुनवा की राती, घर नाही मोर सजन संघाती, जियौं मैं केहि भांती' तथा राम उजागिर के उलारा 'सैयाँ न आये भवनवा हमारे, बैरी फागुन नगिचावा है, बैरी फागुन' आदि गीतों से बैठकी गुलजार हुई।

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बैठकी में संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष अच्छेलाल सोनी, वरिष्ठ संगीतज्ञ केवल कुमार, डा. विनीता सिंह, मशहूर तबला नवाज शेख इब्राहिम, सौरभ कमल, गौरव गुप्ता, सर्वेश माथुर और कनक वर्मा आदि के साथ ही क्षेत्रीय लोगों ने पारम्परिक फाग गाये एवं एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।



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