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विशेषज्ञ बोले, कोरोना को रोकने में सरकार फेल, अब मंडरा रहा ये बड़ा खतरा

देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार , भारत को कोविड-19 के सामुदायिक स्तर पर फैलने के जोखिम का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

suman
Published on: 1 Jun 2020 4:57 AM GMT
विशेषज्ञ बोले, कोरोना को रोकने में सरकार फेल, अब मंडरा रहा ये बड़ा खतरा
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नई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार , भारत को कोविड-19 के सामुदायिक स्तर पर फैलने के जोखिम का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि लॉकडाउन में राहत देने के कारण कोरोना वायरस बड़े पैमाने पर फैल सकता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन (तीसरा चरण) पहले ही शुरू हो चुका है। देश में लॉकडाउन का पांचवां चरण शुरू हो गया।

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कोरोना पर काबू कर पाना संभव?

विशेषज्ञों ने देश में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा भी जाहिर कर दिया है। इसे रोकने के लिए बने नेशनल टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने पत्र लिखकर पीएम मोदी को कहा है कि भारत के कई जोन में अब कोरोना का सामुदायिक संक्रमण हो रहा है, इसलिए ये मानना गलत होगा कि मौजूदा हाल में कोरोना पर काबू कर पाना संभव होगा।

कम्युनिटी ट्रांसमिशन के संभावित सबूत के लिए अप्रैल महीने में भारत की मेडिकल रिसर्च संस्था आईसीएमआर ने इस ओर इशारा किया था।हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने तब इसे नजरअंदाज कर दिया था। अप्रैल महीने में कोरोना महामारी पर निगरानी के लिए नेशनल टास्क फोर्स ने एक कमेटी गठित की थी.

25 मई को मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी तीन नामी संस्थाओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए अपनाए गए केंद्र के तरीकों की आलोचना की है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में स्वास्थ्य मंत्रालय के पूर्व सलाहकार, एम्स, बीएचयू, जेएनयू के पूर्व और मौजूदा प्रोफेसर शामिल हैं। डॉ डीसीएस रेड्डी भी शामिल हैं। डॉ रेड्डी कोरोना पर अध्ययन के लिए गठित कमेटी के प्रमुख हैं।

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पत्र में कहा गया

पीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि यदि इस महामारी की शुरुआत में ही, जब संक्रमण की रफ्तार कम थी, मजदूरों को घर जाने की अनुमति दे दी गई होती तो इस हालत से बचा जा सकता था। दिल्ली स्थित एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रमुख और रिसर्च ग्रुप के सदस्य डॉ शशिकांत ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने कहा, "यह पत्र तीन मेडिकल संस्थाओं द्वारा जारी किया गया एक संयुक्त बयान है, ये कोई निजी राय नहीं है।

विशेषज्ञों ने कहा कि लॉकडाउन खुलने पर जोखिम और बढ़ेगा। लोगों की आवाजाही बढ़ जाएगी और इससे वायरस के बड़े पैमाने पर फैलने की आशंका भी बढ़ जाएगी। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा शारीरिक दूरी बनानी होगी और मास्क पहनना एवं हाथ धोने जैसी आदतों का लगातार पालन करना होगा।

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