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करंट लगने से युवती की दर्दनाक मौत, ये हैं झांसी की बड़ी खबरें

समथर के मोहल्ला तिवारयाना में टेबिल फैन में आ रहे करंट लगने से 17 वर्षीय युवती की दर्दनाक मौत हो गयी। सूचना मिलने पर पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर मेडिकल कॉलेज झांसी भेज दिया।

Ashiki
Published on: 1 Jun 2020 4:59 AM GMT
करंट लगने से युवती की दर्दनाक मौत, ये हैं झांसी की बड़ी खबरें
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झाँसी: समथर के मोहल्ला तिवारयाना में टेबिल फैन में आ रहे करंट लगने से 17 वर्षीय युवती की दर्दनाक मौत हो गयी। सूचना मिलने पर पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर मेडिकल कॉलेज झांसी भेज दिया। जानकारी के मुताबिक मोहल्ला तिवरयाना निवासी पुत्तन रायकवार की पुत्री नेहा उम्र करीब 17 वर्षीय पंखा चलाने लगी उसी समय अचानक वह टेबिन फैन में आ रहे करंट की चपेट में आ गयी। जिसे आनन फानन में परिजनों द्वारा समथर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सक प्रभारी डॉ. एमपी राजपूत ने मृत घोषित कर दिया, सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

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भैंसों के साथ चार बदमाश गिरफ्तार

वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी के निर्देशन में कोतवाली प्रभारी अजय कुमार अवस्थी ने पुलिस बल के साथ ग्राम अमरा नहर के पास संदिग्ध रूप से जा रहे चार बदमाशों को हिरासत में ले लिया। जिसमें क्षेत्राधिकारी डॉक्टर अभिषेक कुमार राहुल के निर्देशन में पुलिस ने पूछताछ के दौरान आरोपी लाखन ढीमर पुत्र संतराम उर्फ पप्पू, तेजराम ढीमर पुत्र बुच्चे ढीमर, धर्मेंद्र ढीमर पुत्र परसु एवं मुकेश जमादार पुत्र हरचरण निवासी जाखौली थाना दमोह जिला भिंड को हिरासत में ले लिया।

पुलिस के अनुसार आरोपियों के पास से चोरी की चार भैंसे एवं एक पडिया बरामद हुई है। तलाशी के दौरान आरोपी लाखन ढीमर के पास 315 अवैध तमंचा तथा अन्य के पास छुरी बरामद हुई हैं। इस प्रकरण में उपनिरीक्षक दिनेश अवस्थी उपनिरीक्षक शिवपाल पाल सिंह एवं कांस्टेबल दुष्यंत कांस्टेबल शरद कुमार आरोपियों को पकड़ने में सहयोग दिया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया।

डायलोसिस यूनिट कर रही मरीजों का नि:शुल्क इलाज

जिला अस्पताल में हीमो डायलोसिस यूनिट द्वारा मरीजों का इलाज निरंतर नि:शुल्क चल रहा है। प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है और डायलिसिस होने के बाद मरीज को राहत मिल जाती है। गरिमा श्रीवास्तव (केन्द्रीय प्रबन्धक हीमो डायलोसिस यूनिट) ने जानकारी देते हुये बताया कि जिन मरीजों की किडनी काम करना बंद कर देती है उन मरीजों की यूरिन निकलने में परेशानी होती है जिसे डायलोसिस की आवश्यकता पड़ती है।

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हमारी यूनिट द्वारा निपरो डायलिसिस मशीन द्वारा यूरिन निकाली जाती है और प्रत्येक मरीज को सप्ताह का एक सेड्यूल बनाकर उसका हमारी यूनिट द्वारा डायलिसिस किया जाता है। जिला अस्पताल में लगभग 30 मरीजों का प्रतिदिन हमारी यूनिट द्वारा डायलिसिस किया जाता है।

एक मरीज का डायलिसिस करने में लगभग चार घण्टे लग जाते है। जिला अस्पताल में डायलिसिस करने के लिए दस पलंगों की व्यवस्था है जिसमें 9 निगेटिव व एक पॉजीटिव मरीज का डायलिसिस किया जाता है। गरिमा श्रीवास्तव की डायलोसिस टीम में मोहनी वर्मा (सीनियर टैक्नीशियन) व नेहा अहिरवार (सीनियर टैक्नीशियन) आदि स्टाफ मरीजों की सेवा के लिए निरंतर प्रयासरत है।

रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा

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