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सबसे बड़े सूर्य ग्रहण के ये 6 घंटे, लोगों ने बिताए ऐसे, किये ये काम

रविवार को सूर्यग्रहण का नज़ारा पूरे देश में नजर आया। जिले में भी सैकड़ों लोगों ने सूर्यग्रहण का नज़ारा देखा। इस बार का सूर्यग्रहण कई मायनों में विशेष था।

Aradhya Tripathi
Published on: 21 Jun 2020 3:39 PM GMT
सबसे बड़े सूर्य ग्रहण के ये 6 घंटे, लोगों ने बिताए ऐसे, किये ये काम
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झांसी: साल के पहले सूर्यग्रहण का अद्भुत नज़ारा नगरवासियों ने भी देखा। पूर्वाह्न लगभग साढ़े 10 बजे से सूर्य की किरणों का प्रकाश कम होने लगा और एक समय तो सायंकाल जैसा अंधकार हो गया। दोपहर बाद सूर्यग्रहण समाप्त होने के पश्चात लोगों ने स्नान कर दान-पुण्य किए। वहीं सैकड़ों लोगों ने इस खगोलीय घटना को दूरबीन जैसे उपकरण से देखकर लुत्फ उठाया।

जिले में लोगों ने देखा सूर्य ग्रहण का नजारा

सूर्यग्रहण को लेकर हमारे समाज में ज्योतिषी विद्वानों व वैज्ञानिकों के विचार भिन्न-भिन्न हैं। ज्योतिष विद्वानों का मत है कि सूर्यग्रहण का मनुष्यों पर प्रभाव पड़ता है जबकि वैज्ञानिक इसे एक खगोलीय घटना मानते हैं। रविवार को सूर्यग्रहण का नज़ारा पूरे देश में नजर आया। जिले में भी सैकड़ों लोगों ने सूर्यग्रहण का नज़ारा देखा। इस बार का सूर्यग्रहण कई मायनों में विशेष था। वैज्ञानिकों के अनुसार रविवार को वलयाकार सूर्यग्रहण था। इसमें एक समय चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है लेकिन उसके चारों ओर थोड़ा-थोड़ा प्रकाश दिखायी देता है। इस प्रकार एक वलय अर्थात गोल छल्ला बन जाता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में रिंग ऑफ फ़ायर कहते हैं।

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यह घटना कई वर्षो में एक बार ही घटित होती है। रविवार को रिंग ऑफ फ़ायर देखने के लिए सैकड़ों लोगों ने विशेष दूरबीन, लेंस का प्रयोग किया। वे यह खगोलीय घटना देखकर रोमांचित हो उठे। अनेक लोगों ने टीवी में ही सूर्यग्रहण का नज़ारा देखा। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण कहीं भी लोगों की भीड़ एकत्रित नहीं होने दी गई। सूर्यग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व ही सूतक प्रारंभ हो गया था। सूतक से पहले ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। दोपहर बाद सूर्यग्रहण समाप्त होने पर मोक्ष के उपरांत मंदिरों में भगवान को स्नान कराया गया और मंदिरों में विधि-विधान से गंगाजल, तुलसीदल आदि से अभिषेक कर शुद्धिकरण किया गया। लोगों ने घरों में भी मोक्ष के बाद स्नान कर दान पुण्य किया।

राशियों के अनुसार होता है प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार सूर्यग्रहण का मनुष्यों पर प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव राशिफल के अनुसार ही होता है। कुछ राशियों के लिए तो यह शुभ एवं लाभकारी होता है जबकि कुछ राशियों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए ज्योतिष विद्वान उपचार भी बताते हैं। सूर्यग्रहण के दौरान मौसम मेहरबान रहा। आकाश पर बादलों के नहीं होने से जिले के लोगों ने आसानी से सूर्यग्रहण का नज़ारा देखा। जहाँ आसमान में बादलों ने डेरा जमाया था वहाँ के लोगों को मायूसी ही हाथ लगी।

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धरती से लाखों मील आकाश में घटित होने वाली खगोलीय घटना को देखने की उत्सुकता तो सभी की होती है किन्तु इसके लिए सावधानी बरतनी जरूरी होती है। वैज्ञानिकों का मत है कि सूर्यग्रहण का नज़ारा नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ज्यादा लापरवाही करने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है। पर अनेक लोगों ने अपने घरों की छतों से नंगी आंखों से अथवा सनग्लासेस से सूर्यग्रहण को देखने का जोख़िम उठाया।

रिपोर्ट- बी.के. कुशवाहा

Aradhya Tripathi

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