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22 साल के इस युवा ने फिल्म से प्रेरणा लेकर बना दी देश की पहली मैनुअल सेनेट्री नैपकिन मशीन

नोएडा के 22 वर्षीय कार्तिक कमल कुमार ने देश की पहली मैनुअल सेनेट्री नैपकीन वेडिंग मशीन बनाकर मदर्स डे पर मां सीमा कमल कुमार को समर्पित कर दिया है। जो बिना बिजली के आसानी से संचालित की जा सकेगी।

Aditya Mishra
Published on: 8 March 2019 1:19 PM GMT
22 साल के इस युवा ने फिल्म से प्रेरणा लेकर बना दी देश की पहली मैनुअल सेनेट्री नैपकिन मशीन
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नोएडा: नोएडा के 22 वर्षीय कार्तिक कमल कुमार ने देश की पहली मैनुअल सेनेट्री नैपकिन वेडिंग मशीन बनाकर मदर्स डे पर मां सीमा कमल कुमार को समर्पित कर दिया है। जो बिना बिजली के आसानी से संचालित की जा सकेगी। जिसमें पांच का सिक्का डालकर आसानी से सेनेट्री नैपकिन को प्राप्त किया जा सकता है। उनका यह कारनामा प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को साकार कर रहा है। जिसमें वर्ष 2014 में देश की जनता को मेक इन इंडिया को मजबूत करने का वादा किया था।

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उनकी इस प्रतिभा को देखकर पिता कमल कुमार ने नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन (एनइए) अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन के सहयोग से शहर की प्रत्येक फैक्ट्री व कंपनियों में इसको पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही शहर में पांच स्थलों पर मुफ्त मशीन को लगवाने का फैसला लिया है।

इसमें सेक्टर-27 अट्टा बाजार-18 मार्केट, सेक्टर-29 स्थित गंगा शॉपिंग माल स्टेट जीएसटी कार्यालय, नोएडा प्राधिकरण कार्यालय, मोरना बस अड्डा, नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन कार्यालय शामिल है। शुक्रवार को मशीन को देखन के लिए नोएडा के उद्यमी सेक्टर-5 स्थित कोकोटावा कंपनी में पहुंचे। मशीन देखकर जमकर सराहना की।

पैडमैन देखकर मिली प्रेरणा

कार्तिक कमल कुमार बताते है "वर्ष 2018 में मैं एसपी जैन, मुंबई मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन(एमबीए) की पढ़ाई को पूरा करने के लिए सिंगापुर व दुबई गया था। उसी दौरान बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन रिलीज हुई। जिसे मैंने देखा और इस विषय पर गंभीरतापूर्वक सोचा। दिमाग में सिर्फ अपनी मां की पीड़ा याद आई।

इसके बाद मैंने अपनी इस पीड़ा को साझा किया और पाया कि विदेश में शॉपिंग माॅल, लेडीज वाॅसरूम, एयरपोर्ट पर महिलाओं को वेडिंग मशीन के जरिए सेनेट्री नैपकीन उपलब्ध कराई जाती है।

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देश भर में किया सर्वे, सामने आया सच

पढ़ाई पूरी करने के बाद जब मैं घर नोएडा आया, तो दिमाग में पैडमैन के विचार शामिल थे। मैंने शहर से लेकर देश भर के तमाम जगहों पर जाकर खुद तीन माह तक सर्वे किया, पाया कि केवल उच्च वर्ग के लोग जहां पर आते जाते है, वहां पर सेनेट्री वेडिंग मशीनों को लगाया गया है, यह सभी मशीन इलेक्ट्रॉनिक्स है, लेकिन आम महिला को कही पर भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है।

ऐसे में उन्हें बाजार या शाॅपिंग माल में आपातकालीन स्थिति में सेनेट्री नैपकीन की उपलब्धता आवश्य है। ऐसे में मैंने मैनुअल सेनेट्री नैपकिन वेडिंग मशीन बनाने का फैसला लिया। जिससे इसे बिना बिजली के संचालित किया जा सके।

इसकी कीमत को भी आम लोगों की जद में लाने पर कार्य किया। ऐसे में दो माह के अथक परिश्रम के बाद मशीन को विकसित कर दिया गया। यह देश की पहली मैनुअल सेनेट्री नैपकिन वेडिंग मशीन है, जो मैनुअल संचालित होती है।

शुल्क मुक्त भी नैपकिन

मशीन को इस प्रकार से तैयार किया गया है, जिससे इसमें 25 (5200 रुपये), 50(8200 रुपये), 100(12000 रुपये) नैपकिन के लिए कैसेट लगाया जा सके। नैपकिन को बाहर निकालने के लिए पांच व दस रुपये के सिक्के की सेंटिंग की गई है। जिसका भार मिलते ही नैपकिन बाहर आ जाती है। यदि कोई कंपनी या फैक्ट्री संचालन अपने यहां काम करने वाली महिला कर्मचारियों को मुफ्त यह सुविधा उपलब्ध कराना चाहता है तो उसकी सेटिंग भी मशीन के अंदर हो सकती है।

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